ओवरवेट होना एक जटिल समस्या है। यह एक आम समस्या बनती जा रही है। इसके कारण हमारे लिए रोजमर्रा के काम करना मुश्किल हो जाता है। इसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी होने लगती हैं। वजन को कंट्रोल करने के लिए संतुलित कैलोरी-नियंत्रित आहार खाना चाहिए। प्रति सप्ताह 150 से 300 मिनट तक तेज़ चलना, जॉगिंग, तैराकी या कोई आउटडोर गेम खेलना भी जरूरी है। बहुत अधिक वजन के कारण शरीर में इसके लक्षण भी दिखने लगते हैं। सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि व्यक्ति ओवरवेट (how to deal with overweight) कैसे हो जाता है?
जब एक्स्ट्रा कैलोरी, विशेष रूप से वसा और चीनी में उच्च खाद्य पदार्थों से प्राप्त कैलोरी शरीर में वसा के रूप में जमा होने लग जाती है। फिजिकल इनएक्टिविटी बढ़ जाती है। इससे व्यक्ति अधिक वजन वाला हो जाता है। कुछ लोगों के लिए आनुवंशिकी भी मोटापे का कारण हो सकती है। जीन इस बात को प्रभावित कर सकते हैं कि शरीर भोजन का उपयोग कैसे करता है? शरीर वसा का भंडारण कैसे करता है? इसके कारण लोगों के लिए स्वस्थ भोजन करना और पर्याप्त शारीरिक गतिविधि करना मुश्किल हो जाता है।
ओवरवेट होने पर कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इसके लक्षण शरीर में दिखने लगते हैं। ओवरवेट होने पर दैनिक गतिविधियों में कठिनाई और गंभीर स्वास्थ्य समस्या भी हो सकती है।
सांस फूलना
पसीना का अधिक निकलना
खर्राटे
शारीरिक गतिविधि करने में कठिनाई
अक्सर बहुत ज्यादा थकान महसूस होना
जोड़ों और पीठ का दर्द
आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में कमी
अकेला महसूस करना
ओवरवेट होने पर मानसिक समस्याएं भी दिख सकती हैं। यह परिवार और दोस्तों के साथ रिश्तों को भी प्रभावित कर सकता है। यह अवसाद का भी कारण बन सकता है।
मोटापे के साथ रहने से कई संभावित गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। इसके कारण टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और एथेरोस्क्लेरोसिस हो सकता है। एथेरोस्क्लेरोसिस होने पर आर्टरी में फैट जमा होने के कारण यह संकीर्ण हो जाता है। इससे कोरोनरी हार्ट डिजीज और स्ट्रोक हो सकता है। अस्थमा, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, डायबिटीज, आंत का कैंसर, स्तन कैंसर और सर्विकल कैंसर हो सकता है। यह प्रजनन क्षमता में कमी का भी कारण बनता है।
मोटापा खराब पोषण आहार के कारण हो सकता है। स्वस्थ विकल्प चुनकर और संतुलित आहार खाकर कैलोरी सेवन को कम किया जा सकता है और ओवरवेट होने को कम किया जा सकता है।
अपने भोजन की थाली में बहुत सारे फल और सब्जियां शामिल करें। हर दिन अलग-अलग फलों और सब्जियों के पांच पीसेज लेने का लक्ष्य रखना चाहिए।
खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों पर लगे लेबल पढ़कर कैलोरी काउंट करें। यह जानने से कि आप कितनी कैलोरी ले रही हैं, शरीर की आवश्यकता से अधिक नहीं खाने में मदद आपको मिलेगी। भूख से बचने के लिए नियमित रूप से छोटे-छोटे भोजन करें। यह हाई शुगर सामग्री वाले खाद्य पदार्थों को खाए बिना मेटाबोलिज्म को बनाए रखने में मदद करता है। जंक फूड, प्रोसेस्ड फ़ूड और टेकअवे की जगह स्वास्थ्यवर्धक विकल्प चुनें।
कोल्ड ड्रिंक में चीनी की मात्रा अधिक होती है। बहुत अधिक चीनी से वजन बढ़ सकता है और ओवरवेट हो सकता है। फ़िज़ी पेय, इंस्टेंट पावर्ड पेय, स्क्वैश और जूस में बहुत अधिक चीनी हो सकती है, लेकिन पोषक तत्व बहुत कम हो सकते हैं। फलों के रस और स्मूदीज़ को अक्सर एक स्वस्थ विकल्प माना जाता है। इनमें चीनी होती है। इसलिए आपको प्रतिदिन अपने सेवन को कुल मिलाकर 150 मिलीलीटर तक सीमित करना चाहिए।
आपको एक दिन में लगभग छह से आठ गिलास तरल पदार्थ पीने का लक्ष्य रखना चाहिए। पानी सबसे बढ़िया है। इसमें कोई कैलोरी नहीं है और कोई शुगर नहीं है। अन्य स्वास्थ्यप्रद विकल्पों में कम वसा वाला दूध, चाय और कॉफी शुगर फ्री होना चाहिए।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंवजन कम करने या वजन घटाने के लिए सक्रिय रहना जरूरी है। शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का प्रयास करें।
यदि आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रही हैं, तो आपको सावधानीपूर्वक और सही शुरुआत करने की आवश्यकता होगी। आप प्रत्येक दिन छोटे मैनेजिंग सेशन से शुरुआत कर सकती हैं। धीरे-धीरे गतिविधि को तेज कर सकती हैं।
रोज पैदल चलना या जॉगिंग करना वजन को नियंत्रित करने और स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। ऐसा व्यायाम ढूंढने का प्रयास करें जिसमें आपको आनंद आता हो। शायद स्वीमिंग या कोई टीम प्ले सही रहेगा। साइकिल चलाना और लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करना भी एक्टिव रहने के लिए किया जा सकता है।
यदि आप ओवरवेट हैं और अपने आहार और व्यायाम से वजन कम करने की कोशिश कर चुकी हैं। लेकिन सफल नहीं हो रही हैं, तो आप गंभीर स्वास्थ्य समस्या से भी जूझ सकती हैं। टाइप 2 मधुमेह या हाई ब्लड प्रेशर होने पर वजन घटाने का उपचार या सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
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