Covid-19 variant JN.1 : केरल में पाया गया कोविड-19 वैरिएंट जेएन.1 भारत के लिए कितना खतरनाक है?

Covid-19 variant JN.1 : हाल में केरल में कई लोग कोविड-19 वायरस से संक्रमित पाए गये। इन सभी संक्रमितों में नया कोविड सब-वेरिएंट जेएन.1 पाया गया। संक्रमितों की बढ़ती हुई संख्या देखकर एक बार फिर भारत के लिए स्थिति चिंताजनक हो सकती है। कितना गंभीर हो सकता है जेएन.1? आइये जानते हैं कि हमें क्या करना चाहिए?
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केरल में कोविड-19 (COVID-19) के जेएन.1 (JN.1) सबवेरिएंट का एक नया मामला पाया गया। (अडोबी स्टॉक )
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 20 Dec 2023, 14:00 pm IST
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कोविड-19 का खतरा भले ही कम हो गया हो, लेकिन देश में नए कोरोना वायरस स्ट्रेन के मामले लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं। नए कोविड-19 वेरिएंट का लगातार उभरना चिंता का विषय बना हुआ है। हाल में केरल में कोविड-19 का नया वेरिएंट पाया गया है। यह सब- वेरिएंट जेएन.1 है। इस नए कोरोनोवायरस वेरिएंट ने स्वास्थ्य अधिकारियों और आम जनता के बीच चिंता पैदा कर दी है। केरल में बढ़ते मामलों के साथ लोगों को संक्रमित होने से बचने के लिए अधिक सतर्क और सावधानी बरतने की जरूरत है। कोविड-19 के नये वेरिएंट जेएन.1 (Covid-19 variant JN.1 ) के बारे में आइये सब कुछ जानते हैं।

सबसे पहली बार कहां मिला JN.1 कोविड-19 वेरिएंट(Covid-19 variant JN.1 )?

आईएनएसएसीओजी(INSACOG) की चल रही नियमित निगरानी की रिपोर्ट के अनुसार, केरल में कोविड-19 (COVID-19) के जेएन.1 (JN.1) सबवेरिएंट का एक नया मामला पाया गया था। इस मामले का पता 8 दिसंबर 2023 को केरल के काराकुलम ( तिरुवनंतपुरम) से एक आरटी-पीसीआर पॉजिटिव नमूने से चला। मरीज में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे। इसके अलावा, पिछले कुछ हफ्तों में केरल में कोविड -19 मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। इनमें से अधिकतर मामले चिकित्सकीय रूप से हल्के होते हैं। ये बिना किसी इलाज के घर पर ही ठीक हो जाते हैं। यह खतरनाक है या नहीं, इसके बारे में कई अलग-अलग बातें कही जा रही हैं। इसके लिए हेल्थ शॉट्स ने जनरल फिजिशियन डॉ. रवि शंकर केसरी से बात की।

केरल में नया कोविड 19 वैरिएंट जे एन 1 क्या है(What is (Covid-19 Variant JN.1) ?

कोविड 19 वायरस का सब वैरिएंट है जे एन. 1। इसे केरल में जीनोमिक अनुक्रमण के माध्यम से पहचाना गया है। यह सब वैरिएंट बी ए (BA.2.86) वैरिएंट से लिया गया है। जे एन. 1 कोविड-19 वैरिएंट अपनी आनुवंशिक संरचना में ख़ास प्रकार का ट्रांसफॉरमेशन करता है, जो इसे मूल स्ट्रेन और अन्य ज्ञात वैरिएंट से अलग करता है। इसके स्पाइक प्रोटीन में ट्रांसफॉरमेशन हुआ है। इससे संभावित रूप से इसकी संचरण क्षमता और मानव प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ व्यवहार में बदलाव आया है। डॉ. केसरी बताते हैं कि वैरिएंट क्लासिफिकेशन वायरस की विकसित प्रकृति की निगरानी और अध्ययन करने के लिए वैश्विक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा निर्धारित नामकरण का पालन करता है।

 

 वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, बी ए.2.86 कई देशों में रिपोर्ट किया गया है। विश्व स्तर पर इसका प्रसार धीरे-धीरे बढ़ रहा है। विश्व स्तर पर वर्तमान जनसंख्या प्रतिरक्षा अत्यधिक क्रॉस-रिएक्टिव बनी हुई है। विशेष रूप से गंभीर बीमारी (severe disease) के खिलाफ, लेकिन रोगसूचक बीमारी (symptomatic disease) के खिलाफ भी। इसलिए इस वैरिएंट के कारण राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों पर बोझ बढ़ने की संभावना नहीं है। जेएन.1, बीए.2.86 के एक भाग के रूप में क्लासिफाय किया गया है।

कोविड-19 वैरिएंट जेएन.1के लक्षण क्या हैं (Covid-19 Variant JN.1 Symptoms) ?

