Bacterial vs Hormonal acne जानिए क्या है दोनों में अंतर और कैसे करना है इनका उपचार
एक्ने एक बेहद कॉमन प्रॉब्लम है, जिससे ज्यादातर महिलाएं परेशान हैं। एक्ने की समस्या किसी भी उम्र में महिलाओं को प्रभावित कर सकती है, यह टीनेजर्स में भी देखने को मिलता है। एक्ने के दो कॉमन कारण हैं या इयू कहें की एक्ने दो प्रकार के होते हैं, बैक्टीरियल एक्ने और हार्मोनल एक्ने। आमतौर पर महिलाओं को इन दो प्रकार के एक्ने का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है, कि आपको किस प्रकार का एक्ने हुआ है। यदि एक्ने का प्रकार पता हो तो इसे ट्रीट करना आसान हो जाता है। तो चलिए जानते हैं, क्या हैं हार्मोनल और बैक्टीरियल एक्ने? साथ ही जानेंगे की आप कैसे पता लगा सकती हैं, की आपको किस प्रकार का एक्ने है (bacterial vs hormonal acne)।
पहले समझें क्या है हार्मोनल एक्ने (what is hormonal acne)
हार्मोनल एक्ने हार्मोंस में होने वाले उतार-चढ़ाव की वजह से होता है। यह जीवन की किसी भी पड़ाव पर महिलाओं को प्रभावित कर सकता है, जैसे कि ओवुलेशन, मेंसुरेशन, प्रेगनेंसी, मेनोपॉज आदि। वहीं यदि आप pcos यानी कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रसित हैं, तो ऐसे में हार्मोनल एक्ने एक बहुत बड़ा प्रॉब्लम बन जाता है। हार्मोनल एक्ने गहरे लाल रंग के सिस्ट जैसे नजर आते हैं, यही आमतौर पर चेहरे की त्वचा के निचले हिस्सों में देखने को मिलते है। इसका अनुभव आप अपनी जौलाइन, गाल, गर्दन और चीन के हिस्सों में करेंगी।
हार्मोनल एक्ने मेल डोमिनेंट हार्मोन एंड्रोजन के प्रति स्किन सेंसटिविटी के कारण होते हैं। वहीं इसमें टेस्टोस्टेरोन भी एक अहम भूमिका निभाते हैं। एंड्रोजन अधिक मात्रा में ऑयल प्रोडक्शन के लिए ऑयल ग्लैंड को स्टिम्युलेट करते हैं, जो एक्ने का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इसकी वजह से पोर्स बंद हो जाते हैं और एक्ने निकलना शुरू हो जाता है।
अब समझें क्या हैं बैक्टीरियल एक्ने (what is bacterial acne)
बैक्टीरियल एक्ने बैक्टीरियल ओवर ग्रोथ, इन्फ्लेमेशन और सिबम प्रोडक्शन की बढ़ती मात्रा का कॉन्बिनेशन है। बैक्टीरियल एक्ने पोर्स और हेयर फॉलिकल के आसपास बैक्टीरिया और अन्य फैक्टर के जमाव से होने वाले इन्फ्लेमेशन को कहते हैं। ठीक गट माइक्रोफ्लोरा की तरह फंगल और बैक्टीरियल आर्गनिज्म भी स्किन की रक्षा करते हैं। परंतु इनका ओवरग्रोथ या किसी वजह से स्किन माइक्रोबायोम के असंतुलित होने से बैक्टीरियल एक्ने ट्रिगर हो सकते हैं।
हार्मोनल और बैक्टीरियल एक्ने के बीच का अंतर (bacterial vs hormonal acne)
1. लोकेशन:
बैक्टीरियल एक्ने अधिक फ्रिक्वेंटली आपको परेशान कर सकते हैं। यह आमतौर पर ऑयली स्किन एरिया को प्रभावित करते हैं, जैसे फोरहेड, नाक और चिन। वहीं हाॅर्मोनल एक्ने त्वचा के निचले हिस्से में दिखाई देते हैं, जैसे कि जॉलाइन, गाल का निचला हिस्सा और गर्दन।
2. टाइमिंग:
