पेट ही नहीं, स्किन भी खराब करता है प्रोसेस्ड और फ्राइड फूड, जानिए इसके दुष्परिणाम
मार्केट में तरह तरह के फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड काफी ट्रेंड कर रहे हैं। कम समय में जल्दी तैयार होने वाले ये प्रोसेस्ड फूड खाने में टेस्टी लग सकते हैं। पर शायद आप नहीं जानती कि ये आपकी गट, हार्ट हेल्थ और स्किन को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं। स्ट्रीट फूड्स (street foods), रेस्तरां में परोसे जाने वाले व्यंजन ( Deep fried foods) और प्रोसेस्ड फूड्स (processed foods) सभी आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।
क्या आप फ्रेंच फ्राई की शौकीन हैं? या रेस्तरां में डिनर की शुरुआत चिकन स्ट्रिप से करती हैं? चीज स्टिक, फिश फ्राई, टिक्की और भी बहुत सारे फूड्स ऐसे हैं, जिन्हें हम अकसर अपना मूड अच्छा करने या किसी खास मौके को सेलिब्रेट करने के लिए खाते हैं। बिना यह जानें कि ये सभी फूड आपको एजिंग और बीमारियों की तरफ तेजी से धकेल रहे हैं। ये न सिर्फ आपके पेट और हृदय स्वास्थ्य के लिए खराब हैं, बल्कि आपकी स्किन को भी डैमेज कर रहे हैं।
आपकी सेहत को ये 5 जोखिम दे रहे हैं प्रोसेस्ड और फ्राइड फूड्स (side effects of processed and fried foods)
1. त्वचा को डैमेज करते हैं ये फूड्स
शुगर, अनहेल्दी फैट और प्रोसेस्ड सामग्री से भरपूर जंक फूड त्वचा के स्वास्थ्य पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों के सेवन से एक्ने और सूजन सहित त्वचा संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं।
उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ, जैसे कि मीठे स्नैक्स और प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट, इंसुलिन के स्तर को बढ़ा सकते हैं, जिससे त्वचा में एक तैलीय पदार्थ सीबम का उत्पादन शुरू हो सकता है। अधिक मात्रा में सीबम का प्रोडक्शन पोर्स को बंद कर सकता है, जिससे एक्ने की समस्या आपको परेशान करना शुरू कर देती है। इसके अतिरिक्त, प्रोसेस्ड और फ्राइड खाद्य पदार्थों के सूजन संबंधी गुण एक्ने, एक्जिमा और रोसैसिया जैसी त्वचा की स्थितियों को बढ़ा सकते हैं।
जंक फूड में आवश्यक पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट की कमी भी त्वचा को उसके स्वास्थ्य और फ्लेक्सिब्लिट को बनाए रखने के लिए आवश्यक और महत्वपूर्ण तत्वों से वंचित कर सकती है, जिससे संभावित रूप से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो सकती है और त्वचा पर समय से पहले रिंकल्स और फाइन लाइंस नजर आ सकते हैं।
2. पाचन स्वास्थ्य पर पड़ता है नकारात्मक असर
जंक फूड्स में अधिक मात्रा में अनहेल्दी फैट, शुगर और आर्टिफिशियल एडिटिव्स पाए जाते हैं, इसका सेवन पाचन स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। इन खाद्य पदार्थों में आमतौर पर फाइबर, विटामिन और मिनरल्स जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है, जो एक संतुलित पाचन क्रिया के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। जंक फूड का अत्यधिक सेवन आंत में हेल्दी बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे सूजन, कब्ज या दस्त जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं।
इसके अलावा, हाई फैट और चिकनाई वाले खाद्य पदार्थ पाचन प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं, जिससे शरीर के लिए पोषक तत्वों को तोड़ना और अवशोषित करना मुश्किल हो जाता है, जिससे समय के साथ पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जंक फूड में मौजूद अधिक शुगर पाचन तंत्र में सूजन का कारण बन सकता है, जिससे संभावित रूप से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आईबीएस) या इन्फ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (आईबीडी) जैसी स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है।
यह भी पढ़ें: Ragi Papad : हेल्दी मंचिंग का टेस्टी ऑप्शन है रागी के पापड़, नोट कीजिए रेसिपी और फायदे
3. बढ़ा देते हैं हृदय संबंधी समस्याएं
तले हुए खाद्य पदार्थ खाने से हाई ब्लड प्रेशर, लो HDL (“अच्छा”) कोलेस्ट्रॉल और मोटापा हो सकता है, ये सभी हृदय रोग के जोखिम कारक हैं। एक अध्ययन में 16,479 प्रतिभागियों के साथ एक 4-वर्ष तक किए गए अध्ययन के परिणामस्वरूप, हर सप्ताह फ्राइड फिश की 2 सर्विंग खाने से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इस बीच, जिन लोगों ने फलों और सब्जियों से भरपूर आहार खाया, उनमें इसका जोखिम काफी कम था।
4. बढ़ सकता है आपका ब्लड शुगर लेवल
कई पुराने अध्ययनों में पाया गया है कि फ्राइड फूड खाने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2005 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार जो लोग प्रति सप्ताह दो बार से अधिक फास्ट फूड खाते हैं, उनमें इंसुलिन रेजिस्टेंस विकसित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में दोगुनी होती है, जो इसे प्रति सप्ताह एक बार या उससे कम खाते हैं।
5. वेट और मेटाबॉलिज्म होता है प्रभावित
आपकी बॉडी पर जंक फूड का प्रभाव बेहद नकारात्मक हो सकता है, विशेष रूप से वजन और मेटाबॉलिज्म के संबंध में। जंक फूड का नियमित सेवन, जिसमें आमतौर पर अनहेल्दी फैट, शुगर और एंप्टी कैलरी अधिक होती है, जो वेट गेन में एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। ये खाद्य पदार्थ प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। ब्लड शुगर का बढ़ना इंसुलिन की रिहाई को ट्रिगर करता है, ये एक प्रकार का हार्मोन है जो एनर्जी के लिए सेल्स को शुगर को अवशोषित करने में मदद करता है।
हालांकि, जंक फूड के नियमित सेवन से इन्सुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है, जहां सेल्स इंसुलिन के संकेतों के प्रति कम प्रतिक्रियाशील हो जाती हैं, जिससे शरीर अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने लगता है। परिणामस्वरूप, यह फैट स्टोरेज को बढ़ावा देता है, विशेष रूप से पेट के आसपास, जिससे वजन बढ़ता है।
यह भी पढ़ें: दालचीनी का पानी शुगर क्रेविंग को भी करता है कंट्रोल, मेरी मम्मी बताती हैं इसके फायदे और बनाने का तरीका