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फेफड़ों को मज़बूत बनाए रखने के लिए इन 3 ब्रीदिंग एक्सरसाइज को बनाएं डेली रूटीन का हिस्सा

फेफड़ों को हेल्दी बनाए रखने के लिए व्यायाम एक फायदेमंद विकल्प है। इसे दैनिक जीवन में शामिल करके स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। जानते हैं फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज़ ( Effective lung exercise)।
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गहरी सांस लेने वाले व्यायाम, जैसे डायाफ्रामिक ब्रिदिंग या प्राणायाम, फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। चित्र : एडॉबीस्टॉक
ज्योति सोही Published: 25 Jan 2024, 08:00 am IST
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दिनों दिन वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। ऐसे में ओवरऑल हेल्थ का ख्याल रखने के साथ फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाना भी ज़रूरी है। इसके लिए फेफड़ों को हेल्दी और मज़बूत बनाए रखने के लिए व्यायाम एक फायदेमंद विकल्प है। इसे दैनिक जीवन में शामिल करके स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है और लंग्स को हेल्दी बनाया जा सकता है। जानते हैं किन एक्सरसाइज़ की मदद से फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है ( Effective lung exercise)।

समय के साथ लंग्स की कपैसिटी कम होने लगती है और लोग अस्थमा समेत कई सांस संबधी समस्याओं से ग्रस्त हो जाते हैं। जैसे सांस लेने में तकलीफ और सीढ़िया चढ़ते वक्त सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए व्यायाम करना आवश्यक है।

ब्रेन एक्सरसाइज ऐसी गतिविधियां हैं जो आपके मस्तिष्क को व्यस्त रखती हैं। चित्र-अडोबी स्टॉक

जानें फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने के लिए किन 3 एक्सरसाइज़ को करें दैनिक जीवन में शामिल

1. डायाफ्रामिक ब्रीदिंग यानि बैली ब्रीदिंग (Belly breathing)

यह तकनीक क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज यानि सीओपीडी से ग्रस्त लोगों के लिए फायदेमंद है। इसे नियमित तौर पर करने से फेफड़ों की मज़बूती बढ़ने लगती है, जिससे एयरवेज़ से जुड़ी समस्याओं की रोकथाम की जा सकती है।

जानें इसे करने की विधि

इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए सबसे पहले मैट पर सीधे बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को भी एकदम सीधा कर लें।

अब एक हाथ को पेट पर रखें और दूसरे हाथ को चेस्ट पर टिका लें। इसके बाद गहरी सांस लें और छोड़ें व आंखें बंद रखें।

नाक से सांस लें और उसे महसूस करने का प्रयास करें। इसके बाद 2 मिनट तक सांस को होल्ड करके रखें, फिर होठों से सांस को रिलीज़ करें।

1 से 2 मिनट तक इस एक्सरसाइज़ को निरंतर करें। इसके अलावा दिनभर में किसी भी वक्त इस एक्सरसाइज़ को कर सकते हैं।

इस ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ को करने से फेफड़े सुचारू रूप से काम करने लगते है। इसके अलावा ब्लोटिंग और एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिल जाती है। चित्र एडॉबीस्टॉक।

2. रिब स्ट्रेचिंग (Rib stretching)

पेट की मांसपेशियों को स्ट्रेच कर सांस को नियंत्रित करने की इस एक्सरसाइज़ को रिब स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ कहा जाता है। इस ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ की मदद से मसल्स को मज़ूबती मिलती है और सांस पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।

जानें इसे करने की विधि

इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए मैट पर बैठ जाएं या फिर सीधे खड़े हो जाएं।

अब सांस को पूरी तरह से छोड़ें। उसके बाद धीरे धीरे फेफड़ों में सांस को भरें। 5 से 10 सेकण्ड के लिए होल्ड करें।

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अगर आप बैठे हैं, तो हाथों को थाइज़ पर टिका लें और अगर खड़े है, तो उंगलियों को हिप्स पर रख लें।

धीरे धीरे सांस को रिलीज़ करें और शरीर को भी ढ़ीला छोड़ दें। इसे 2 से 3 सेट्स में करें और सांस को नियंत्रित करें।

डीप ब्रीदिंग वायु प्रदूषक से लंग हेल्थ का बचाव कर सकते हैं।चित्र : अडोबी स्टॉक

3. क्रम में सांस लेना (Numbered breathing)

सर्दी के मौसम में बढ़ने वाली सांस संबधी समस्याओं को इस आसान एक्सरसाइज़ के ज़रिए दूर किया जा सकता है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जो फेफड़ों को मज़बूत बनाने में मदद करते हैं।

जानें इसे करने की विधि

इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए गहरी सांस ले और दोनों आंखों को बंद कर लें। इस दौरान सीधा बैठें।

अब पूरी तरह से सांस को छोड़ते हुए फेफड़ों को खाली कर दें। 1 से 8 तक नंबरों को सोचते हुए सांस लें और छोड़ें।

नंबर 1 के बारे में सोचते हुए सांस लें और फिर सांस को रिलीज करें। इसी प्रकार नंबर 2 के बारे में सोचें और सांस लें।

एक्सरसाइज़ के लिए दिनभर में इस क्रम को 2 बार दोहराएं, जिससे सांस संबधी समस्याएं हल होने लगती हैं।

धीरे धीरे सांस को रिलीज़ करें और शरीर को भी ढ़ीला छोड़ दें। इसे 2 से 3 सेट्स में करें और सांस को नियंत्रित करें।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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