बहुत अधिक खाना अर्ली एजिंग और मोटापा बढ़ने का एक बड़ा कारण है। अलग-अलग स्वास्थ्य संगठन मोटापे को अलग-अलग तरीके से परिभाषित करते हैं। हालांकि सभी इस बात से सहमत हैं कि मोटापे का मतलब है शरीर में बहुत अधिक वसा होना। यह फैट अन्हेल्दी फ़ूड के अत्यधिक सेवन की वजह से भी हो सकता है। मोटापा कई बीमारियों से जुड़ा हुआ है। यह हृदय रोग और मधुमेह सहित मेटाबोलिज्म की समस्या से भी जुड़ा हो सकता है। हालिया शोध बताते हैं कि अगर आप अपने रेगुलर कैलोरी इनटेक में कटौती करें, तो अधिक उम्र में भी मोटापे को काबू किया जा सकता है। आइए जानते हैं क्या है लो कैलोरी फूड (Cutting calories to lose weight) और हेल्दी लाइफ का कनैक्शन।
अमेरिका के कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी में अधिक उम्र की मोटी मक्खियों (Research on Fat Flies) पर रिसर्च किया गया। मोटापे से ग्रस्त मक्खियों को प्रतिबंधित कैलोरी आहार दिया गया। जिससे इनका न सिर्फ मोटापा घटा, बल्कि उनका लाइफ स्पैन भी बढ़ गया।
यह प्रमाणित हो चुका है कि उम्र बढ़ने पर मेटाबोलिक एक्टिविटी घटती है, जिससे मोटापे को घटाना आसान हो जाता है। इस शोध के आधार पर वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि मोटे मनुष्यों को भी अधिक उम्र में कैलोरी कम करने से समान लाभ मिल सकता है।
जर्नल ऑफ़ ओबेसिटी एंड मेटाबोलिक सिंड्रोम के शोध निष्कर्ष के अनुसार, अत्यधिक कैलोरी वाले भोजन के कारण मोटापा बढ़ता है। इससे शरीर के वजन को कम करने के प्रयास भी बाधित हो सकते हैं। कैलोरी बर्न की तुलना में अधिक कैलोरी का सेवन समस्या को बढ़ा सकता है। इसका मतलब यह नहीं हो सकता है कि कैलोरी के सेवन को बिलकुल कम कर देना है।
इसके लिए सचेत रूप से कैलोरी काउंट करना सबसे अच्छा समाधान है। यदि सही तरीके से एनर्जी इंटेक पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो यह मेटाबोलिक रेट को कम कर सकता है। इससे कम किया गया वजन फिर से बढ़ सकता है। यही वजह है कि डाइटिंग के बावजूद वजन बढ़ जाता है। शोध यह सिफारिश करता है कि कैलोरी गेन और कैलोरी बर्न को संतुलित किया जाए।
जर्नल ऑफ़ ओबेसिटी एंड वेट लॉस थेरेपी जर्नल के अनुसार, जितना अधिक शरीर का वजन होता है, शरीर को मूव करने और कार्य करने में उतनी ही अधिक ऊर्जा लगती है। इसका मतलब यह है कि समान गतिविधि करने वाले लाइट वेट वाले व्यक्ति की तुलना में हैवी वेट वाले व्यक्ति अधिक कैलोरी जलाएंगे। यह अधिक वजन वाले लोगों के साथ-साथ अधिक मसल्स मास वाले लोगों पर भी लागू होता है।
कम कैलोरी वाले आहार में प्रति दिन 1000-1500 कैलोरी की खपत शामिल होती है। प्रति दिन 500-750 कैलोरी की कमी वजन घटाने के लिए की जा सकती है।अधिक फैट वाले व्यक्ति का कुल ऊर्जा व्यय अधिक हो सकता है। इसलिए उन्हें 1000 – 1500 कैलोरी की कमी कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को 10-20 पाउंड वजन कम करने की जरूरत है, तो उनके लिए एनर्जी की ज्यादा कमी उनके वजन घटाने के लिए हानिकारक हो सकती है। इससे उनका मेटाबोलिज्म प्रभावित हो सकता है।
1 हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, अधिक उम्र के हों या एडल्ट सभी को वेट कंट्रोल करने के लिए कैलोरी कन्ज्यूम करने और उसे बर्न करने के बीच संतुलन होना जरूरी है। यानी आप जितना खाती या पीती हैं, उससे अधिक कैलोरी जलाएं।
2 अधिक सब्जियां, फल, साबुत अनाज, मछली, फलियां और कम वसा या वसा रहित डेयरी प्रोडक्ट लें।
लीन मीट लें।
3 आर्टिफीशियल शुगर, एडेड शुगर जैसे कैलोरी काउंट बढ़ाने वाले या बिना पोषण मूल्य वाले खाद्य पदार्थों को सीमित करें।
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