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Brain stroke: मस्तिष्क की क्षति से बचने के लिए इन संकेतों से करें ब्रेन स्ट्रोक की पहचान

ब्रेन स्ट्रोक के मामले दिनों दिन बढ़ रहे हैं। ऐसे में इस समस्या की पहचान ही इसके बचाव की ओर पहला कदम है। जानते हैं ब्रेन स्ट्रोक क्या है और कौन से लक्षण ब्रेन स्ट्रोक की ओर इशारा करते हैं (Signs of brain stroke)।
जानते हैं ब्रेन स्ट्रोक क्या है और कौन से लक्षण ब्रेन स्ट्रोक की ओर इशारा करते हैं। चित्र:शटरस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 18 Dec 2023, 11:10 am IST
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अचानक सिर में उठने वाला दर्द हर बार सामान्य नहीं होता है। ये ब्रेन स्ट्रोक का कारण भी हो सकता है। ब्रेन स्ट्रोक के मामले दिनों दिन बढ़ रहे हैं। ऐसे में इस समस्या की पहचान ही इसके बचाव की ओर पहला कदम है। अनियमित खान पान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल इस समस्या के बढ़ने का मुख्य कारण है। इसमें कोई दोराय नहीं कि ब्रेन स्ट्रोक के बारे में जानकारी ही इस समस्या के जोखिम को कम कर देती है। जानते हैं ब्रेन स्ट्रोक क्या है और कौन से लक्षण ब्रेन स्ट्रोक की ओर इशारा करते हैं (Signs of brain stroke)।

इंडियन स्ट्रोक एसोसिएशन के अनुसार गतिहीन जीवन शैली, धूम्रपान, मोटापा और नियमित व्यायाम की कमी ब्रेन स्ट्रोक के प्रमुख कारक हैं। भारत में हर साल 18 लाख स्ट्रोक के मामले सामने आते हैं। 1996 और 2019 के बीचए भारत में मामलों में वृद्धि दर्ज की गई थी।

ब्रेन स्‍ट्रोक किसे कहते हैं (What is brain stroke)

इस बारे में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ सत्यन नन्दा का कहना है कि मस्तिष्क के किसी भाग में रक्त संचार में आने वाली रूकावट और किसी रक्त वाहिना के टूटने से होने वाले रिसाव को ब्रेन स्‍ट्रोक कहा जाता है। दरअसल, रक्‍त प्रवाह के बाधित होने से उसका असर ब्लड सर्कुलेशन पर दिखने लगता है, जिससे मस्तिष्‍क के ऊतकों को पूर्ण रूप से ऑक्‍सीजन सप्लाई नहीं हो पाती है। इससे मस्तिष्‍क की कोशिकाओं को क्षति पहुंचने लगती है। स्‍ट्रोक से बचाव के लिए कुछ ही समय के अंर्तगत मिलने वाले उपचार की मदद से ब्लड सर्कुलेशन को नियमित किया जा सकता है।

सेंटर फॉर डिज़ीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार स्ट्रोक संयुक्त राज्य अमेरिका में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। हर साल 795,000 से अधिक अमेरिकी लोगों को स्ट्रोक की समस्या से दो चार होना पड़ता है।

मस्तिष्क के किसी भाग में रक्त संचार में आने वाली रूकावट और किसी रक्त वाहिना के टूटने से होने वाले रिसाव को ब्रेन स्‍ट्रोक कहा जाता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

स्ट्रोक के कितने प्रकार हैं (Types of stroke)

ब्रेन में रक्त प्रवाह नियमित न होने से ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने लगती है। इससे खून के थक्के बनने लगते है, जो ब्रेन स्ट्रोक का कारण साबित होता है। ब्रेन स्ट्रोक तीन प्रकार का होता है

इस्कीमिक स्ट्रोक (Ischemic stroke)
रक्तस्रावी स्ट्रोक (hemorrhagic stroke)
टीआईए:क्षणिक इस्केमिक अटैकद्ध (Transient ischemic attack)

जानते हैं ब्रेन स्ट्रोक के संकेत (Signs of brain stroke)

1. भ्रम की स्थिति पैदा होना

बोलने और सुनने में परेशानी का अनुभव करना ब्रेन स्ट्रोक की समस्या का प्राथमिक लक्षण है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति पूर्ण रूप से अपनी बात कहने में समर्थ महसूस करता है। इसके अलावा अचानक गंभीर सिरदर्द भी इस परेशानी का संकेत है।

2. कदमों का लड़खड़ाना

इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति पूर्ण से नहीं चला पाता है। ऐसी स्थिति में बार बार लड़ाखाकर गिरने की संभावना बनी रहती है। शारीरिक संतुलन न बन पाने से चोटिल होने का जोखिम बढ़ जाता है। सिर चकराना और गिर जाना सामान्य है।

3. देखने में परेशानी

आंखों के आगे धुंधलापन छाने लगता है और किसी चीज पर फोकस नहीं कर पाते हैं। इस समस्या के चलते व्यक्ति को देखने में असमर्थता का अनुभव होता है और सभी चीजें एक से अधिक नज़र आने लगती है। व्यक्ति खुद को परेशान महसूस करने लगता है।

4. शारीरिक अंगों का सुन्न होना

अचानक एक हाथ, पैर या चेहरे में आने वाला सुन्नपन स्ट्रोक का ही एक संकेत है। इसमें चेहरे में परिवर्तन नज़र आने लगता है और लटका हुआ दिखने लगता है। ऐसे में बोलते वक्त और मुस्कुराते वक्त चेहरा पूरी तरह से मूवमेंट नहीं करता है।

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जानते हैं इससे बचने के उपाय

1. स्मोकिंग अवॉइड करें

धूम्रपान इस समस्या के खतरे को बढ़ा देता है। इसके चलते ब्लड वेसल्स फैट व कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है। ऐसे में ब्लड वेसल्स श्रिंक होने लगती हैं। इसका असर शरीर में रक्त स्त्राव पर भी नज़र आने लगता है। ब्लड सर्कुलेशन न होने से स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।

ब्लड वेसल्स श्रिंक होने लगती हैं। इसका असर शरीर में रक्त स्त्राव पर भी नज़र आने लगता है। ब्लड सर्कुलेशन न होने से स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।चित्र : एडॉबीस्टॉक

2. मोटापा घटाएं

शरीर में मोटापा और ओवरवेट होने से हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ने लगता है। इससे बचने के लिए अपने वज़न को नियंत्रित रखना आवश्यक है। इससे शरीर हेल्दी और फिट रहता है, जिससे का खतरा कम होता है। इसके अलावा शरीर कई समस्याओं से भी बचा रहता है।

3. रेगुलर चेकअप अवश्य करवाएं

शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की शिकायत होने से रेगुलर चेकअप अवश्य करवाएं। इससे स्‍ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति अपने शरीर में स्‍ट्रोक से मिलते.जुलते लक्षण देखता है, तो डॉक्टर से नियमित चेकअप करवाएं। इससे शरीर को किसी बड़े खतरे से बचाया जा सकता है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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