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ब्रेन को डैमेज कर सकती हैं डे टू डे लाइफ की ये 7 गलतियां, इनसे बचना है जरूरी

ब्रेन को शार्प करने के लिए यूं तो हम कई प्रयास कर रहे हैं। जानते हैं वो कौन सी मिस्टेक्स हैं, जो हमारे ब्रेन को डैमेज करने का काम कर रही है।
पानी को देखने भर से डोमामाइन और सिरोटोनिन जैसे हैप्पी हार्मोन रिलीज होने लगते है, जो मेंटल हेलथ को बूस्ट करने में मदद करते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
ज्योति सोही Published: 12 Aug 2023, 15:30 pm IST
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हर व्यक्ति का ये प्रयास होता है कि वो बौद्धिक क्षमताओं को बढ़ाए और चीजों को तुरंत याद कर लें, ताकि हर कार्य जल्दी और आसानी से हो पाए। मगर बदल रहा लाइफस्टाइल हमारी मेमोरी को शार्प करने की जगह कम करने का काम कर रहा है। मिनटों पहले की जाने वाली ऑफिस डिस्कशन को हम ज्यादा देर तक याद नहीं रख पाते हैं, बच्चे एग्ज़ामिनेशन हॉल में पहुंचते ही सब भूलने लगते हैं और यहां तक की कई बार बात करते करते हम उसके उद्देश्य से भी विचलित हो जाते हैं।

हांलाकि ब्रेन को शार्प करने के लिए यूं तो हम कई प्रयास कर रहे हैं। अगर साथ ही आप कुछ गलतियां भी दोहरा रहे हैं, तो इससे मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंच सकता है। जानते हैं वो कौन सी मिस्टेक्स हैं, जो हमारे ब्रेन को डैमेज (things damage your brain) करने का काम कर रही है।

जानते हैं योग एवं आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रतिष्ठा से कि किस कारण से हमारा दिमाग धीरे धीरे डैमेज होने लगता है

1. एक्सरसाइज़ न करना

अगर आप रूटीन में किसी भी एक्सरसाइज करती है, तो इससे आपकी शरीर फिज़िकली और मेंटली दोनों प्रकार से ही फिट रहता है। इसके लिए आप एक्सरसाइज़ की किसी भी फॉर्म को अपना सकती हैं। फिर चाहे वो डांस हो, एरोबिक्स हो, रनिंग हो यां फिर कार्डियो या फिर योगा हो। दरअसल एक्सरसाइज़ हमारे बीडीएनएफ यानि ब्रेन डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर को रेगुलेट करने में मदद करती है।

अगर आप बिल्कुल भी एक्सरसाइज़ नहीं करते हैं, तो इससे आपकी शरीर की क्षमताएं कम होने लगती हैं। चित्र: अडोबी स्टॉक

इसके लिए हमें मॉडरेट एक्सरसाइज़ को जीवन में अपनानी चाहिए। अगर आप बिल्कुल भी एक्सरसाइज़ नहीं करते हैं, तो इससे आपकी शरीर की क्षमताएं कम होने लगती हैं।

2. समय से न सोना

कुछ लोग रातभर जागकर दिन में सोने लगते हैं। इससे आपकी नींद का पैटर्न खराब हो जाता है। रात में समय से सोने और पूरी नींद लेने से आप शरीर को कई बीमारियों से दूर रख सकते है। 8 घंटे की नींद लेने से आपका ब्रेन फ्रेश हो जाता है। इससे चीजों को सोचने और समझने की क्षमता भी प्रभावित होती है। साथ ही आपके अंदर क्रिएटिविटी भी बढ़ने लगती है। आप खुद को अन्य एक्टीविटीज़ में एगेंज करने लगते हैं। इससे आपका ब्रेन भी एक्टिव बना रहता है।

3. बैली फैट का बढ़ना

बॉडी में फैट्स बढ़ने से शरीर लेज़ी हो जाता है और कार्यक्षमता भी कम होने लगती है। शरीर को एक्टिव और एलर्ट रखने के लिए बैली फैट को रिडयूज़ करना बहुत ज़रूरी है। इससे आपका मांइड भी तेज़ी से चलने लगता है और आप हर काम आसानी से समय पर पूरा कर पाते है। एक्सपर्ट के मुताबिक आपकी कमर का साइज़ जितनी तेज़ी से बढ़ता है। उतना ही आपका दिमाग संकुचित होने लगता है। ऐसे में बैली फैट को कम करें और खुद को एक्टिव रखें।

बॉडी में फैट्स बढ़ने से शरीर लेज़ी हो जाता है और कार्यक्षमता भी कम होने लगती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

4. जंक फूड खाने से बचें

जंक फूड हमारे लाइफ स्टाइल का एक हिस्सा बन चुका है। ये हमारे ब्रेन की एबीलिटीज़ को कम करता है। इससे मूड स्वि्ांग होने लगते है, मेमोरी लॉस हो जाती है और प्रोडक्टिविटी भी कम होने लगती है। ब्रेन को एक्टिव रखने के लिए प्रिजर्वेटिव फूड खाने से बचें। इसके अलावा स्वीटनर्स को भी पेय पदार्थों में एड न करें।

5. स्क्रीन टाइम का बढ़ना

आजकल हर उम्र के लोगों का अधिकतर समय मोबाइल में ही गुज़रता है। कॉलिंग, चैटिंग या फिर स्क्रीनिंग में लोग अपने घंटों बर्बाद कर देते हैं। इसका सीधा प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर दिखने लगता है। इससे दिमाग की क्षमताएं कम होने लगती है। हमारा माइंड स्क्रीन का हैबीचुअल होने लगते हैं। जो मांइड को प्रभावित करने लगता है। इससे हम ऐसा महसूस करने लगते हैं कि उम्र के कारण हम थक रहे हैं, जब कि इसका कारण मांइड का एक्टिव रहना नहीं है।

घंटो मोबाइल फोन चलाते रहने से हो सकता है मेंटल हेल्थ को नुकसान। चित्र : शटरस्टॉक

6. घर के अंदर समय न बिताएं

अगर आप खुली हवा में सांस नहीं ले रहे हैं, तो इसका असर आपके दिमाग पर भी दिखने लगता है। आपके अंदर निबेटिविटी बढ़ने लगती है। दूसरों को देखने का नज़रिया बदलने लगता है। साथ ही आपका शरीर बहुत से पोषक तत्वों से विहीन हो जाता है। खुद को हेलदी और स्वस्थ्स रखने के लिए कुछ वक्त प्रकृति के नज़दीक रहें और योग करें। इससे तन और मन दोनों ही स्वस्थ रहेंगे।

7. सीखना छोड़ देना

ये बात सोचना बंद कर दें कि आप अब इस उम्र में कुछ नया नहीं सीख सकते हैं। रोज़ाना कुछ नया सीखें और दिमाग को अधिक से अधिक प्रयोग करने की कोशिश करें। इससे आपका माइंड एक्टिव रहता है और इससे कार्यकुशलता भी बढ़ने लगती है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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