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Top Fitness Facts And Myths in 2023 : फिट और हेल्दी रहना है, तो अगले साल न करें इन मिथ्स पर भरोसा

नए साल में आपका लक्ष्य होगा खुद को फिट रखना। क्या आप जानती हैं कि 2023 में आपने कई ऐसे मिथ को फॉलो कर रही होंगी, जो आपको फायदा की बजाय नुकसान पहुंचा रहा होगा। जानें ऐसे ही 5 मिथ को, जिनके बारे में सही फैक्ट जानना जरूरी है।
फिटनेस से जुड़े इन मिथ को जानना जरूरी है, ताकि आप फिटनेस जगत में फैले भ्रम और उनकी सच्चाई को जान पायें। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 23 Dec 2023, 09:30 am IST
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साल खत्म होने वाला है। स्वस्थ रहने के लिए फिट रहना जरूरी है। फिटनेस के लिए बढ़िया तरीके से वर्कआउट करना जरूरी है। एक्सरसाइज करना न सिर्फ वेट लॉस में मदद करता है, बल्कि शरीर की सहनशक्ति भी बढ़ाता है। साल 2023 में आपने अपनी फिटनेस जर्नी के दौरान दोस्तों, कूलीग और परिवार वालों से कई बातें सुनी होंगी। इनमें से कुछ सच होंगे, तो कुछ सिर्फ मिथ। हो सकता है कि लोगों ने आपकी भलाई के लिए ही मिथ बताये होंगे। लेकिन कुछ मिथक आपकी फिटनेस जर्नी को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। फिटनेस से जुड़े इन मिथ को जानना जरूरी है, ताकि आप फिटनेस जगत में फैले भ्रम और उनकी सच्चाई को जान पायें। यहां हैं 5 सबसे बड़े फिटनेस मिथ (Top fitness facts and myths in 2023), जिनका फैक्ट जानना जरूरी है।

यहां हैं 2023 में टॉप फिटनेस मिथ और फैक्ट (Top Fitness Myths and Facts in 2023)

1 मिथ : ब्रेकफास्ट से पहले एक्सरसाइज करने से फैट तेजी से जलता है (Exercising before breakfast can burn fat faster)

फैक्ट : तर्क यह दिया जाता है कि यदि आपके पेट में भोजन नहीं है, तो आपका शरीर ऊर्जा के लिए कोशिकाओं में मौजूद हानिकारक वसा को जला देगा। चीज़ें इस तरह काम नहीं करतीं। हमारा शरीर ऊर्जा के लिए कार्ब्स और वसा के कॉम्बो पर निर्भर करता है। यह वर्कआउट को शक्ति देने के लिए फैट सेल में मौजूद वसा पर निर्भर नहीं करता है। यह मसल्स डीपोजिशन और ब्लड फ्लो के भीतर फैट के टुकड़ों पर निर्भर करता है। भूखे रहने पर चक्कर आने, हाइपरग्लाइसेमिक और डीहाइड्रेशन होने की संभावना बनी रहती है। एक्सरसाइज की तीव्रता कम हो सकती है।

फल या कम वसा वाले दही

अपने पहले वर्कआउट से कम से कम एक घंटे पहले ब्रेकफास्ट में फल या कम वसा वाले दही लें। यदि वर्कआउट कठिन नहीं है या एक घंटे से कम समय तक चलता है, तो सामान्य रूप से आपका दिन पूरा हो सकता है। यदि आपका स्ट्रेसफुल व्यायाम है, तो इसके पहले आधे घंटे के भीतर दूध, मट्ठा प्रोटीन शेक या ताजे फल का सेवन शरीर के लिए बढ़िया रहेगा।

2 मिथ : एक घंटे का वर्कआउट है फायदेमंद (1 hour workout benefits)

फैक्ट : ज्यादातर लोग मानते हैं कि कसरत पर लंबा समय बिताने से अधिक लाभ मिलता है। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को दो समूहों में रखा। एक समूह ने एक घंटे तक व्यायाम किया, जबकि दूसरे ने केवल 30 मिनट तक व्यायाम किया। यह अध्ययन तीन महीने तक चला। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने पूरा एक घंटा बिताया, उनके शरीर का वजन या फैट 30 मिनट के समूह के प्रतिभागियों की तुलना में अधिक कम नहीं हुआ।

