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सर्दी, इंफेक्शन या कोई और समस्या, जानिए क्या है खांसी आने का कारण और इसका उपचार

बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत खांसी है। पर यह हर बार अलग तरह की होती है। इसके उपचार के लिए जरूरी है कि पहले आप इसके संकेतों को समझें।
जानते हैं खांसी के कारण और इससे बचने के उपाय भी (tips to get rid of cough)। चित्र शटरस्टॉक।
Updated On: 10 Jan 2024, 04:55 pm IST

मौसम में आने वाला सामान्य बदलाव स्वास्थ्य को कई प्रकार से प्रभावित करता है। सर्द हवाओं की चपेट में आने से खांसी की समस्या बढ़ने लगती है। मौसमी संक्रमण के प्रहार से लोग दिनभर खांसी जु़काम की समस्या से घिरे रहते हैं। लगातार कई दिनों से हो रही खांसी चिंता का कारण साबित होने लगती है। खांसी के साथ गले में खराश और बुखार का होना भी सामान्य है। कोविड, फ्लू, सामान्य सर्दी और टीबी जैसे रेसपिरेटरी डिज़ीज के दौरान खांसी को लक्षण के तौर पर देखा जाता है। जानते हैं खांसी के कारण और इससे बचने के उपाय भी (tips to get rid of cough)।

सामान्य खांसी और ब्रोंकाइटिस में क्या अंतर है

इस बारे में बातचीत करते हुए मणिपाल हॉस्पिटल, कोलकाता के कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ सौम्य दास का कहना है कि ब्रोंकाइटिस खांसी की अवधि सामान्य खांसी की तुलना में लंबी होती है। इसके अलावा खांसी के साथ बलगम का आना ब्रोंकाइटिस की एक्यूट कंडीशन की ओर इशारा करता है। इसकी समस्या 1 से 2 महीनों तक व्यक्ति को रहती है। वहीं मौसमी बदलाव, धूल मिट्टी यानि एलर्जी और फ्लू के कारण होने वाली सामान्य खांसी कुछ दिनों में ठीक हो जाती है। वहीं ब्रोंकाइटिस में खांसी के साथ बलगम की समस्या बढ़ने लगती है। इससे सांस संबधी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।

कफ खांसते समय आपके गले से निकलने वाला चिपचिपा पदार्थ होता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

खांसी के कारण जानें (Reasons of cough)

1.फ्लू

फ्लू सूखी खांसी का मुख्य कारण साबित होता है, जो धीरे धीरे गंभीर रूप ले लेता है। इससे खांसी के साथ बलगम की समस्या बढ़ने लगती है। फ्लू के दौरान शरीर में खांसी के साथ बुखार और बॉडी पेन जैसे लक्षण भी दिखने लगते हैं। इससे मांसपेशियों में जकड़न की समस्या बढ़ जाती है। खांसी जुकाम से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने से ये समस्या बढ़ जाती है।

2. सामान्य सर्दी

सामान्य सर्दी जुकाम के कारण होने वाली खांसी के साथ नाक बंद होने की समस्या बढ़ने लगती है। इससे गले में हल्की खराश और थकान महसूस होने लगती है। सर्दी के कारण शरीर में आलस्य की स्थिति बनी रहती है और नाक बंद होने के कारण सिरदर्द की भी संभावना बनी रहती है।

कोल्ड के दौरान आउटडोर एक्सरसाइज़ से लेकर सैर तक सभी चीजों से बचना जरूरी है। चित्र : अडोबी स्टॉक

3. तपेदिक यानि टीबी

तीन सप्ताह से ज्यादा समय तक रहने वाली खांसी टीबी का एक संकेत हो सकता है। टीबी के मरीजों को थकान और वीकनेस महसूस होने लगती है। इसके अलावा बुखार के लक्षण भी नज़र आते हैं। बार बार होने वाली खांसी से छाती में दर्द की समस्या भी बढ़ने लगती है। टीबी से ग्रस्त मरीजों को दिन के साथ रात में भी खांसी की समस्या से जूझना पड़ता है।

4. कोविड 19

बीते दिनों कोविड 19 के कई नई वेरिएंट सुर्खियों में बने हुए हैं। इसके चलते मरीजों को खांसी जुकाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इस चलते सांस लेने में तकलीफ और स्मैल व टेस्ट के चले जाने समेत कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 2 से लेकर 14 दिनों तक रहने वाले इस संक्रमण से थ्रोट और चेस्ट में उलझन महसूस होने लगती है।

खांसी ठीक करने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें

1. हाथों को बार बार धोएं

शरीर को संक्रमण मुक्त रखने के लिए हाथों को बार बार धोएं और सेनिटाइज़र का इस्तेमाल करें। इससे शरीर पर मौसमी संक्रमण के प्रहार का जोखिम कम होने लगता है। इसके अलावा शरीर में अन्य रोगों का खतरा भी कम होने लगता है।

2. सोशल डिस्टेंसिंग का रखें ख्याल

अगर आप खांसी से ग्रस्त है, तो पब्लिक प्लेस या भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करें। इससे अन्य लोगों पर संक्रमण का असर होने का खतरा रहता है। अपने चेहरे को कवर करके रखें और मास्क पहनना भी आवश्यक है।

3. ठण्डे पेय पदार्थों से बचें

सर्दी के मौसम में कोल्ड ड्रिंक को पीने से बचें। इससे कफ का दोष बढ़ने लगता है, जो ब्रीदिंग लाइनिंग में ड्राइनेस का कारण साबित होता है। इससे खांसी की समस्या के बढ़ने का खतरा बना रहता है और गले में दर्द भी रहता है।

कोल्ड्रिंक का सेवन भूलकर भी न करें. चित्र : शटरस्टॉक

4. फ्राइड फूड का सेवन न करें

तले भुने खाद्य पदार्थों का सेवन करने से गले में खराश की समस्या बढ़ने लगती है। दरअसल, इससे एक्रोलिन एलर्जी का जोखिम बढ़ता है, जो गले में होने वाली खराश का कारण साबित होता है। तला हुआ खाना खाने से शरीर में एक्रोलिन कंपाउड बढ़ने लगात है, जो खांसी का मुख्य कारण साबित होता है।

5. वैक्सीनेशन अवॉइड न करे

कोविड 19 और फ्लू वैक्सीनेशन को मिस न करें। डॉक्टरी सलाह से नियमित तौर पर वैकसीन लगवाएं। इससे शरीर में संक्रमण का प्रभाव कम हो जाता है, जिससे मौसम में आने वाले बदलाव से शरीर जल्दी संक्रमित नहीं हो पाता है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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