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कोरोनोवायरस फेफड़ों से पहले आपके मस्तिष्क को पहुंचाता है नुकसान : शोध

कोविड-19 के स्‍वास्‍थ्‍य पर होने वाले दुष्‍प्रभाव जांचने के लिए लगातार शोध किए जा रहे हैं। हाल ही में हुए ऐसे ही एक शोध में सामने इसके मस्तिष्‍क पर दुष्‍प्रभाव सामने आए हैं।
कोविड आपके मस्तिष्‍क को भी नुकसान पहुंचा सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 29 Jan 2021, 21:14 pm IST
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साल भर बीत जाने के बाद भी कोरोनावायरस के प्रसार के तरीके और दुष्‍प्रभाव पर हम पूरी तरह से जागरुक नहीं हो पाए हैं। श्‍वसन प्रणाली और फेफड़ों को बुरी तरह नुकसान पहुंचाने वाला यह वायरस आपके शरीर के कई अन्‍य अंगों को भी प्रभावित करता है। इसी संदर्भ में हुए एक नए शोध ने स्‍वास्‍थ्‍य जगत में हलचल मचा दी है। शोध में सामने आया है कि कोरोनावायरस फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने से पहले मस्तिष्‍क पर आघात करता है।

 क्‍या कहता है शोध 

चूहों पर हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोविड -19 का वायरस जब नासिका के द्वारा चूहों के शरीर में प्रवेश करता है, तो पहले वह उनके मस्तिष्क को प्रभावित करता है और बाद में फेफड़ों को। टीम ने पाया कि संक्रमित चूहों के फेफड़ों में वायरस का स्तर संक्रमण के तीन दिन बाद चरम पर था और फिर घटने लगा।

मस्तिष्‍क पर वायरस का प्रभाव 

हालांकि, पांचवें और छठे दिन सभी प्रभावित चूहों के दिमाग में संक्रामक वायरस के उच्च स्तर पाए गए। जो तब होता है जब गंभीर बीमारी के लक्षण स्पष्ट हों। जिसमें श्वास लेने में तकलीफ, भटकाव और कमजोरी शामिल है। साथ ही यह भी सामने आया कि, मस्तिष्क में वायरस का स्तर बाकी शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में लगभग 1,000 गुना अधिक था।

कोविड-19 आपके मस्तिष्‍क को भी आघात पहुंचाता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

प्रमुख शोधकर्ता मुकेश कुमार, सहायक प्रोफेसर, अमेरिका में जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी ने कहा कि: “हमें अब तक लग रहा था कि यह है कि एक श्वसन तंत्र संबंधी बीमारी है। मगर ऐसा ज़रूरी नहींं है यह मस्तिष्क को संक्रमित कर सकता है।

यह आपके पूरे शरीर को चोट पहुंचा सकता है 

यह किसी भी चीज को प्रभावित कर सकता है क्योंकि मस्तिष्क आपके फेफड़ों, हृदय, सभी को नियंत्रित करता है। मस्तिष्क एक बहुत ही संवेदनशील अंग है। यह हर चीज का केंद्रीय प्रोसेसर है”।

दुनिया अभी भी कोरोनावायरस महामारी से उबर रही है। आज तक, दुनिया भर में कोरोना वायरस के 96 मिलियन से अधिक मामले सामने आये है और 2 मिलियन से अधिक मौतें हुई हैं। इस समय सभी के लिए आशा की किरण सिर्फ कोरोनावायरस का टीकाकरण है। शुक्र है कि ड्राइव 16 जनवरी से भारत में ज़ोरों- शोरों से शुरू हो चुकी है।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

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