इन आसनों के साथ मिलाकर करें कपालभाति प्राणायाम, वेट लॉस के साथ बढ़ेगी इम्युनिटी
मौजूदा वक्त में आप में से बहुत से लोग मनोचिकित्सक के पास जाते होंगे। पारिवारिक या कॉर्पोरेट की भाग दौड़ और जिम्मेदारियों को निभाते-निभाते, आपकी मानसिक मुश्किलें और दबाव बढ़ने लगती है। इसके दुष्प्रभावों में एंग्जायटी (anxiety), ब्लड प्रेशर की समस्या, डिप्रेशन (depression), चिड़चिड़ापन, गुस्सा, आदि का अनुभव होता है।
इसके साथ ही अनहेल्दी रूटीन होने के कारण वज़न घटाना मुहकिल होता जा रहा है। इन सारी मुश्किलों से राहत पाने के लिए हम बात रहे है प्राणायाम और आसन का एक प्रभावी कॉम्बो।
प्राणायाम vs आसन
योगासन और प्राणायाम दोनों ही आपके शरीर और मन को चुस्त और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। आप में से बहुत से लोग इसे एक ही समझते होंगे। लेकिन इनमें एक बहुत बड़ा अंतर है।
आसन आपकी शारीरिक क्षमता को बढ़ाता है और प्राणायाम करने के लिए आपके शरीर को तैयार करता है। दूसरी ओर प्राणायाम एकाग्रता की एक दिव्य और आध्यात्मिक पद्धति है। इसमें सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया शामिल है। जब इन दोनों का संयोजन करके आप व्यायाम करेंगे, तो निश्चित रूप से आपको सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
क्या है कपालभाति प्राणायाम ?
कपालभाति प्राणायाम को नियमित रूप से करने पर आपको ऊर्जा का अनुभव होगा। यह फेफड़ों को साफ करने के साथ मानसिक विकारों को दूर करता है। यह आपने पेट में जमी अधिक चर्बी को भी कम करता है। इस आसान को करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका पेट कम से कम 3 घंटे से खाली है। सुबह-सुबह इसे करने से ज्यादा लाभ होगा।
कैसे करे:
आराम से रीढ़ को सीधा रखते हुए बैठें। यदि आप एक कुर्सी पर बैठे हैं, तो सुनिश्चित करें कि दोनों पैरों को जमीन पर रखें।
- शुरू करने से पहले अपनी नाक के दोनों छिद्रों के माध्यम से एक गहरी श्वास लें ।
- साथ ही पेट को भी अंदर की और बाहर की ओर धकेलें।
- अपने फेफड़ों से सारी हवा को निष्कासित करें।
- इस चक्र को 10 बार लगतार करें, फिर अपनी श्वास को सामान्य स्थिति में आने दें।
कपालभाति के साथ ये आसन देंगे डबल फायदा!
1. भुजंगासन (Cobra Pose)
अपने अभ्यास की शुरुआत सरल व्यायाम से करें। इससे आपको भुजंगासन करने में आसानी होगी। भुजंगासन आपकी पीठ को स्वस्थ रखने के लिए बहुत उपयोगी है। अपनी रीढ़ की हड्डी को मजबूत और बहुत चुस्त बनाने के लिए इस आसन का व्यक्तिगत रूप से अभ्यास करें। यह आसन आपके शरीर और रीढ़ की नसों को टोन कर सकता है। भुजंगासन आपके पाचन, लीवर और किडनी के कार्यों में भी सुधार करता है। इससे आपका वज़न नियंत्रण में रहेगा।
कैसे करें:
अपने पेट के बल फर्श पर सीधा लेट जाएं। फर्श पर अपने पैर की उंगलियों के साथ अपने पैरों को पीछे खींचें। अपनी हथेलियों को अपने कंधों के नीचे फर्श पर फैलाएं और कोहनियों को अपने शरीर के किनारों के करीब लाएं।
- इसके बाद पैरों और जांघों के ऊपरी हिस्से को फर्श पर मजबूती से दबाएं।
- जैसे ही आप श्वास लेते हैं, अपनी हथेलियों को फर्श पर दबाएं और छाती को फर्श से उठाने के लिए बाजुओं को सीधा करना शुरू करें। अपनी नाभि तक ही ऊपर उठाएं। जैसे ही आप अपने नाभि केंद्र को नीचे की ओर धकेलते रहें, वैसे ही अपने नितंबों को धीरे से निचोड़ें और कस लें।
