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Yoga to boost Metabolism : ये 3 योगासन मेटाबोलिज्म एक्टिव कर वेट लॉस को बना सकते हैं और भी आसान

मेटाबोलिज्म एक्टिव रहने पर वजन पर कंट्रोल रहता है। शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से काम करते हैं। यहां एक्सपर्ट बता रहे हैं 3 योगासन, जिन्हें नियमित रूप से करने पर मेटाबॉलिज्म एक्टिव रखने में मदद मिलती है।
टिड्डी मुद्रा पीठ के साथ-साथ पूरे शरीर को मजबूत करती है। चित्र शटरस्टॉक।
स्मिता सिंह Published: 8 Oct 2023, 11:00 am IST
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स्वस्थ और तनाव मुक्त रहने के लिए योग सबसे अधिक जरूरी है। इससे वजन कम करने, कैलोरी बर्न करने के साथ-साथ मेटाबॉलिज्म एक्टिव रखने में भी योग मदद करता है। हालांकि यदि आपको किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है, तो योग उसका त्वरित समाधान नहीं है। लेकिन लंबे समय तक नियमित रूप से योग करने पर बढ़िया परिणाम मिल सकते हैं। आइये जानते हैं योग किस तरह मेटाबोलिज्म को एक्टिव (Yoga asanas for active Metabolism) करते हैं।

कैसे योग मेटाबोलिज्म को एक्टिव करते हैं (How Yoga Activate Metabolism)

डिवाइन सोल योग के डायरेक्टर डॉ. अमित खन्ना बताते हैं, ‘मेटाबोलिज्म में केमिकल प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। यह शरीर में ऊर्जा पैदा करती हैं, जो थायरॉयड (Endocrine Gland) से नियंत्रित होती हैं। योग एंडोक्राइन ग्लैंड पर पावरफुल और मजबूत प्रभाव डालता है। अधिक कैलोरी जलाने के लिए चयापचय या मेटाबोलिज्म को बढ़ावा दे सकता है। यदि किसी आसन में शरीर को घुमाने और दबाने की प्रक्रिया की जाती है, तो ये अंतःस्रावी और पेट के अंगों की मालिश करते हैं। उनके कार्य को रेगुलेट करते हैं। सर्कुलेशन में सुधार करते हैं और पुराने जमा हुए टोक्सिंस को साफ करते हैं।’

यहां हैं 3 योगासन जो मेटाबोलिज्म को एक्टिव कर सकते हैं (Yoga to Activate Metabolism

1 टिड्डी मुद्रा (Locust pose or salabhasana for active metabolism)

डॉ. अमित खन्ना बताते हैं, ‘टिड्डी मुद्रा पीठ के साथ-साथ पूरे शरीर को मजबूत करती है। संचार प्रणाली (circulatory system) के स्वास्थ्य में सुधार करती है। पेट के अंगों, किडनी और एड्रीनल ग्लैंड को उत्तेजित कर मेटाबोलिज्म को सक्रीय करती है।’

इस आसन को कैसे करें (How to do Locust pose)
अपनी हथेलियों को जांघों के ऊपर रखें। एड़ियों को आपस में मिलाकर पीठ के बल लेटें।
सांस भरते हुए हथेली को नीचे की ओर दबाएं और अपने पैरों को जितना हो सके ऊपर उठाएं।
ऊपर की ओर देखें और सांस लें।
धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे लाएं। अपने हाथों को छोड़ दें।
पेल्विस को जमीन की तरफ प्रेस करें। पीठ के निचले हिस्से और पेट की ताकत का उपयोग करते हुए अपने पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं।

2 धनुष मुद्रा (bow pose or Dhanurasana to activate metabolism)

धनुष मुद्रा ऊर्जा बढ़ाती है। तनाव कम करती है। हाथ और पैर मजबूत बनाती है। रीढ़ और पेट पर अच्छा प्रभाव दाल कर मेटाबोलिज्म को सक्रिय करती है।

इस आसन को कैसे करें (How to do bow pose)
अपने पेट के बल लेट जाएं, अपने हाथों को बगल में रखें।
अपने पैरों को पीछे की ओर उठाने के लिए घुटनों को मोड़ें।

धनुष मुद्रा ऊर्जा बढ़ाती है। तनाव कम करती है।। चित्र अडोबी स्टॉक

अपने हाथों से एड़ियों को ऐसे पकड़ें कि आपका शरीर एक घुमावदार धनुष जैसा दिखे।
जहां तक आपका शरीर आराम से पहुँच सके, उतना तक ही झुकें।
अपना ध्यान सांसों पर केंद्रित करते हुए कुछ सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहें।
सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने पैरों और छाती को जमीन पर लाएं

3 नौकासन (Boat pose or naukasana)

यदि इस आसन को ठीक तरीके से किया जाए, तो यह आसन रीढ़ की हड्डी को सही रखने, कोर को मजबूत करने, पाचन में सुधार करने, टोक्सिंस को शरीर से बहर निकालने और प्रजनन तन्त्र को मजबूत करने का काम करता है।
इस आसन को कैसे करें(How to do boat pose)
पीठ के बल लेटें। पैरों को एक साथ रखें और हाथों को शरीर के बगल में रखें।
सांस छोड़ते हुए पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं और बाहों को पैरों की ओर फैलाएं।
पेट की मांसपेशियां सिकुड़ने से आप पेट में हल्का तनाव महसूस कर सकती हैं।

इस आसन को ठीक तरीके से किया जाए, तो यह आसन रीढ़ की हड्डी को सही रखता है ।

गहरी सांस लेते हुए कुछ सेकंड तक इसी मुद्रा में बने रहें।
सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं।
इस मुद्रा के कई रूप हैं। हिप्स, घुटने और पीठ की समस्याओं वाले लोगों के लिए और सीखते समय इसमें संशोधन किया जाना चाहिए। योग एक्सपर्ट के निर्देशन में ही करना चाहिए

अंत में

ये तीनों आसन आसान हैं। इन्हें बिगिनर्स भी कर सकते हैं। पर गर्भवती महिलाओं, हाई ब्लड प्रेशर और पीठ के निचले हिस्से की समस्याओं वाले लोगों को ये तीनों आसन नहीं करना चाहिए।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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