Strength Training for Weight Loss : वजन कम करने में मददगार हो सकते हैं स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, जानिये कैसे

भले ही फैट जलाने के लिए कार्डियो को प्रायोरिटी दी जाती हो, पर वजन घटाने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी बढ़िया विकल्प है। एक्सरसाइज के बाद अतिरिक्त ऑक्सीजन की खपत के कारण एक्सरसाइज के बावजूद मेटाबोलिज्म हाई रहता है।
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वजन घटाने में फैट, पानी का वजन और कुछ मांसपेशियों को कम करना शामिल हो सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 18 Dec 2023, 08:00 am IST
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इनपुट फ्राॅम

वेट लॉस करने के लिए कई तरह के एक्सरसाइज हैं। उनमें से एक है स्ट्रेंथ ट्रेनिंग। यदि आप सोच रही हैं कि फैट लॉस के लिए पॉवर ट्रेनिंग कैसे शुरू की जाए, तो आपको विशेषज्ञ से जरूर मदद लेनी चाहिए। एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया पॉवर ट्रेनिंग प्रोग्राम को आजमायें। इसमें कार्डियो और रेस्ट लेना भी शामिल होता है। यह संयोजन वर्कआउट के बाद कैलोरी और वसा को जलाने में मदद कर सकता है। वजन घटाना और वसा घटाना एक दूसरे से संबंधित हैं। लेकिन ये दोनों एक नहीं हो सकते हैं। विशेषज्ञ की देख रेख में ही स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने की कोशिश करें। इससे वजन घटाने में मदद (Strength Training for Weight Loss) मिलती है।

कैसे कम होता है वजन (Strength Training for Weight Loss)

शरीर के वजन में फैट के साथ-साथ लीन मास भी शामिल होता है। इसमें आपकी हड्डियां, मांसपेशियां और शरीर के सभी अंग भी शामिल होते हैं। फैट लॉस से वजन घट सकता है। वजन घटाने में फैट, पानी का वजन और कुछ मांसपेशियों को कम करना शामिल हो सकता है। लेकिन लीन मास को बनाए रखा जाता है। इसीलिए आप पाएंगी कि यदि आप मसल्स बनाती हैं, लेकिन फैट कम करती हैं, तो शरीर का वजन हमेशा कम नहीं हो सकता है। मांसपेशियों को बढ़ाने के रूप में वेट मैनेजमेंट फायदे के रूप में मिल सकता है। आपके पास जितने अधिक मसल्स होंगे, आपके शरीर के लिए कैलोरी जलाना उतना ही आसान होगा।

किस प्रकार की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग वजन घटाने में मदद कर सकता है? (Strength Training for Weight Loss)

दो प्रकार के स्ट्रेंथ ट्रेनिंग वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। प्योर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और मेटाबोलिज्म रेसिस्टेंट ट्रेनिंग, जिसे एच आईआईटी (HIIT) भी कहा जाता है।

प्योर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Pure Strength Training)

यह जैसा लगता है वैसा ही है। इसका यह हिस्सा स्पष्ट रूप से मांसपेशियों के निर्माण या मेंटेन के लिए डिज़ाइन किया गया है।
उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियों का निर्माण और मेंटेन करना जरूरी है। क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ मांसपेशियों का नुकसान तेजी से होता है। जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, मांसपेशियों की ताकत बढ़ाना जरूरी हो जाता है।मसल्स बिल्डिंग के अन्य लाभ भी हैं। आपके पास जितनी अधिक मांसपेशियां होंगी, आपका मेटाबोलिज्म उतना ही तेज़ होगा। आपका शरीर उतनी ही अधिक कैलोरी और फैट जलाएगा। आपका शरीर किस तरह का है, उससे भी यह निर्धारित हो पाता है कि आपको कितना वजन उठाना चाहिए।

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आपका शरीर किस तरह का है, उससे भी यह निर्धारित हो पाता है कि आपको कितना वजन उठाना चाहिए।चित्र-शटरस्टॉक।

कितनी देर तक वजन उठाना चाहिए। यदि आप अधिक एडवांस हैं, तो आप भारी वेट उठाने से बच सकती हैं। यदि आप शुरू कर रही हैं, तो हल्के वजन से शुरुआत करें। कोई वजन ही न रखें। जब आप इस एक्टिविटी को बढ़िया से करना सीख जायें, तो वजन बढ़ा सकती हैं।

मेटाबोलिक रेसिस्टेंट ट्रेनिंग (Metabolic Resistance Training for Weight Loss)

बहुत देर तक स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने पर थोड़ा आराम का समय शामिल करना जरूरी है। एनर्जी खर्च होने पर, बर्न की गई कैलोरी की संख्या बढ़ाने के लिए मीडियम-तीव्रता वाले निरंतर व्यायाम की तुलना में इंटरवल वाले एक्सरसाइज अधिक प्रभावी हो सकते हैं। जब सही ढंग से किया जाता है, तो मीडियम रेसिस्टेंस ट्रेनिंग हृदय गति को बढ़ाने और पूरे दिन वसा जलाने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। मीडियम रेसिस्टेंस ट्रेनिंग करने के कई तरीके हैं।

Weight loss ke liye strength training
वेट लॉस के लिए फायदेमंद है स्ट्रेंथ ट्रेनिंग। चित्र:शटरस्टॉक

मीडियम रेसिस्टेंस ट्रेनिंग (Medium Resistance Training) 

माउंटेन क्लाइम्बर्स या पुश-अप्स जैसे बॉडीवेट एक्सरसाइज करना, डम्बल का उपयोग करना, केटलबेल का उपयोग करना भी इसके अंतर्गत किया जा सकता है। मीडियम रेसिस्टेंस ट्रेनिंग के कार्यक्रम के एक भाग के रूप में आराम करना जरूरी है। रेस्ट डेज उतने ही जरूरी हैं जितने दिन आप इसे आजमाती हैं। मसल्स को आराम मिलना भी जरूरी है।

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