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Joint health : बढ़ती उम्र में भी रखना है जोड़ों को स्वस्थ, तो इन बातों का हमेशा ध्यान रखें

किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन, रोग और बढ़ती उम्र सबसे पहले जॉइंट्स को प्रभावित करते हैं। समय रहते सचेत होना सबसे जरूरी है। यदि आप अपने जॉइंट्स का ख्याल रखना चाहती हैं, तो एक्सपर्ट की बताई बातों का ख्याल रखना होगा।
स्वस्थ वजन बनाए रखने से जॉइंट केयर हो सकती है। चित्र : अडोबी स्टॉक
Updated On: 21 Nov 2023, 04:18 pm IST
मेडिकली रिव्यूड

किसी भी प्रकार के रोग या बढ़ती उम्र सबसे पहले जॉइंट्स को प्रभावित करते हैं। जॉइंट हेल्थ मूवमेंट के लिए सबसे जरूरी है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, उनमें टूट-फूट की संभावना अधिक होने लग सकती है। जॉइंट्स के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि समय रहते यदि जोड़ों की देखभाल शुरू कर दी जाए, तो उम्र से संबंधित परिवर्तनों को रोकने या प्रबंधित करने में (how to keep joints healthy) मदद मिल सकती है।

उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों को स्वस्थ रखना क्यों है जरूरी (keep your joints healthy as you age)

जॉइंट्स दो बोंस को जोड़कर रखता है। इसके कारण मूवमेंट होती है। काम्प्लेक्स जॉइंट कार्टिलेज, लिगामेंट और टेंडन से बने होते हैं। इनमें विशेष तरल पदार्थ भी होते हैं, जो घर्षण को कम करते हैं। ये हड्डियों की स्टीफ़नेस दूर कर नरम बनाते हैं। हेल्दी जॉइंट चलने, झुकने, किसी चीज को उठाने और पकड़ने जैसी गतिविधियों को आसानी से और बिना दर्द के करने में मदद करते हैं।

कब हो सकती है समस्या (Joint Problem)

गाजियाबाद के एमीकेयर अस्पताल में आर्थो स्पेशियेलिस्ट ( जॉइंट रिप्लेसमेंट, आर्थ्रोस्कोपी और स्पोर्ट्स इंजरी) डॉ.हिमांशु गुप्ता बताते हैं, ‘ जोड़ों की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, जोड़ों में प्राकृतिक टूट-फूट का अनुभव होने लग सकता है। उम्र से संबंधित मस्कुलोस्केलेटल परिवर्तन आंशिक रूप से जिम्मेदार हैं। इसमें कम बोन डेंसिटी, फ्लूइड, कार्टिलेज और मस्कुलर मास कम हो सकते हैं। इन परिवर्तनों के कारण जॉइंट डिसऑर्डर या चोटें लग सकती हैं।

गठिया, मोच, खिंचाव और टेंडिनिटिस हो सकता है। जोड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना होगा। इससे जॉइंट की टूट-फूट को रोकने में मदद मिल सकती है। यह मूवमेंट और जॉइंट वेलनेस को बढ़ा सकता है।

यहां हैं जॉइंट हेल्थ को बनाये रखने के लिए 5 टिप्स (how to keep joints healthy)

1. स्वस्थ वजन बनाए रखने का प्रयास (Healthy Weight for Joint Care)

मोटापा ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए जोखिम बढ़ाता है। अतिरिक्त वजन पीठ, घुटनों, हिप्स और टखनों सहित वजन उठाने वाले जोड़ों पर दबाव डाल सकता है। बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) में वृद्धि के साथ घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा 35% बढ़ जाता है। इसलिए स्वस्थ वजन बनाए रखने से जॉइंट केयर हो सकती है। अपनी लम्बाई के अनुसार शरीर का सही वजन रखने का प्रयास करें।’

अतिरिक्त वजन पीठ, घुटनों, हिप्स और टखनों सहित वजन उठाने वाले जोड़ों पर दबाव डाल सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

2. नियमित एक्सरसाइज करें (Daily Exercise)

व्यायाम से जोड़ों की समस्या दूर रहती है। जोड़ों के लिए उचित एक्सरसाइज को दिनचर्या में शामिल करने से जोड़ चिकनाईयुक्त और स्वस्थ रह सकते हैं। सक्रिय रहने से जोड़ों के दर्द, जकड़न और सूजन को रोका या कम किया जा सकता है। नियमित व्यायाम कार्टिलेज क्षति से भी बचा सकता है।

पैदल चलने जैसे कम प्रभाव वाले व्यायाम जोड़ों पर कम तनाव डालते हैं। स्थिर गति से ब्लड फ्लो भी बढ़ता है और कार्टिलेज को पोषक तत्व मिलते हैं। पॉवर ट्रेनिंग व्यायाम भी जोड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं। साथ ही न्यूरोमस्कुलर ट्रेनिंग मूवमेंट में सुधार करता है।’

3 आहार में सूजन रोधी खाद्य पदार्थ (Anti Inflammatory Foods for Joint Care)

पुरानी सूजन से आर्थराइटिस जैसी स्थितियों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ खाद्य पदार्थ जोड़ों सहित शरीर में सूजन से लड़ने में मदद कर सकते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ के अलावा, पत्तेदार हरी सब्जियां, जैसे- ब्रोकोली, केल और पालक सूजनरोधी खाद्य पदार्थ हैं।

स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, ड्राई फ्रूट्स, सीड्स- जैसे बादाम, अखरोट और चिया सीड्स को नियमित रूप से आहार में शामिल करें। वसायुक्त मछलियां, जैसे सैल्मन, ट्राउट और सार्डिन में एंटीऑक्सिडेंट सहित प्रमुख पोषक तत्व होते हैं, जो जॉइंट केयर करने में मदद कर सकते हैं

4. पर्याप्त पानी (Hydration for Joint care)

जॉइंट कार्टिलेज में मुख्यतः पानी होता है। पर्याप्त पानी का सेवन जोड़ों में सिनोवियल फ्लूइड बनाने में मदद करता है। यह जेल जैसा तरल पदार्थ हड्डियों को टूट-फूट से बचाता है। इसलिए खुद को हाइड्रेट रखना चाहिए। जो महिलाएं प्रतिदिन 5-8 ग्लास पानी पीती हैं वे पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रहती हैं।साथ ही, किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन का तुरंत ट्रीटमेंट कराना चाहिए

पर्याप्त पानी का सेवन जोड़ों में सिनोवियल फ्लूइड बनाने में मदद करता है। चित्र:शटर स्टॉक

5.एक्सरसाइज से पहले वार्मअप (Warm up before Exercise)

एक्सरसाइज करते समय आप वार्मअप या कूलडाउन नहीं छोड़ना चाहिए। वर्कआउट रूटीन में इन महत्वपूर्ण कदमों को छोड़ने से जोड़ों में चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है। केवल 15 मिनट वार्म अप होने और कूल डाउन होने से चोट लगने का खतरा कम हो सकता है। हृदय गति को बढ़ाने और मांसपेशियों को गर्म करने के लिए धीरे-धीरे कसरत शुरू करनी चाहिए।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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