अपने जोड़ों को स्वस्थ और लचीला बनाए रखने के लिए इन 3 योग आसनों का करें नियमित अभ्यास
योग आध्यात्मिक और शारीरिक दोनों ही तरह से लाभप्रद है। यह हमारे स्वास्थ्य को दुरुस्त रखते हुए शरीर, मन और आत्मा को एकजुट करता है। अपने व्यापक लाभों के कारण, यह उन लोगों के लिए भी एक बेहतरीन उपचार साबित होता है, जो अपने जोड़ों के स्वास्थ्य में सुधार और देखभाल करना चाहते हैं। तो, अपने योगा मैट को फिर से बिछाएं और जोड़ों के दर्द के लिए योग का उपयोग करें, यह भी आपको अधिक लचीला बना देगा।
यहां तीन सरल योगासन हैं, जिन्हे आप सप्ताह में दो या तीन बार कर सकती हैं और लाभ पा सकती हैं-
ब्रिज पोज
यह आपके रेजुवेनेशन रूटीन में एक सर्व उपयोगी आसन है जो आपके घुटनों को मजबूत बनाता है।
इस तरह करें-
फर्श पर अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को फर्श पर सेट करें।
श्वास और अपने पैरों और हाथों को फर्श पर सक्रिय रूप से दबाते हुए, अपने टेलबोन को ऊपर की तरफ धकेलें, बट को मजबूत करें, और उठाएं।
बट को फर्श से हटाएं। अपनी जांघों को समानांतर रखें। अपने पेल्विस के नीचे हाथों को पकड़ें, और बाहों के माध्यम से अपने कंधों के शीर्ष पर बने रहने में मदद करें।
अपने हिप्स को ऊपर उठाएं, जब तक कि जांघें लगभग फर्श के समानांतर न हों। लगभग 20 से 40 सेकंड तक इस मुद्रा में रहें।
सांस छोड़ते हुए रीढ़ को धीरे-धीरे फर्श पर नीचे रोल करें।
प्लैंक पोज
यह मुद्रा एब्डोमेन को टोन करती है और बांहों और रीढ़ को मजबूत बनाती है।
इस तरह करें-
टेबलटॉप स्थिति में शुरू करें। घुटनों को अपने कूल्हों के नीचे, और अपने कंधों को अपनी कलाई के साथ अलाइनमेंट करें। अपने हाथों को फर्श पर रखें और एक समय में एक पैर पीछे ले जाएं, अपने शरीर को फर्श के समानांतर लाएं।
अपनी कलाई के ऊपर अपनी भुजाओं को अंदर की ओर फैलाएं और अपने कंधे को बाहर की ओर फैलाएं।
छाती को चौड़ा रखें, टेलबोन को नीचे की ओर खींचें, जांघों को उठाएं, और पैरों के माध्यम से पीछे खीचें।
सिर को आगे की ओर धीरे से फर्श की ओर लाएं।
इसे कम से कम 5 ब्रीथिंग तक करें।
स्टैंडिंग बो पोज
यह मुद्रा स्वस्थ शरीर के संतुलन को प्राप्त करने के लिए एक अद्भुत अभ्यास है। इतना ही नहीं, यह कूल्हे की गतिशीलता बढ़ाता है, धड़ और कंधे की मांसपेशियों को टोन करता है, और रीढ़ को मजबूत करता है।
इस तरह करें-
माउंटेन पोज में खड़े हो जाएं। आपके पैर के दोनों अंगूठे छूने चाहिए। और अपनी एड़ी को लगभग एक इंच अलग करें।
अपनी हथेलियों को आगे रखें ताकि आपका सीना खुला रहे।
अपने बाएं पैर को उठाएं, अपने पीछे के पैर को मोड़ें, और एड़ी को अपनी ओर खींचने के लिए पैर को दबाएं।
बाएं हाथ के साथ वापस पहुंचें, और अपने बाएं पैर को अंदर की ओर पकड़ें।
अब दाहिने हाथ को सीधे ऊपर उठाएं। अपने दाहिने पैर को फर्श पर रखें।
शरीर को आगे की ओर खींचने की कोशिश करें, और अपनी उंगलियों तक पहुंचें।
अपने बाएं पैर को अपने बाएं हाथ में मजबूती से दबाएं, इस बल का उपयोग बाएं कूल्हे की मांसपेशियों को फैलाने के लिए करें।
30-60 सेकंड के लिए एक से दो सेट करें। दूसरी तरफ भी दोहराएं।
इन आसनों का नियमित रूप से अभ्यास करने से आप जोड़ों से संबंधित किसी भी समस्या से मुक्त रह सकते हैं।
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