30 मिनट की जॉगिंग जैसी गतिविधियों से लाभ मिल सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

30 मिनट की जॉगिंग

प्रतिभागियों के घंटे भर खर्च की गई ऊर्जा के सापेक्ष वजन या वसा में कमी बहुत कम थी। उन्होंने अधिक खाया, जिससे वजन कम हुआ। जो लोग प्रति सेशन आधे घंटे तक व्यायाम करते थे, वे घंटे भर व्यायाम करने वाले प्रतिभागियों की तुलना में कसरत के बाद शारीरिक गतिविधि के लिए अधिक उत्साहित थे। व्यायाम का मतलब एक घंटा या उससे अधिक समय लगाना नहीं है। 30 मिनट की जॉगिंग या कुछ पांच मिनट की तेज सैर जैसी गतिविधियों से भी लाभ मिल सकता है। जीवनशैली में नियमित शारीरिक गतिविधि को शामिल करना अधिक जरूरी है।

3 मिथ : आहार में एक्स्ट्रा प्रोटीन की जरूरत नहीं (no need of extra protein)

फैक्ट : यह मिथ है कि हम पहले से ही बहुत अधिक प्रोटीन का सेवन कर रहे हैं। इसे और नहीं लेना चाहिए। शरीर मांसपेशियों के निर्माण और वर्कआउट के बाद उनकी मरम्मत के लिए प्रोटीन का उपयोग करता है। यदि आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करती हैं, तो प्रोटीन का सेवन जरूरी है। रेसिस्टेंस ट्रेनिंग जैसे वर्कआउट मांसपेशियों के प्रोटीन को अधिक तेजी से तोड़ते हैं। नियमित व्यायाम करने वाले प्रति किलोग्राम वजन के हिसाब से रोजाना 1.2-2 ग्राम प्रोटीन का सेवन कर सकते हैं, जबकि जो लोग सक्रिय नहीं हैं वे 0.8 ग्राम प्रोटीन का सेवन कर सकते हैं।

प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। यदि आप सप्लीमेंट लेना चाहती हैं, तो प्रोटीन बार, पाउडर, शेक और कैप्सूल ले सकती हैं।

4 मिथ : दौड़ने से ऑस्टियोआर्थराइटिस हो सकता है (Running can cause osteoarthritis)

फैक्ट : दौड़ना हाई इफेक्ट वाला एक्सरसाइज है, जो हिप्स, घुटनों और टखनों पर दबाव डालता है।इसके कारण यह मान लिया गया कि लंबी दूरी की दौड़ घुटने के कार्टिलेज को खराब कर देती है। यह समय के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण बन सकती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस क्रोनिक पेन के कारण होता है। यह चिंता जायज है।

स्ट्रेस वाले मूवमेंट से जोड़ों को संभावित रूप से नुकसान (Top fitness facts and myths in 2023) हो सकता है और यह बीमारी हो सकती है।
अधिक वजन वाले व्यक्तियों और पहले से मौजूद जोड़ों की चोटों से पीड़ित लोगों के दौड़ने से जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है।

स्ट्रेस वाले मूवमेंट से जोड़ों को संभावित रूप से नुकसान हो सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

5 मिथ : वर्कआउट के दौरान पसीना बहाने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं (Sweaty Workout eliminate toxins)

फैक्ट : कुछ शोध में पसीने में टोक्सिंस के निशान पाए गए हैं, लेकिन पसीने से निकाले गए ये विषाक्त पदार्थ मात्रा में काफी कम होते हैं। उनकी तुलना बाल्टी में एक छोटी बूंद से की जा सकती है। इसलिए पसीना विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का विश्वसनीय तरीका नहीं है। लीवर और किडनी ऐसा करते हैं। वे यूरीन और स्टूल के माध्यम से ऐसा करते हैं। पसीना आना पूरी तरह से टेम्पेरेचर रेगुलेशन है।

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

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टॉक्सिंस को हटाने में एक्सरसाइज की भूमिका को नज़रअंदाज (Top fitness facts and myths in 2023)नहीं किया जा सकता है। यह लीवर और किडनी को सही स्थिति में रखकर इस प्रक्रिया में मदद करता है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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