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पैशन से बड़ा कुछ भी नहीं, कॉर्पोरेट छोड़ शुरू की सस्टेनेबल ट्रैवलिंग : शिव्या नाथ

एक साधारण से कॉर्पोरेट जॉब में काम करने वाली शिव्या नाथ आज सस्टेनेबल ट्रैवल एंड टूरिज्म कि चैंपियन के रूप में भी जानी जाती है।
जानें शिव्या नाथ की प्रेरक कहानी। चित्र : इंस्टाग्राम
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 12 Apr 2023, 22:00 pm IST
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23 साल की उम्र में, जहां ज्यादातर लड़कियां ‘सेटल होने’ के दबाव से घिरी होती हैं, वहां शिव्या नाथ ने उस रास्ते को चुना जहां से बहुत कम लोग गुजरते हैं। जीवन बदलने वाली दो महीने की यात्रा के बाद, उन्होंने अपनी 9 से 5 की कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी। इतना ही नहीं उन्होंने अपना अपार्टमेंट छोड़ दिया, अपना बहुत सारा सामान बेच दिया और एक अलबेली यात्रा पर चल पड़ी। आज, उन्हें लोग ट्रैवल ब्लॉगर के रूप में जानते हैं और इसके लिए उन्हें काफी लोग फॉलो भी करते हैं। इसके साथ ही वह सस्टेनेबल ट्रैवल एंड टूरिज्म कि चैंपियन के रूप में भी जानी जाती है। वे दुनिया को सिखाती है कि न्यूनतम जीवन जीते हुए ग्लोबट्रॉटर कैसे बनें, और तस्वीरों की तुलना में अधिक यादें कैसे बनाएं!

हिमालयी गांवों से इक्वाडोर के अमेज़न फॉरेस्ट तक शिव्या नाथ ने 40 से अधिक देशों की यात्रा पूरी कर ली है। इन यात्राओं के दौरान, उन्होंने न केवल जीवन के बारे में बहुत कुछ सीखा, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों, देशों और समय क्षेत्रों के लोगों के साथ समृद्ध अनुभव भी प्राप्त किया।

शिव्या नाथ ने हेल्थशॉट्स के साथ इंटरव्यू के दौरान अपनी खूबसूरत जर्नी (inspiring story of sustainable traveler Shivya Nath) को बयां करते हुए बताया कि “चाहें हम सभी की परवरिश, पृष्ठभूमि, भाषा, त्वचा का रंग और परंपराएं अलग-अलग हों परंतु हम सभी दिल से समान हैं। हम सभी प्यार और सम्मान चाहते हैं। आगे बढ़ने के लिए एक समान अस्तर का अवसर पाना चाहते हैं। हम अपने वातावरण और ग्रह के बारे में परवाह करते हैं, लेकिन अक्सर अनिश्चित होते हैं कि इसकी रक्षा के लिए क्या किया जाए।”

कॉर्पोरेट जॉब से नोमेडिक जीवन में जाने तक का सफर

सूटकेस लेकर बाहर रहना कई लोगों को रोमांचकारी और साहसिक लग सकता है, लेकिन यह आसान नहीं है। शिव्या ने अपने ब्लॉग द शूटिंग स्टार के माध्यम से अपनी यात्रा के उतार-चढ़ाव के बारे में कुछ जरूरी बातें साझा की हैं। शिव्या देहरादून के हरे-भरे वातावरण में पली-बढ़ी हैं। उनके मन में पर्यावरण और ट्रैवलिंग के लिए हमेशा से एक खास जगह थी।

शिव्या ने अपने ट्रैवलिंग करियर की शुरुआत सालों पहले सिंगापुर टूरिज्म बोर्ड के साथ की थी। वे ट्रांस-हिमालय में एक रिस्पांसिबल टूरिज्म एंटरप्राइज के साथ काम कर चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने अपने पूरे दिलो जान से काम किया था और यात्रा को बहुत ही गहराई से अपने दिल में उतार चुकी थी। “उन दो महीनों में, मैंने बहुत कुछ नया देखा, सीखा और अनुभव किया। उस दौरान मैंने अपनी जिंदगी को खुलकर पूरी तरह से जीना सीखा। अपनी शर्तों पर दुनिया की यात्रा करने की इच्छा के साथ अपनी पहली और एकमात्र कॉर्पोरेट नौकरी से इस्तीफा देने का फैसला किया।”

