पिछला साल हम सभी के लिए कठिन रहा है! इस वर्ष हमने व्यक्तिगत और वृहत रूप से बहुत कुछ गवांया है| लाखों परिवार उस दर्द से गुज़रे जिसकी उन्होंने सपने में भी कल्पना नही की थी। मानवता के लिहाज से ये साल कठिन रहा।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया भर में लॉकडाउन की अनिश्चितता ने बड़ी संख्या में लोगों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है। लोग अब भी इसके दुष्परिणाम भुगत रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि आम तौर पर कोविड-19 से पीड़ित एक व्यक्ति दो सप्ताह में ठीक हो जाता है, लेकिन ऐसे लोग हैं जो इस बीमारी की चपेट में आये और अभी तक इसके दुष्परिणाम झेल रहे हैं।
मेडिकल जर्नल, द लांसेट में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, कोरोनावायरस से उबरने के बाद लोग लंबे समय से 5 संकेतों से पीड़ित हैं। अध्ययन कहता है कि कुछ लक्षण पहले सप्ताह में सामने आते हैं और कोविड -19 ठीक हुए लोगों को लम्बी देख-रेख की ज़रुरत पड़ती है। इसमें से कुछ लक्षण निम्नलिखित है:
किसी बीमारी या वायरल संक्रमण से उबरने के बाद, हमारे शरीर को ठीक होने में समय लगता है और लोग अक्सर थकान महसूस करते हैं। लेकिन कोविड की चपेट में आये मरीज 6 महीने तक थकान और एक्स्जोसटेड महसूस करते हैं।
आपकी थकान की गंभीरता इस पर निर्भर करती है कि आप कोविड से कितने लम्बे समय तक पीड़ित रहे हैं। अध्ययन कहता है कि लगभग 63% रोगियों ने पहले लक्षणों के बाद भी लगभग छह महीने तक थकान, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द की शिकायत की थी।
कोरोनावायरस से उबरने के बाद लंबे समय तक रहने वाले या लंबे समय तक मरीज मांसपेशियों में दर्द या माइलियागिया से पीड़ित थे। Myalgia स्वस्थ ऊतकों पर हमला करता है जो पूरे शरीर में मौजूद होते हैं। जिसके परिणामस्वरूप खराश, मांसपेशियों में दर्द, सूजन और कमजोरी होती है। इस लक्षण के कारण लोगों ने पीठ दर्द और जोड़ों में दर्द की शिकायत की।
कोविड -19 से संक्रामित मरीजों को उचित नींद या आराम पाने में कठिनाई होती है। रिसर्च बताती है कि नींद की कमी भी अनिद्रा की समस्या का हिस्सा है। ये रिकवर होने नहीं देती।
कोविड- 19 से ठीक हुए लोगो में अवसाद का पता चला है| इटली के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार: लोग अवसाद, Post Traumatic Stress Disorder (PTSD), संज्ञानात्मक गिरावट, स्मृति हानि और कई तरह के मूड डिसऑर्डर से पीड़ित रहे।
लैंसेट का अध्ययन कहताा है कि 15% लोगों में चिंता या घबराहट की समस्या सामने आई है। लॉकडाउन और महामारी भी इसका एक कारण है।
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