इन दिनों नींद नहीं आने की समस्या आम है। ऑफिस प्रेशर और घर-परिवार की समस्याओं ने हमारी नींद छीन ली है। नींद लाने के लिए लोग तरह-तरह के ऊपाय करने लगे हैं। इन दिनों सप्लीमेंट के रूप में मेलाटोनिन लेने का चलन तेजी से बढ़ा है। मेलाटोनिन न केवल नींद लाने बल्कि साउंड स्लीप में भी मदद करता है। यदि आपको भी नींद की समस्या है। आप नींद के लिए मेलाटोनिन लेने पर विचार कर रही हैं, तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि मेलाटोनिन क्या है और यह कैसे काम करता (Melatonin for sleep) है।
गुरुग्राम के उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. शुचिन बजाज बताते हैं ‘शरीर स्वाभाविक रूप से मेलाटोनिन का उत्पादन करता है। यह आपको सोने के लिए मजबूर नहीं करता है। जैसे ही शाम होती है, शरीर में मेलाटोनिन का स्तर बढ़ जाता है। यह व्यक्ति को शांत कर देता है, जो नींद के लिए जरूरी है । ज्यादातर लोगों का शरीर नींद के लिए पर्याप्त मेलाटोनिन का उत्पादन स्वयं करता है। किन्हीं कारणों से यदि आप सो नहीं पा रही हैं या अनिद्रा का अनुभव कर रही हैं, तो आप मेलेटोनिन सप्लीमेंट लेकर उसका प्रभाव देख सकती हैं। मेलाटोनिन के कारण ही व्यक्ति जल्दी बिस्तर पर जाते हैं और सुबह जल्दी उठ जाते हैं। ध्यान रखें कि कभी भी बिना विशेषज्ञ की सलाह के मेलेटोनिन सप्लीमेंट नहीं लें।’
डॉ. शुचिन बजाज बताते हैं, सोने से लगभग दो घंटे पहले मेलाटोनिन का स्तर बढ़ जाता है। सोने से पहले रोशनी कम करके इसके लिए अनुकूल परिस्थिति बनानी जरूरी है। इसके बाद ही यह अच्छी तरह अपना काम कर सकेगा। कंप्यूटर, स्मार्टफोन या टैबलेट का उपयोग बंद कर दें। इन उपकरणों से निकलने वाली नीली और हरी रोशनी मेलाटोनिन के प्रभाव को बेअसर कर सकती है।
यदि आप टेलीविजन देखती हैं, तो स्क्रीन से कम से कम छह फीट की दूरी पर आपको होना चाहिए। शाइनी ओवरहेड लाइटें बंद कर दें। सुबह और दोपहर के दौरान दिन के उजाले में रहने से सही समय पर नींद के लिए मेलाटोनिन का उत्पादन (Melatonin for sleep) करने में मदद मिल सकती है। बाहर टहलें या धूप वाली खिड़की के पास बैठें।
डॉ. शुचिन बजाज के अनुसार कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन नहीं करें। आपकी जरूरत के आधार पर इसकी मात्रा तय की जाती है। मेलाटोनिन सप्लीमेंट का उपयोग हमेशा सावधानीपूर्वक करें। सोने से दो घंटे पहले 1 – 3 मिलीग्राम लिया जा सकता है। सोने से दो घंटे पहले मेलाटोनिन लेने का प्रयास (Melatonin for sleep) करें। सोने-जागने का सही शेड्यूल बनाएं।
दिन में प्राकृतिक रोशनी का सेवन जरूर करें। यदि एक या दो सप्ताह तक लेने के बावजूद नींद के लिए मेलाटोनिन काम नहीं कर रही है, तो इसका उपयोग बंद कर दें। यदि नींद की समस्या बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें। इसे एक से दो महीने तक रात में लेना सुरक्षित है।
यदि हाई ब्लड शुगर या हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं, तो मेलाटोनिन सप्लीमेंट नहीं लें। मेलाटोनिन सप्लीमेंट ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकती है। कुछ हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं लेने वाले लोगों में यह ब्लड प्रेशर लेवल बढ़ा देती है। यदि आप प्रेगनेंट हैं या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं या कोई ऑटोइम्यून डिजीज है, तो इसका प्रयोग (Melatonin for sleep) नहीं करें। सीजर या डिप्रेशन की स्थिति में भी मेलाटोनिन का उपयोग नहीं करें।
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