जेएन.1से जुड़े लक्षण काफी हद तक मूल कोविड 19 (COVID-19) के समान हैं, जिनमें शामिल हैं:

बुखार
खांसी
सांस लेने में कठिनाई
थकान
शरीर में दर्द

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जेएन.1से जुड़े लक्षण काफी हद तक मूल कोविड 19 (COVID-19) के समान हैं। चित्र-अडोबी स्टॉक

स्वाद या गंध का नुकसान
गला खराब होना
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं
नई जानकारी उपलब्ध होने तक इस प्रकार किसी भी अलग तरह के या गंभीर लक्षण की निगरानी जरूरी है।

क्या यह भारत के लिए ख़तरा है (Is it a threat to India) ?

डॉ. केसरी के अनुसार, JN.1 वैरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है, लेकिन इस वैरिएंट से उत्पन्न खतरे का स्तर अभी भी सटीक रूप से निर्धारित नहीं किया गया है। प्रारंभिक आकलन से पता चलता है कि इसमें ट्रांसमिशन की क्षमता ( transmissibility) या प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रभावित करने वाले परिवर्तन हो सकते हैं। बीमारी की गंभीरता और इस संस्करण के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता के आगे की जांच की जरूरत है।

यह पहली बार नहीं है कि भारत में नए कोविड-19 वैरिएंट के मामले सामने आए हैं। अब तक देश ने इससे प्रभावी ढंग से लड़ाई लड़ी है। विशेषज्ञ कहते हैं, “कोविड-19 की फ्रीक्वेंसी और इसकी मजबूत निगरानी और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के साथ भारत के पिछले अनुभव पॉजिटिव रहे हैं। अधिकारी इसके प्रसार को रोकने और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसके संभावित प्रभाव का आकलन करने के लिए जेएन.1 की सक्रिय रूप से निगरानी भी कर रहे हैं।”

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किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए? ( Preventive Measures)

कई प्रीवेंटिव टिप्स ट्रांसमिशन जोखिमों को कम करने में महत्वपूर्ण हैं। सतर्कता और दिशानिर्देशों का पालन जेएन.1 और अन्य कोविड-19 वेरिएंट के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है:

1. टीका लगवाएं (Vaccination)

समय पर टीकाकरण को प्रोत्साहित करना और बूस्टर शॉट्स के संबंध में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। इसका उद्देश्य बीमारी की गंभीरता को कम करने और ट्रांसमिशन को सीमित करने के लिए व्यापक कवरेज सुनिश्चित करना है।

2. मास्क का प्रयोग करें और जरूरी हायजीन अपनाएं ( Mask and proper Hygiene)

भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लगातार मास्क पहनना, बार-बार हाथ की सफाई करना और सामाजिक दूरी बनाए रखना वायरस के ट्रांसमिशन के खिलाफ प्रभावी उपाय हैं।

3. भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचें (Avoid crowded area)

संचरण के जोखिम को कम करने के लिए बड़ी सभाओं और पूअर वेंटीलेशन वाले क्षेत्रों में जाने का जोखिम (Covid-19 variant JN.1 ) कम करें।

4. परीक्षण और शीघ्र अलगाव (Testing and Isolation)

कमुनिटी में प्रसार को रोकने के लिए लक्षण या जोखिम का अनुभव होने पर तत्काल परीक्षण करा लें। रिपोर्ट सकारात्मक आने पर संक्रमित को अलग रहने दें।

5. बुजुर्गों और बच्चों की सुरक्षा करें (Protect Elderly and children)

बुजुर्गों और बच्चों को घर के अंदर ही रहना चाहिए या उचित कोविड-19 सावधानियां बरतनी चाहिए, क्योंकि वे सबसे कमजोर ग्रुप हैं।

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बुजुर्गों और बच्चों को घर के अंदर ही रहना चाहिए या उचित कोविड-19 सावधानियां बरतनी चाहिए। चित्र: शटरस्टॉक

6. स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करें (Follow Health Guidelines)

स्थानीय स्वास्थ्य सलाह का पालन करना और ट्रांसमिशन (Covid-19 variant JN.1 ) को रोकने के लिए नियमों का अनुपालन करना, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में या प्रकोप के दौरान जरूरी है।

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