Chutney for Diabetic : ये जायकेदार चटनी है डायबिटीज का सुपर इफेक्टिव इलाज, जानिए रेसिपी और फायदे
खराब खानपान ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। प्रोसेस्ड फ़ूड, एडेड शुगर से तैयार मिठाइयां, डिब्बाबंद नमकीन अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार होते हैं। कई हर्ब का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और शुगर लेवल को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं। तुलसी, आजवाइन पत्ती, करी पत्ता, पुदीना कुछ ऐसे ही हर्ब हैं, जिन्हें डायबिटीज के मरीज को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। इस आलेख में एक डायटीशियन इन हर्ब से तैयार चटनी की रेसिपी बतायेंगी, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित (chutney for diabetics) करेगा। यह स्वादिष्ट लेकिन पौष्टिक एक चम्मच चटनी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का भी काम करेगी।
इम्युनिटी बूस्टर चटनी करती है ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल (Immunity Booster Chutney)
डायटीशियन लवलीन कौर अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट बताती हैं, ‘ यह एक विशेष इम्युनिटी बूस्टर चटनी है, जिसे परिवार का हर सदस्य पारंपरिक भारतीय भोजन दाल, चावल, रोटी और सब्जी के साथ खा सकता है। दरअसल इस चटनी में शामिल सामग्री लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low Glycemic Index) वाले हैं। ये खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर लेवल को कम करने या मैनज करने में मदद कर सकते हैं। साबुत अनाज, ड्राई फ्रूट्स, बीन्स, कुछ फल, नॉन-स्टार्च वाली सब्जियां और लीन प्रोटीन ब्लड शुगर लेवल को घटाने में मदद करते हैं।
चटनी की सामग्री (Chutney Ingredients)
लवलीन कौर बताती हैं, ‘चटनी बनाने के लिए लहसुन-3 कली, अदरक-2 इंच, प्याज – 1/2 छोटा, टमाटर-1 छोटा, अनार दाना (Pomegranate)-1 बड़ा चम्मच, ताज़ा करी पत्ता-10-12, ताजी अजवाइन की पत्तियां-4-5, ताजी मीठी तुलसी की पत्तियां (Sweet Basil)-5-6, ताज़ी पुदीने की पत्तियां-1 कप, ताज़ा हरा धनिया-1 कप, हरी मिर्च- 2-3, नमक- स्वादानुसार, इमली/गुड़ (वैकल्पिक) कच्चा आम- 1 टुकड़ा
यदि आपको पाइल्स की शिकायत है, तो अदरक का प्रयोग नहीं करें। डायबिटीज के मरीज गुड़ का प्रयोग नहीं करें।
कच्चा आम नहीं रहने पर 1 स्पून लेमन जूस (Lemon Juice) का भी प्रयोग किया जा सकता है।
कैसे तैयार करें चटनी (How to make chutney for diabetes)
लवलीन कौर बताती हैं, ‘ यदि इन सभी सामग्री को सिल बट्टा (Stone Grinder) में तब तक पीसें जब तक यह पूरी तरह मुलायम न हो जाए। सिलबट्टा नहीं रहने पर चटनी को पीसने के लिए मिक्सी का भी प्रयोग किया जा सकता है।
सर्विंग (𝗦erving)
किसी भी भारतीय भोजन के साथ छोटी मात्रा 1-2 चम्मच चटनी का आनंद लिया जा सकता है।
यहां हैं फायदे (𝗕enefits of Chutney)
कच्चे आम, टमाटर और अनार के बीज विटामिन सी से भरपूर होते हैं।
अदरक, लहसुन, प्याज और टमाटर एंटीऑक्सीडेंट और एसेंशियल विटामिन और मिनरल से भरपूर हैं।
सभी ताजी पत्तियां बेहतर पाचन में सहायता करती हैं।
मीठी तुलसी की पत्तियां मतली से राहत दिलाने में मदद करती हैं।
किन्हें मिल सकता है फायदा (who can benefit)
ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में मधुमेह रोगियों (Diabetic and Pre diabetic) के लिए सर्वोत्तम।
एसिडिटी से राहत के लिए बढ़िया (रेसिपी से मिर्च हटा दें)
हाई फाइबर सामग्री के कारण कब्ज से राहत मिलती है
एनीमिया के लिए अच्छा है, क्योंकि विटामिन सी आयरन के अवशोषण में मदद करता है।
पीसीओडी, थायराइड और किसी अन्य हार्मोनल असंतुलन के लिए भी अच्छा है।
सतर्क रहें (𝗕e 𝗖areful)
यदि आपको इंटेसटिनल बोवेल सिंड्रोम (IBS) है।
यदि आप गर्भवती हैं (Pregnancy) ।
स्टोन ग्राइंडर का प्रयोग क्यों (Why stone grinder and not grinder or blender)
लवलीन कौर बताती हैं मैनुअल ग्राइंडिंग या पाउंडिंग चटनी को स्वादिष्ट बनाता है। इससे सुगंध निकलती है और स्वाद पत्थर की ध्वनि के साथ मिश्रित हो जाता है। इससे कोई हीट उत्पन्न नहीं होती। भोजन का स्वाद मौलिक होता है।
पोषक तत्वों को सुरक्षित रखता है। खाना स्वादिष्ट और जायकेदार हो जाता है। पीसने से बोनस में आपको सुडौल आर्म और बाइसेप्स मिलते हैं। स्टोन ग्राइंडर नहीं रहने पर मिक्सी से पीसकर भी चटनी का आनंद लिया जा सकता है।