बढ़ती उम्र के साथ शरीर एवं त्वचा में विभिन्न प्रकार के बदलाव नजर आना शुरू हो जाते हैं। इस दौरान चेहरे, हाथ और पैरों पर झुर्रियां और फाइन लाइंस नजर आती हैं और स्किन पतली और डल हो जाती है। हालांकि, इसकी जिम्मेदार केवल एजिंग ही नहीं बल्कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी, कुछ बीमारियां, मानसिक तनाव, इत्यादि भी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में अक्सर महिलाएं त्वचा की देखभाल करना शुरू कर देती हैं, परंतु कहीं न कहीं अपने हाथों को नजरअंदाज करती रहती हैं। जिसकी वजह से हाथों पर नजर आने वाले रिंकल्स की स्थिति और ज्यादा गंभीर हो जाती है। इसलिए समय रहते इस समस्या पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, अन्यथा बाद में इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।
यदि आपके हाथों पर एजिंग के कारण रिंकल्स नजर आ रहे हैं, तो त्वचा की देखभाल करते हुए इसे बढ़ने से रोक सकती हैं। वहीं यदि त्वचा पर झुर्रियां पड़ने का कोई अन्य कारण है, तो यहां बताए गए इन 5 उपायों से आप इसे कंट्रोल कर सकती हैं (how to overcome wrinkles on hands)। तो चलिए जानते हैं हैंड रिंकल्स को अवॉयड करने के उपाय।
एजिंग
डिहाइड्रेशन
स्मोकिंग
बार-बार हाथ धोना
लंबे समय तक सूरज की किरणों के संपर्क में रहना
हाथों का केमिकल के संपर्क में रहना
नियमित गतिविधियों में इस्तेमाल होने वाले केमिकल जैसे कपड़े और बर्तन धोते वक़्त और घर की साफ सफाई करते वक़्त
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अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार लंबे समय तक सूरज की किरणों के संपर्क में रहने से त्वचा पर ब्राउन स्पॉट्स, पिगमेंटेशन और रिंकल जैसी समस्या देखने को मिलती है। सनलाइट के संपर्क में आने से कोलेजन और इलास्टिन फाइबर प्रभावित हो जाते हैं। स्किन में मौजूद फाइबर रिंकल्स को उभरने से रोकते है। सूरज की किरणों से निकलने वाले यूवी रे स्किन एजिंग का एक सबसे बड़ा कारण होता है।
हमेशा सूरज के किरणों के संपर्क में जाने से पहले अपने हाथों को कवर करना न भूलें। इसके लिए आप फुल स्लीव के कपड़े पहन सकती हैं। इसके साथ ही सनस्क्रीन लगाना बहुत जरूरी है। एसपीएफ से युक्त सनस्क्रीन को अपने हाथों पर अप्लाई करें यह सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाले सनबर्न और रिंकल जैसे अन्य प्रभाव से बचाव में मदद करता है।
सेल टिशू को तरोताजा रखने के लिए शरीर का हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। यह आपके शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने के साथ ही आपके पाचन प्रक्रिया को भी संतुलित रखता है। वहीं बॉडी टेंपरेचर को मेंटेन रखने के लिए हाइड्रेटर रहना बहुत जरूरी है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार शरीर का डीहाइड्रेटेड स्किन सेल्स त्वचा की ऊपरी परत को बहुत पतला कर देता है। जिसकी वजह से झुर्रियां नजर आने लगती हैं। इसलिए दिन में एक उचित मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है।
बढ़ती उम्र के साथ नेचुरल एक्सफोलिएशन प्रोसेस धीमी हो जाती है। जिसकी वजह से त्वचा पर काफी ज्यादा डेड स्किन सेल्स जमा होने लगते हैं। ऐसी स्थिति में हफ्ते में एक बार माइल्ड स्क्रब और घरेलू स्क्रब की मदद से अपनी त्वचा को एक्सफोलिएट जरूर करें। यह सेल्स के टर्नओवर को बढ़ा देता है और फाइल लाइन और रिंकल्स को आने से रोकता है।
रेटिनोयड्स एक प्रचलित एंटी एजिंग इनग्रेडिएंट है जिसे विटामिन ए से प्राप्त किया जाता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार इसका इस्तेमाल रिंकल जैसे अन्य एजिंग के निशानों को कम करने में प्रभावी रूप से काम करता है।
रेटिनोयड्स त्वचा में कॉलेजन प्रोडक्शन को बढ़ा देता है। वहीं एजिंग को कंट्रोल करने के लिए कॉलेजन की पर्याप्त मात्रा होना बहुत जरूरी है। हालांकि, इसे लगाकर सूरज की किरणों के संपर्क में जाने से बचें। साथ ही साथ प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए इसका इस्तेमाल बिल्कुल भी उचित नहीं है।
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कस्टमाइज़ करेंहाथों पर हुए रिंकल्स को कम करने में दूध आपकी मदद कर सकता है। हाथों को एक्सफोलिएट करने के बाद कच्चे दूध से स्किन को मसाज दें। एंटीऑक्सीडेंट और अन्य महत्वपूर्ण फैटी एसिड से भरपूर दूध नेचुरल मॉइश्चराइजर के रूप में काम करते हुए आपकी त्वचा को मुलायम बनाता है।
केले में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है। ये दोनों ही रिंकल्स के लिए प्रभावी पोषक तत्वों के रूप में जानी जाती हैं। एक केले को अच्छी तरह से मसल लें और इसके पल्प से अपने हाथों को मसाज दें। उसके बाद इसे लगा हुआ छोड़ दें। जब यह सूख जाए तो सामान्य पानी से हाथों को साफ कर लें। उचित परिणाम के लिए कम से कम से हफ्ते में दो बार इसे जरूर अप्लाई करें।
चावल से बना मास्क रिंकल को कम करने में प्रभावी रूप से काम करता है। ऐसे में चावल को ब्लेंड करें और इसका पाउडर बना लें। अब इसमें रोज वॉटर और दूध मिलाएं। इसे अपने हाथों पर अप्लाई करें जब यह सूख जाए तो हल्के गुनगुने पानी से हाथों को साफ कर लें। उचित परिणाम के लिए हफ्ते में दो बार जरूर दोहराएं।
टमाटर में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। साथ ही ये लाइकोपीन का एक बेहतरीन स्रोत है। यह आपकी त्वचा को प्रोटेक्ट करता है और इसे पर्याप्त नमी प्रदान करता है। ऐसे में टमाटर का जूस निकालकर इसे अपनी त्वचा पर अप्लाई करें और त्वचा को कुछ देर तक मसाज दें। फिर इसे सूखने के लिए छोड़ दें उसके बाद ठंडे पानी से स्किन को साफ कर लें। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट के डेली डोज को पूरा करने के लिए टोमैटो जूस को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकती हैं।
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