हाइपरपिग्मेंटेशन और एक्ने स्कार्स एक जैसे दिखते हैं, यहां एक्सपर्ट बता रही हैं दोनों के बीच के अंतर को
पॉलयूशन, यूवी किरणों और उम्र बढ़ने पर स्किन पर दाग-धब्बे दिखने लगते हैं। पिम्पल, एक्ने, ब्राउन स्पॉट, हाइपरपिग्मेंटेशन-ये सभी स्किन की समस्याएं हैं। कभी कभी हाइपरपिग्मेंटेशन और एक्ने स्कार्स को एक ही चीज मान लिया जाता है। जबकि दोनों समस्याएं पूरी तरह से अलग (Hyperpigmentation and Acne Scars ) हैं। स्किन एक्सपर्ट ऐसा ही मानते हैं। डॉ. गीतिका मित्तल गुप्ता अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में इन दोनों के बीच के अंतर को बताती हैं।
सबसे पहले जानते हैं क्या है हाइपरपिग्मेंटेशन (Hyperpigmentation)
मेलेनिन के कारण त्वचा को उसका रंग मिलता है। जब त्वचा अतिरिक्त मेलेनिन पैदा करती है, तो हाइपरपिग्मेंटेशन हो जाता है। हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण स्किन पैच आसपास की त्वचा की तुलना में अधिक गहरे हो जाते हैं। यह हर प्रकार की त्वचा को प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान, उम्र बढ़ने या चोट लगने पर इसकी संभावना अधिक हो जाती है।
क्या हैं एक्ने स्कार्स (Acne Scars)
त्वचा में हुए सूजन का परिणाम हैं एक्ने स्कार्स। एक्ने पोर्स सूज जाते हैं और पोर की दीवार टूट जाती है। कुछ एक्ने के धब्बे छोटे होते हैं, तो कुछ उभरे हुए होते हैं। ये जल्दी ठीक भी हो जाते हैं। कभी-कभी यह आसपास के ऊतकों में फैल जाती है और गहरे निशान पैदा कर देती है।
समान दिखने के बावजूद हाइपरपिग्मेंटेशन से अलग होते हैं एक्ने स्कार्स। पोस्ट-इन्फ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन (Post Inflammatory Hyperpigmentation) से बने धब्बे त्वचा पर सपाट निशान छोड़ते हैं।
हाइपर पिगमेंटेशन के कारण हो जाता है वस्कुलर बैरियर प्रभावित (Vascular Barrier)
डॉ. गीतिका बताती हैं, ‘हाइपर पिगमेंटेशन के कारण स्किन पर भूरा (Brown Mark) और लाल मार्क (Red Mark) दिखाई पड़ते हैं। स्किन पर स्क्रेच, कट्स, अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव, हीट, एग्जिमा और ओवर एक्स फ़ोलिएशन भी हो सकता है। इंजरी के कारण स्किन इनफ्लेमेशन हो जाता है। मिलेनिन का प्रोडक्शन भी अधिक हो सकता है।’
इन सभी के कारण वस्कुलर रेस्पोंस अधिक होने लगता है। वस्कुलर रेस्पोंस के कारण चोट के आस-पास की छोटे ब्लड वेसल्स फैल जाते हैं (Vasodilatation) और उस क्षेत्र में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। एंडोथेलियल कोशिकाएं शुरू में सूज जाती हैं। फिर उनके बीच की जगह को बढ़ाने के लिए सिकुड़ जाती हैं। जिससे वस्कुलर बैरियर की परमिएबिलिटी बढ़ जाती है।
एक्ने स्कार्स से होता है स्किन इनफ्लेमेशन (Skin Inflammation)
एक्ने स्कार्स होने पर पहले स्किन पर छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। फिर स्किन इनफ्लेमेशन के कारण पोर्स फूल जाते हैं। ये फोलिकल वाल (Follicle Wall) में ब्रेक कर जाते हैं। सही ट्रीटमेंट नहीं होने पर स्किन पिकिंग या स्किन एक्ने हो जाते हैं। इसके पीछे जीन भी जिम्मेदार है। इस दौरान सबसे अधिक स्किन केयर की जरूरत पड़ती है।
हाइपरपिग्मेंटेशन से किसी विशेष स्थान पर त्वचा का रंग गहरा हो जाता है। वहीँ एक्ने स्कार्स स्किन की बनावट को बदल देते हैं और निशान छोड़ देते हैं। पिग्मेंटेशन आमतौर पर सनबर्न के कारण होता है या जब मेलेनिन स्किन सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत बनाता है। एक्ने स्किन को खरोंचने या रोमछिद्रों में सूजन की वजह से हो सकते हैं। ये दोनों स्थितियां समान नहीं हैं, लेकिन कहीं न कहीं परस्पर जुड़ी हुई हैं। कुछ आसान से उपाय इनसे दूर रखने में मदद कर सकती हैं।
यहां हैं विशेषज्ञ के बताये उपाय, जिनसे ये स्किन प्रॉब्लम दूर हो सकते हैं (Skin Problems)
1 अपने चेहरे को बार-बार खरोंचें या स्पर्श नहीं करें। ऐसा करने से स्किन की समस्या बढ़ सकती है।
2 स्किन को नमीयुक्त और हाइड्रेटेड रखें। हाइलूरोनिक एसिड-आधारित सीरम और मॉइस्चराइज़र का प्रयोग बढ़ाया जा सकता है।
3 आप चाहे घर के अंदर रहें या घर से बाहर रहें, हमेशा सनस्क्रीन लगा कर रहें।
4 ब्रेसिव एक्सफोलिएटर से एक्सफोलिएट करने से बचें। हफ्ते में सिर्फ एक बार केमिकल पील का इस्तेमाल करें। केमिकल आपके चेहरे को तुरंत ठीक कर सकता है, लेकिन बार-बार केमिकल का इस्तेमाल करने से स्किन प्रॉब्लम हो सकती है।
5 यदि आप भी स्किन समस्या से जूझ रही हैं, तो किसी प्राकृतिक पिम्पल पैच का उपयोग करें। बहुत फायदा मिलेगा। यदि सभी उपायों को आजमाने के बावजूद हाइपरपिगमेंटेशन औए एक्ने स्कार्स की समस्या बरकरार रहती है, तो स्थिति बिगड़ने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें और उचित स्किन उपचार लें।
यह भी पढ़ें :-त्वचा के साथ-साथ हाथों पर भी नजर आने लगी हैं झुर्रियां, तो जानिए इन्हें कैसे दूर करना है