सामान्य नहीं है स्किन का शेड चेंज हो जाना, इन संकेतों से जानिए सेहत के बारे में क्या कह रही है आपकी त्वचा
स्किन शरीर के ऊपर होती है। यह शरीर का बाहरी आवरण है। लेकिन शरीर के अंदर क्या हो रहा है। इसके बारे में वह सब कुछ बता सकती है। जिस तरह घर के बाहर की दीवार को देखकर घर के अंदर की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। ठीक उसी तरह स्किन को भी देखकर शरीर की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। स्किन की स्थिति (skin type) देखकर विशेषज्ञ जीवनशैली, खान पान, और अन्य चीज़ों के बारे में बता सकते हैं।
क्या है स्किन और सेहत का कनैक्शन (how health affects skin)
स्किन एक्सपर्ट मेघा मोदी बताती हैं, ‘बाहरी कारकों का प्रभाव सबसे अधिक स्किन पर पड़ता है। उम्र के हिसाब से सूरज की क्षति के कारण स्किन को बाहरी एक्सपोज़र का सबसे अधिक सामना करना पड़ता है। झुर्रियां, धब्बे, पिगमेंटेशन और इलास्टिसिटी की हानि जैसी चीजों का प्रभाव स्किन पर पड़ता है। नींद की कमी का प्रभाव भी स्किन पर पड़ता है। आंखों के आसपास की स्किन सूज जाती है। आंखों के नीचे लटके हुए, ढीले, काले घेरे थकान का संकेत हो सकते हैं। हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त पानी नहीं पीने से आंखों के आसपास की स्किन धंसी हुई और काली दिखने लगती है। ड्राई स्किन डी हाइड्रेशन का संकेत दे सकती है।’
त्वचा में नजर आने वाले ये बदलाव हो सकते हैं सेहत की समस्या के संकेत (skin signs of poor health)
1 ड्राई और इची स्किन (Dry and Itchy Skin)
त्वचा का शुष्क होना या खुजली होना कोई असामान्य बात नहीं है, खासकर सर्दियों में। एटोपिक जिल्द की सूजन के कारण एक्जिमा जैसी पुरानी त्वचा की स्थिति वाले लोग इन लक्षणों को अधिक बार और अधिक गंभीर रूप से अनुभव करते हैं। कभी-कभी अंदरूनी बीमारी के कारण भी खुजली होती है। मधुमेह के कारण त्वचा में खुजली होने की संभावना बढ़ जाती है, जैसे कि लिंफोमा। ओपियोइड और अन्य दवाएं भी खुजली का कारण बन सकती हैं। थायराइड विकारों के कारण त्वचा शुष्क हो सकती है।
2 इरिटेबल स्किन (Irritable Skin)
कोरोना वायरस महामारी के दौरान लगातार हाथ धोना और अल्कोहल युक्त हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करना हाथों पर भारी पड़ सकता है। कभी-कभी समस्या इतनी सामान्य नहीं होती है। डर्माटोमायोसिटिस नामक स्थिति के कारण हाथों के ऊपर लाल धब्बों के साथ जलन होने लगती है। सूजन भी कारण हो सकता है। डर्माटोमायोसिटिस ल्यूपस के समान एक ऑटोइम्यून बीमारी है।
3 पिम्पल्स और स्किन पर दाने (Pimples)
किशोरावस्था के दौरान ब्रेकआउट सामान्य है और वे अक्सर एडल्ट होने तक बने रहते हैं। मुंहासे कभी-कभी महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसी हार्मोनल असामान्यता का संकेत भी दे सकते हैं। स्किन पर दाने सोरायसिस के लक्षण हो सकते हैं। यह हार्ट डिजीज का भी संकेत दे सकता है। बड़े और अलग प्रकार के दाने कई ल्यूपस रोगियों में भी विकसित हो जाते हैं।
4 स्किन का कलर चेंज होना (Colour change of Skin)
स्किन का रंग बदलना कभी-कभी अंदरूनी बीमारी का संकेत दे सकता है। पुरानी बीमारी वाले लोगों में त्वचा कभी-कभी भूरी, पीली दिखती है। पीली या नारंगी दिखने वाली त्वचा किडनी या लीवर की बीमारी का संकेत हो सकती है। पिंडलियों पर भूरे धब्बे इस बात का संकेत हो सकते हैं कि ब्लड फ्लो ठीक से नहीं हो रहा है। अंततः ये अल्सर में बदल सकते हैं। ये संकेत किसी ऐसे व्यक्ति में अलग-अलग दिखाई दे सकते हैं जिनकी त्वचा का रंग समान है। चकत्ते गहरे दिखाई दे सकते हैं या बैंगनी रंग के हो सकते हैं।
5 आंखों के आसपास छोटे-छोटे उभार
नाक या आंखों के आसपास दिखाई देने वाले छोटे पीले उभारों को ज़ैंथेलस्मा कहा जाता है। वे कोलेस्ट्रॉल जमा होने से बने हो सकते हैं। यह हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत दे सकता है। उभार होना एक संकेत है कि अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच करा लें।
6 डैंड्रफ (Dandruff)
अक्सर पार्किंसंस रोग या स्ट्रोक जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियों वाले मरीजों में अत्यधिक रूसी विकसित होने का खतरा अधिक हो जाता (skin type) है। एचआईवी से पीड़ित लोगों में भी यह रोग होने का खतरा अधिक होता है।
याद रखें
स्किन पर किसी भी प्रकार के चकत्ते, खुजली, बड़े दाने देखें, तो सतर्क हो जाएं। यदि स्किन प्रॉब्लम ठीक होने में बहुत अधिक समय ले रहा है, तो इसे अनदेखा नहीं करें। जल्दी से जल्दी डॉक्टर से मिलें। साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल फ़ॉलो करें।
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