Mulethi in winter season : ठंड में सूखी खांसी से बचना चाहती हैं, तो आज से शुरू कर दें मुलेठी का सेवन

Mulethi in winter season : ठंड में सूखी खांसी से बचना चाहती हैं, तो आज से शुरू कर दें मुलेठी का सेवन ठंड में सूखी खांसी और सर्दी की समस्या बढ़ जाती है। आयुर्वेद मानता है कि ठंड शुरू होते ही मुलेठी का प्रयोग शुरू कर देना चाहिए। यह कई तरह के रोगों से बचाव कर सकता है।
mulethi ke fayde
मुलेठी त्वचा के लिए होता है बेहद फायदेमंद। चित्र : एडॉबी स्टॉक
Published On: 16 Dec 2023, 04:00 pm IST
Dr. Neetu Bhatt
मेडिकली रिव्यूड

आज भी गांवों में सर्दी शुरू होते ही बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी मुलेठी देना शुरू हो जाता है। मौसम बदलने के कारण होने वाली सूखी खांसी में यह कारगर है। हालांकि यह बारह मास तक फलने फूलने वाला हर्ब है। यह एशियाई देशों में मुख्य रूप से पाया जाता है। सदियों से आयुर्वेद और चीनी चिकित्सा में कफ खत्म करने वाले हर्ब के रूप में मुलेठी (Licorice) का उपयोग किया जाता रहा है। लिकोरिस या मुलेठी में प्राकृतिक मिठास होती है। इसलिए इसका प्रयोग स्वाद बढ़ाने वाले एजेंट के रूप में भी किया जाता है। आयुर्वेद विशेषज्ञ बताते हैं कि ठंड शुरू होते ही मुलेठी का सेवन जरूर करना चाहिए। जानते हैं ठंड में मुलेठी के क्या फायदे (Mulethi in winter season) हैं।

अस्थमा के उपचार में प्रभावी मुलेठी (Mulethi for asthma)

मुलेठी में विटामिन सी, विटामिन ई, जिंक और सेलेनियम जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट (Mulethi in winter season) होते हैं। ये सेलुलर फ़ंक्शन को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स को हटाकर शरीर को शारीरिक तनाव से लड़ने में मदद करते हैं। यह पाचन में सहायता करता है। यह अलकेलाइन होता है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभाव होता है। यह अर्थराइटिस और अस्थमा के उपचार में सहायता करता है।

जाड़े में मुलेठी के प्रयोग के हैं 5 कारण (Causes of mulethi use)

1 इम्युनिटी बूस्ट कर सकते हैं (Immunity booster Mulethi)

जाड़े के दिनों में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना जरूरी है। मुलेठी में इम्युनिटी बढ़ाने वाले पॉवरफुल गुण होते हैं। यह गुण सर्दियों की बीमारियों के खिलाफ इम्युनिटी को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। मुलेठी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करता है। इससे संभावित रूप से सर्दियों की आम बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

2 गले की खराश दूर करता है (Mulethi for sore throat and cough)

मुलेठी या मंजिष्ठा एंटी इन्फ्लेमेटरी और सूदिंग गुणों के कारण गले की खराश से राहत दिला सकती है। यह नेचुरल रूप से ब्रोंकस पर सुरक्षात्मक परत (bronchodilator properties ) बनाती है। यह गले की असुविधा को कम करती है और आराम दिलाती है। यह विशेष रूप से सर्दियों के दौरान फायदेमंद होता है। यदि गले में खराश है, तो मुलेठी का छोटा टुकड़ा तुरंत राहत दिलाता है।

3 सांस लेने में मदद (Mulethi for Breathing Problems)

सर्दी में सांस संबंधी समस्याएं आम हैं। दरअसल, ठंड में ज्यादातर समय घर के अंदर रहने पर वायरस अधिक आसानी से फैलते हैं। मुलेठी या मंजिष्ठा का उपयोग करने से सांस संबंधी समस्या दूर हो जाती है। कंजेशन से राहत देने और ब्रोन्कियल हेल्थ में भी मदद कर सकती है गिलोय। इसके कफ हटाने वाले गुण बलगम को ढीला करने में मदद कर सकते हैं। इससे कफ को बाहर निकालना आसान हो जाता है।

Mulethi aka Manjishtha benefits
मुलेठी का उपयोग करने से सांस संबंधी समस्या दूर हो जाती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

4 शरीर में गर्माहट लाती है (Mulethi for body warmth)

मुलेठी ठंडे तापमान में गर्म रखने में भी मदद कर सकती है। मुलेठी को दिनचर्या में शामिल करने से आंतरिक गर्मी मिल सकती है। इससे ठंड के मौसम से निपटने में मदद मिलती है।

5 ड्राई स्किन से राहत (Mulethi for dry skin)

ठंड में स्किन ड्राई और हार्ड हो जाती है। इससे स्किन पर रेड रैशेज (Mulethi in winter season) भी हो सकते हैं। मुलेठी के सूजन-रोधी और मॉइस्चराइजिंग गुण स्किन को मुलायम और चमकदार बनाते हैं। मुलेठी और इसकी पत्तियों को पीसकर इसका मास्क तैयार किया जा सकता है। इस मास्क को चेहरे पर एप्लाई किया जा सकता है।

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कैसे सेवन करें (How to use Mulethi)

ठंड के मौसम में मुलेठी की चाय का सेवन किया जा सकता है। दिन भर में 2-3 बार मुलेठी की चाय पीई जा सकती है। इससे खांसी कम हो सकती है। इसके लिए मुलेठी को चूड कर एक कप पानी में उबालना होगा। एक बार उबाल आने पर फ्लेम धीमी कर दें। 5 मिनट तक पकने दें। इसे छानकर पीयें।

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ठंड के मौसम में मुलेठी की चाय का सेवन किया जा सकता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

क्या रोजाना सेवन किया जा सकता है (Mulethi for daily use)?

मुलेठी का सेवन करने के साथ कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। मुलेठी चाय (Mulethi in winter season) का सेवन दिन में 2 कप से ज्यादा न करें। लीवर की बीमारी और डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को इसका नियमित सेवन नहीं करना चाहिए।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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