- अपने कंधे के ब्लेड के साथ मजबूत रहें क्योंकि आप उन्हें अपनी छाती को आगे खोलने के लिए संलग्न करते हैं। सुनिश्चित करें कि आप बैकबेंड को पूरे रीढ़ की हड्डी में समान रूप से वितरित कर रहे हैं।
- इसी अवस्था में कपालभाति करें। 15 से 30 सेकंड तक इस मुद्रा में रहें। सांस छोड़ते हुए फर्श पर वापस आ जाएं।
2. सेतुबंध आसन (Bridge Pose)
सेतुबंध आसन कमर दर्द, थाइरॉयड, डिप्रेशन इत्यादि के लिए बहुत कारगर है। यह आपका वज़न कम करने की योजना में सहयोग करेगा। यह आसन कमर दर्द के लिए बहुत प्रभावी है। इसका नियमित अभ्यास करने से कमर दर्द हमेशा के लिए गायब हो जाता है।
इसलिए जो लोग कमर दर्द से परेशान हैं उनके लिए यह आसन रामबाण है। इस योगाभ्यास के करने से रीढ़ की हड्डी में अच्छी लचक देखी जा सकती है। इसके करने से आपके तन मन को स्वस्थ रखते हुए डिप्रेशन को कम करने में बड़ी भूमिका है। यह आसन करने से जांघ, हिप्स एवं पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है। शर्त है इस आसन में अपने आप को देर तक बनाए रखना और नियमित रूप से इसका अभ्यास करना।
कैसे करें:
- सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं।
- अब अपने घुटनों को मोड़े ताकि यह रीढ़ की हड्डी के 90 डिग्री पर हो।
- सांस लेते हुए अपने कमर को सहूलियत के हिसाब से उठाएं।
- इस अवस्था को 20-30 सेकंड तक बनाये रखें।
- जब आप आसन धारण करते हैं, तो धीरे-धीरे सांस ले और धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- इसी अवस्था में रहते हुए कपालभाति करना शुरू करें। केवल तभी तक करें, जब तक आप उसे सहजता से कर पाती हैं।
- फिर सांस छोड़ते हुए ज़मीन पर आयें।
3. पूर्वोतानासन (Upward Plank Pose)
हर आसन की तरह पूर्वोतानासन के भी कई लाभ होते हैं। आइये जानते हैं इन लाभों के बारे में :
- इससे कलाइयों, भुजाओं, कंधें,पीठ और रीढ़ को मजबूती मिलती है।
- पैरों और कूल्हों का व्यायाम हो जाता है।
- यह आसन श्वसन प्रक्रिया में सुधार करता है।
- आंतों में इस आसन से खिंचाव पैदा होता है।
- यह आसन थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करता है।
- वज़न कम करने में यह आसन है कारगर।
कैसे करें:
- पैरों को सामने की ओर सीधा फैलाते हुए बैठ जाएं।
- अब अपने पैरों को साथ में और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
- हथेलियों को जमीन पर रखें, कमर के पास या कंधों के पास, अंगुलियों के सिरे शरीर से दूर, बाजुओं को सीधा रखें।
- पीछे की ओर झुकें और हाथों से शरीर के वजन को सहारा दें।
- सांस भरें और अपने शरीर को उठाते हुए सीधा रखें।
- घुटनों को सीधा रखें, पांव को जमीन पर टिकाएं, पंजों को जमीन पर रखें, ऐसा करने पर तलवा जमीन पर ही रहेगा। सिर को जमीन की ओर पीछे जाने दें।
- इसी अवस्था में कपालभाति प्राणायाम की स्थिति में सांस छोड़ते और लेते रहें।
- सांस छोड़ते हुए वापस आएं, बैठ जाएं, विश्राम करें।
तो लेडीज, इन आसनों को कपालभाति प्राणायाम क साथ करें और अपने वेट लॉस के लक्ष्य को जल्दी प्राप्त करें।
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