लॉग इन

फॉर्मूला फूड से बेहतर है पारंपरिक आहार, बेबी के सही पोषण के लिए इन 3 दालों को करें उसके आहार में शामिल

छह महीने के बाद शिशुओं को ठोस आहार देना शुरू कर देना चाहिए। आहार विशेषज्ञ इसके लिए पारंपरिक खानपान की सलाह देते हैं, जिसे आप आसानी से बना सकें और बच्चा आसानी से पचा सकें। भारतीय आहार योजना में दालें ऐसा ही एक हल्का ठोस आहार है।
सभी चित्र देखे
प्राकृतिक खाद्य पदार्थ देना है। ये हानिकारक कीटनाशकों और रसायनों से रहित होते हैं। इसका स्वाद पैकेज्ड या डिब्बाबंद फूड्स की तुलना में बहुत बेहतर होता है चित्र : अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 18 Apr 2024, 17:41 pm IST
मेडिकली रिव्यूड
ऐप खोलें

बच्चों को कुछ हेल्दी खिलाना माता-पिता के लिए बहुत जरूरी होता है। ताकि उनकी ग्रोथ और विकास अच्छे से हो सके। भारतीय घरों में दाल रोज ही बनती है, जिसे पोषण का पावरहाइस कहा जाता है। दाल किसी भी आयु के बच्चे के लिए एक बेहतरीन स्वस्थ विकल्प है। अगर बच्चा नौ महीने का है, तो उसे दाल को सूप के रूप में पिलाया जा सकता है। अगर बच्चे की उम्र बड़ी है, तो इसके साथ चावल, रोटी या सब्जियों के साथ मिक्स करके दी जा सकती है। तो चलिए आज जानते हैं कि बच्चों के लिए सबसे उपयुक्त दाल कौन सी है।

अपने बच्चे को आवश्यक पोषण देने का प्रभावी तरीका प्राकृतिक खाद्य पदार्थ देना है। ये हानिकारक कीटनाशकों और रसायनों से रहित होते हैं। इसका स्वाद पैकेज्ड या डिब्बाबंद फूड्स की तुलना में बहुत बेहतर होता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भी अधिक होती है।

दाल सभी बच्चों के लिए अत्यधिक स्वास्थ्यवर्धक है। इसलिए अधिकांश माता-पिता के लिए यह सबसे पहली पसंद बनी हुई है। इसके अतिरिक्त, इसे बनाना आसान है और यह उन विटामिनों से भरपूर है, जिनकी एक बच्चे को आवश्यकता होती है। अगर आपको भी अपने बच्चे के लिए दालों का चयन करने में दिक्कत हो रही है, तो आप इन तीन दालों को आराम से इस्तेमाल कर सकते हैं।

आपके बच्चे के भोजन को पौष्टिक बनाने के लिए मील प्लान में कई दालें शामिल की जाती हैं। चित्र : शटरस्टॉक

बच्चों के लिए कितना जरूरी है दालों का सेवन

आपके बच्चे के भोजन को पौष्टिक बनाने के लिए मील प्लान में कई दालें शामिल की जाती हैं। इसके पोषण मूल्य के कारण जब बच्चा नौ महीने का हो जाता है, तो उसे कुछ हेल्दी दाल से बने फूड देने की सलाह दी जाती है।

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसे दाल के साथ ठोस आहार शामिल करने की भी सिफारिश की जाती है। मगर इसके साथ ही यह जांचना भी जरूरी है कि बच्चे का शरीर नए खाद्य पदार्थों के प्रति कैसी प्रतिक्रिया दे रहा है।

ऑर्गेनिक भोजन का सेवन आपके बच्चे को कीटनाशकों से बचाएगा, जो अक्सर कैंसर का कारण बनते हैं। दाल की खेती जैविक तरह से की जाती। इसलिए ये आपके बच्चे को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाती।

यहां हैं 3 सबसे पौष्टिक दालें, जिन्हें आप अपने बच्चे की डाइट में शामिल कर सकती हैं

1 मसूर दाल (Red Lentils)

मसूर दाल प्रोटीन, फाइबर, आयरन और फोलेट सहित पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है। यह काफी नरम होती है और हल्का स्वाद इसे छोटे बच्चों को खिलाने के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है। आप क्रीमी मसूर दाल का सूप बना सकते हैं या इसे मिक्स सब्जी की डिश में शामिल कर सकते हैं। इसकाे पकाने में कम समय लगता है। जो किसी भी व्यस्त माता-पिता के लिए सुविधाजनक हो सकता है।

मसूर दाल बच्चों के आहार को पौष्टिक बनाती है और शरीर में पोषण की कमी को पूरा करने में मदद करती है। । चित्र : शटरस्टॉक

2 मूंग दाल (Split Moong Beans)

मूंग दाल अत्यधिक पौष्टिक और पचने में आसान होती है, जिससे यह शिशुओं सहित सभी उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त होती है। यह प्रोटीन, विटामिन बी और पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर है। मूंग दाल की खिचड़ी, चावल और मूंग दाल का मिक्स, ठोस आहार बच्चों के लिए काफी उपयुक्त है। बड़े बच्चों के लिए, आप मूंग दाल के पैनकेक बना सकते हैं या पोषण बढ़ाने के लिए इसे सूप और स्टू में मिला सकते हैं।

3 चना दाल (Chana dal)

चना दाल प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, आयरन और जिंक जैसे खनिजों से भरपूर होती है। इसका स्वाद काफी स्वादिष्ट होता है, जिससे यह आपके बच्चे के भोजन के लिए एक वर्सिटाइल विकल्प बन जाता है। आप सब्जियों के साथ चना दाल की सब्जी बना सकते हैं या फिर इन्हें भूनकर और मसाले डालकर कुरकुरे चना दाल स्नैक्स बना सकते हैं। बेसन के लड्डू जैसी कई पारंपरिक मिठाइयों में चना दाल भी एक प्रमुख रूप से शामिल होता है।

ये भी पढ़ें- ब्रेस्टफीडिंग की ये 5 गलतियां कर सकती हैं आपके बच्चे को बीमार, इनसे बचना है जरूरी

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख