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फैंसी हाइड्रेटिंग ड्रिंक्स बढ़ा सकते हैं आपका वजन, जानिए क्या होता है सेहत पर इनका असर

खान-पान वेट गेन और मोटापे की मुख्य वजह बनते हैं। इन दिनों गर्मी के मौसम में स्वीट ड्रिंक और कार्बोनेटेड ड्रिंक खूब लिए जा रहे हैं। क्या आप जानती हैं कि स्वीट ड्रिंक आपको मोटा बना रहा है। गर्मी के दिन में बाज़ार में मिलने वाले स्वीट ड्रिंक की बजाय इसके हेल्दी अल्टेरनेटिव ऑप्शन को आजमायें।
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शुगर ड्रिंक एक साथ बहुत अधिक कैलोरी प्रदान करते हैं। इनमें कोई पोषक तत्व भी नहीं होते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 19 Apr 2024, 11:00 am IST
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दुनिया भर में बड़ों के साथ-साथ बच्चों और किशोरों में भी ओवरवेट और मोटापे की समस्या बढ़ गई है। रिसर्च के निष्कर्ष और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि हमारे खान-पान मुख्य रूप से इसके लिए जिम्मेदार हैं। खाने में एडेड शुगर से तैयार केक, पेस्ट्री और कई तरह की मिठाइयां शामिल की जा रही हैं। पीने में भी स्वीट बेवरेज का प्रयोग बहुत अधिक हो रहा है। गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडा रखने के लिए शुगर ड्रिंक या मीठे पेय पदार्थ का खूब प्रयोग किया जाता है। ये लोगों का मोटापा बढ़ाने (sweet drink causes obesity) में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

क्या हैं शुगर ड्रिंक या मीठे पेय पदार्थ (Sugary drink)

शुगर ड्रिंक को मीठा पेय या नरम पेय भी कहा जाता है। एडेड शुगर वाले स्वीट ड्रिंक या हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, सुक्रोज, कंसन्ट्रेटेड फ्रूट जूस जैसे मीठे पेय इसके अंतर्गत आते हैं। इसमें सोडा, पॉप, कोला, टॉनिक, फ्रूट पंच, एडेड शुगर वाले लेमन वाटर, सोडा वाटर, स्पोर्ट्स ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक भी शामिल हैं।

ये सभी पेय पदार्थ कैलोरी और एडेड शुगर के सबसे बड़े स्रोत हैं। यदि हेल्थ पॉइंट ऑफ़ व्यू से देखें, तो शुगर युक्त पेय सूची में सबसे नीचे आते हैं। शुगर ड्रिंक एक साथ बहुत अधिक कैलोरी प्रदान करते हैं। इनमें कोई पोषक तत्व भी नहीं होते हैं।

कैसे हाइड्रेटिंग ड्रिंक से बढ़ता है वजन (How sugary drink increases weight)

अमेरिका के हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोध बताते हैं, ‘ यदि आप हर दिन केवल एक स्वीट ड्रिंक पीती हैं और कैलोरी में कटौती नहीं करती हैं, तो आप एक वर्ष में 5 पाउंड तक वजन बढ़ा सकती हैं। वजन बढ़ने के अलावा, नियमित रूप से इन चीनी युक्त पेय पदार्थों को पीने से टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज और अन्य क्रोनिक बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा मीठे पेय पदार्थों के अधिक सेवन से समय से पहले मौत का खतरा बढ़ जाता है। इससे नॉन-अल्कोहलिक लिवर डिजीज, दांतों की सड़न और एक प्रकार का गठिया गाउट भी हो सकता है।

नियमित रूप से इन चीनी युक्त पेय पदार्थों को पीने से टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज और अन्य क्रोनिक बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। चित्र : अडॉबी स्टॉक

बार-बार लगती है भूख (Hunger pangs)

जो लोग शुगर ड्रिंक पीते हैं, उन्हें पेट भरा हुआ महसूस नहीं होता है। जिस तरह वे समान कैलोरी वाले ठोस भोजन लेने के बाद फील करते हैं। कम खाना खाकर इन पेय पदार्थों की हाई कैलोरी सामग्री की भरपाई भी नहीं की जा सकती है। चीनी-मीठा सोडा या फ्रूट पंच का औसत कैन लगभग 150 कैलोरी प्रदान करता है।

मीठे पेय पदार्थों से आपका पेट उतनी जल्दी नहीं भरता जितना ठोस खाद्य पदार्थों से भर जाता है। इसलिए ज़रूरत से ज़्यादा कैलोरी ले ली जाती है। स्वीट ड्रिंक से ब्लड शुगर भी तेजी से बढ़ता और घटता है। इससे जल्दी भूख लगती है और आप अधिक खाने लगती हैं।

कम हो जाती है एक्स्ट्रा कैलोरी (reduces extra calorie)

हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के पास स्वीट ड्रिंक और कार्बोनेटेड ड्रिंक को लेकर पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण हैं। स्वीट ड्रिंक या कार्बोनेटेड ड्रिंक का सेवन कम करने से मोटापा और मोटापे से संबंधित बीमारियों का प्रसार कम हो जाता है।

जानकारी के अभाव में दुनिया भर में लाखों लोग एडेड शुगर वाले पेय पदार्थ को नियमित रूप से लेते हैं। इसके कारण यह मोटापे की मुख्य वजह बना हुआ है। क्योंकि शरीर में ड्रिंक के माध्यम से एक्स्ट्रा कैलोरी नहीं जा पाती है।

स्वीट ड्रिंक या कार्बोनेटेड ड्रिंक का सेवन कम करने से मोटापा और मोटापे से संबंधित बीमारियों का प्रसार कम हो जाता है। चित्र : अडॉबी स्टॉक

क्या हैं एडेड शुगर वाले ड्रिंक के अल्टरनेटिव्स (Alternatives of sweet drink)

एडेड शुगर वाले ड्रिंक या स्वीट ड्रिंक (sweet drink causes obesity) की बजाय हेल्दी ड्रिंक लेना चाहिए। फ्लेवर वाला पानी, हर्बल टी, 100% जूस या फल भी स्वीट ड्रिंक के विकल्प हो सकते हैं। प्यास लगने पर कटे हुए साबुत फल जैसे नींबू, संतरे और अन्य सिट्रस फ्रूट बढ़िया विकल्प हैं। ब्लूबेरी और अन्य रसदार फल भी अच्छे ऑप्शन हैं। कॉफ़ी या दूध में बिना चीनी मिलाए प्रोटीन पाउडर या कोको पाउडर मिला कर भी पी सकती हैं।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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