अगले 7 साल केवल दो बैगों के साथ यात्रा, पर्यावरण और स्थानीय समुदायों के चौराहे पर कहानियां सुनते हुए गुजारी। अपने जुनून को फॉलो करते हुए जो कि जाहिर सी बात है ट्रैवलिंग थी, सस्टेनेबल ट्रैवलिंग प्रथाओं पर ध्यान देने के साथ अपने निष्क्रिय ब्लॉग, द शूटिंग स्टार को फिर से शुरू करने का फैसला किया।

उनकी लिखित रचनाएं लीडिंग ग्लोबल ट्रैवल पब्लिकेशन में छपी हैं, और शिव्या ने एक नामांकित बेस्टसेलिंग यात्रा संस्मरण भी लिखा है।

न्यूनतम जीवन जीते हुए ग्लोबट्रॉटर कैसे बनें, और तस्वीरों की तुलना में अधिक यादें कैसे बनाएं! चित्र : इंस्टाग्राम

शिव्या नाथ वीगन हैं! जानें ट्रैवलिंग के दौरान उन्होंने किस तरह इसे मैनेज किया

“मैंने 2015 में वीगन बनने के बाद से चालीस से अधक देशों की यात्रा की है। जिसमें सीफूड-ऑब्सेस्ड जापान, कबाब-प्रेमी ईरान और म्यांमार के आदिवासी क्षेत्र शामिल हैं, जहां हर तरह के जानवर पसंद किए जाते हैं। किसी भी एनिमल प्रोडक्ट का उपभोग नहीं करने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ, मैंने सीखा है कि सड़क पर वीगन के रूप में फलना-फूलना एक अर्जित कला है। मैं जितनी ज्यादा रिसर्च, एडवेंचरस और क्रिएटिव हूं, उसी क्रिएटिविटी के साथ मैं वीगन फूड्स भी सर्च करती थी।

एक वीगन ट्रैवलर के रूप में, उन्होंने यह अनुभव किया कि कैसे दुनिया भर के कई देशों में पारंपरिक आहार काफी हद तक वीगन थे। वास्तव में, ‘बिना किसी की हत्या किए भोजन प्राप्त करने को कुछ संस्कृतियों में सम्मान के साथ देखा जाता है।

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सस्टेनेबिलिटी और एनवायरमेंटल मैनेजमेंट में हासिल की डिग्री

कोविड-19 महामारी के दौरान गहरे आत्मविश्लेषी थे। उसने इस दौरान सस्टेनेबिलिटी, सामाजिक प्रभाव और जलवायु परिवर्तन के प्रति टूरिज्म सेक्टर की प्रतिबद्धता को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाने के लिए एक सहज धक्का महसूस किया। इसलिए, उसने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सतत शिक्षा विभाग से सस्टेनेबिलिटी और एनवायरमेंटल मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल करने का रास्ता चुना। उन्होंने हाल ही में इंपैक्ट कंसलटेंसी फॉर क्लाइमेट कॉन्शियस ट्रैवल को स्थापित किया है।

इसके बारे में बात करते हुए, वह बताती हैं, “हम समुदाय-केंद्रित जलवायु कार्रवाई को पर्यटन प्रस्तावों के लिए डेस्टिनेशन और अन्य व्यापारियों के साथ कोलैबोरेट करते हैं। इसमें कार्बन न्यूट्रल टूर, कम्युनिटी बेस्ड कार्बन रिमूवल, टूरिज्म के माध्यम से मौसम में हो रहे बदलाव के बारे में जागरूकता फैलाना, सस्टेनेबिलिटी को लेकर कहानियां सुनाने जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

आइये जानते हैं सस्टेनेबल ट्रैवलिंग के लिए शिव्या के तीन सुझाव

1. ट्रैवल डेस्टिनेशन चुनने के पहले इस पर विचार करना है जरूरी : किसी भी डेस्टिनेशन को फाइनल करने से पहले खुद से पूछें कि आप एक निश्चित स्थान क्यों चुन रही हैं। “क्या यह सिर्फ इसलिए है क्योंकि यह इंस्टाग्राम पर ट्रेंड कर रहा है, या आप वहां की किसी चीज से आकर्षित हैं जैसे कि संस्कृति, पारिस्थितिकी, वास्तुकला, इतिहास, व्यंजन, या कुछ और?”