हाॅर्मोनल और बैक्टीरियल एक्ने की टाइमिंग में भी अंतर होता है। मेंस्ट्रुएशन और ओवुलेशन मेंस्ट्रूअल साइकिल के ऐसे दो पीरियड हैं, जब हाॅर्मोनल एक्ने काफी तेजी से पनपते हैं। वहीं बैक्टीरियल एक्ने किसी भी वक्त आपकी त्वचा पर निकल सकते हैं। यह आमतौर पर मौसम के बदलने या फिर त्वचा की उचित देखभाल न होने पर नजर आते हैं।
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3. घाव के प्रकार:
बैक्टीरियल एक्ने त्वचा पर सूजे हुए पिंपल्स के तौर पर नजर आते हैं, जिनमें पस भरा होता है। वहीं यह एक प्रकार के लाल रंग के सिस्ट जैसे दिखाई देते हैं, जिन्हें छूने पर त्वचा में कसाव महसूस होता है। वहीं हाॅर्मोनल एक्ने काफी गहरे और पेनफुल सिस्ट की तरह होते हैं।
4. एक्जिस्टेंस और अन्य लक्षण :
हार्मोंस के असंतुलित होने पर हाॅर्मोनल एक्ने के साथ-साथ इरेगुलर पीरियड्स, अत्यधिक हेयर ग्रोथ, हेयर लॉस जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। वहीं ये लक्षण बैक्टीरियल एक्ने के साथ नजर नहीं आते। बैक्टीरियल एक्ने केवल एक्ने के रूप में ही त्वचा पर दिखाई देते हैं।
5. ट्रीटमेंट रिस्पांस :
हार्मोनल एक्ने किसी प्रकार के टॉपिकल ट्रीटमेंट के प्रति रिस्पांस नहीं करते हैं, जैसे कि मेडिकेशन और एंटीबायोटिक। इसके लिए हार्मोनल थेरेपी की आवश्यकता पड़ सकती है। वहीं दूसरी ओर बैक्टीरियल एक्ने टॉपिकल ट्रीटमेंट और मेडिकेशंस पर भी रिस्पांस करते हैं। इस स्थिति में आपको बैक्टीरियल ग्रोथ पर नियंत्रण पाने की आवश्यकता होती है।
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कस्टमाइज़ करेंइस तरह से करें हाॅर्मोनल एक्ने का उपचार (how to treat hormonal acne)
हार्मोनल एक्ने को असल में टॉपिकल ट्रीटमेंट से ट्रीट करना मुश्किल है। जब तक आपकी बॉडी में हार्मोन संतुलित न हो जाए तब तक इन्हे कंट्रोल करने में परेशानी आती है। हां, आप इन्हें और ज्यादा बढ़ने से रोक सकती हैं, जितना हो सके उतना स्ट्रेस मैनेज करने का प्रयास करें और पर्याप्त नींद लें।
साथ ही डाइट पर विशेष ध्यान दें, क्युकी यह सभी फैक्टर्स हार्मोन को संतुलित रखने में आपकी मदद करेंगे। इसके अलावा माइल्ड स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें और पिंपल होने पर स्किन को एक्सफोलिएट न करें। यदि स्थिति नियंत्रित नहीं हो रही है, तो डॉक्टर से मिल इस विषय पर सलाह लें।
अब जानें बैक्टिरियल एक्ने पर नियंत्रण पाने का तरीका (How to control bacterial acne)
बैक्टीरियल एक्ने पर नियंत्रण पाने का सबसे अच्छा तरीका है, त्वचा को अच्छी तरह से क्लीन करना। धूल, गंदगी और प्रदूषण से आने के बाद त्वचा को डबल क्लीन करना न भूलें। इसके साथ ही तरह-तरह के एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल होम रेमेडीज उपलब्ध हैं, जिन्हें एक्ने प्रिवेंशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। सैलिसिलिक एसिड और रेटिनोल सीरम त्वचा पर एक्टिव एक्ने को कंट्रोल में मदद करेंगे। स्थिति और ज्यादा गंभीर न हो इसके लिए आपको एक्टिव एक्ने को एक्सफोलिएट करने से बचाना चाहिए।
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