2. घर के आसपास की जगहों को पहले एक्सप्लोर करें : लंबी दूरी तय करने से बेहतर है घर के आसपास के जगहों को पहले एक्सप्लोर कर लिया जाए। क्योंकि वहां से हमें बड़े एक्सप्लोरर का आइडिया मिल जाता है।
3. धीमे धीमे नई जगहों को एक्सप्लोर करें : यदि आप यह सोचकर कहीं जा रही हैं कि एक ही बार में आप सभी जगहों को एक्सप्लोर कर लेंगी तो इस सोच के साथ कहीं भी बाहर न जाए। क्योंकि ऐसा करने से आप वर्तमान के लम्हे को ठीक तरह से इंजॉय नहीं कर पाएंगी।

महिलाओं के अकेले ट्रैवल करने के प्रति बनी हुई अवधारणाओं पर क्या है शिव्या की राय

जब कई वर्ष पहले शिव्या ने अकेले ट्रैवलिंग करना शुरू किया था, तो उस वक्त महिलाओं के लिए अकेले ट्रेवल करना और भी बड़ा मुद्दा था। शिव्या ने बताया कि “मैं जहां भी अकेली जाती थी लोग मुझ में अलग से जिज्ञासा रखते थे, साथ ही सभी सहानुभूति के साथ बातचीत करते थें। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में, हमारी जनजाति भारत और दुनिया भर में जबरदस्त रूप से बढ़ी है। सोलो फीमेल ट्रैवलिंग अब कोई विसंगति नहीं हैं। हम बहुत सी बोल्ड, साहसी महिलाओं को अपनी शर्तों पर दुनिया का अनुभव करते हुए देख रहे हैं – जो वास्तव में उत्साहजनक है”।

यदि महिलाओं के हरासमेंट की बात करें तो यह केवल अकेले रास्तों तक सीमित नहीं है, घर से लेकर ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, हर जगह ऐसी हरकतें हो रही हैं। जिसके प्रति बदलाव लाने की आवश्यकता है। अकेले ट्रैवल न करने, अकेले बाहर न जाने से इनमें किसी तरह का बदलाव नहीं आने वाला।

निष्क्रिय ब्लॉग, द शूटिंग स्टार को फिर से शुरू करने का फैसला किया। चित्र : इंस्टाग्राम

शिव्या ने कठिन परंतु प्रेरक रास्ते को चुना

शादी और बच्चे करके सेटल होने की जगह शिव्या ने एक ऐसा रास्ता चुना जिस रास्ते बहुत कम लोग जा पाते हैं। शिव्या कहती है, कि ऐसा नहीं है मुझे शादी के प्रस्ताव नहीं आएं या मुझे परिवार द्वारा सेटल होने के लिए नहीं कहा गया। यहां तक कि सामाजिक तौर पर शादी और बच्चे न करने से “मैं अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही हूं और मैं एक स्वार्थी महिला हूं” इस तरह की बातें भी सुनने को मिलीं। इन सभी चीजों का मुझ पर कुछ खास असर नहीं हुआ क्योंकि मैं अपने पैशन को पूरा करने में इतनी ज्यादा व्यस्त थी कि मेरे पास इन बातों पर सोचने का समय नहीं था।

शिव्या कहती हैं कि “असल में शादी बच्चे जॉब ट्रैवलिंग सभी एक व्यक्तिगत पसंद है। इनमें से कोई भी चीज गलत नहीं है, जो जिस तरह से अपने जीवन को आगे बढ़ाना चाहता है, उसे पूरा हक है अपने जीवन से जुड़े निर्णय लेने का। इसे समाज परिवार यह किसी और व्यक्ति पर छोड़ना उचित नहीं है।”

“हालांकि, इन रास्तों पर चलना जितना खूबसूरत लगता है, उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत है, परंतु कई मुश्किल और कठिनाइयों का सामना करते हुए लोग यहां तक पहुंचते हैं। इसलिए सामाजिक और परिवारिक दबाव से परे अपनी दुनिया में आगे बढ़ती रहें।

कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर काम करने वाली उन सभी महिलाओं के लिए शिव्या नाथ का संदेश

महिलाओं को सदियों से यह बताया जा रहा है कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं। उनका पर्सनल ग्रोथ और डेवलपमेंट लोगों के लिए बिल्कुल भी मायने नहीं रखता। इसलिए ऐसी स्थिति में महिलाओं को खुदसे अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर काम करने की जरूरत है।

शिव्या बताती है कि आजकल कम से कम अर्बन एरिया में महिलाएं ट्रेडिशनल चीजों से ऊपर उठकर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रही हैं, परंतु आज भी रूरल एरिया में महिलाओं की स्थिति वहीं की वहीं है। ऐसे में अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर कुछ अलग करना और अपने लिए जीना आप सभी का अधिकार है। पैदा होते ही हमारे पास यह स्वतंत्रता होती है कि हमें आगे चलकर किस रास्ते को चुनना है।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

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