टहलना समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। हर दिन सिर्फ 30 मिनट वाक कार्डियोवस्कुलर फिटनेस को बढ़ा सकता है। यह हड्डियों को मजबूत करता है। यह शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम कर सकता है। यह मांसपेशियों की शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ा सकता है। ट हाल में हुए अध्ययन बताते हैं कि चलने से बुजुर्ग लोगों में मस्तिष्क की कनेक्टिविटी (walking benefits Brain) और याददाश्त (Walking boosts Memory) बढ़ती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने एक विशेष अध्ययन किया। इसमें 71 से 85 वर्ष की आयु के 33 प्रतिभागियों के एक समूह पर 12 सप्ताह की अवधि तक अध्ययन किया गया। इसमें सप्ताह में चार दिन ट्रेडमिल पर चलने के दौरान बारीकी से निगरानी की गई।
इस नए अध्ययन से पता चला कि चलने से अल्जाइमर रोग से जुड़े तीन मस्तिष्क नेटवर्क के बीच कनेक्शन में सुधार हुआ। वाकिंग का मस्तिष्क स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव (walking benefits Brain) पड़ा।
इसमें वृद्ध वयस्कों के मस्तिष्क और घटना को याद करने के कौशल की भी जांच की गई। ये वृद्ध हल्के संज्ञानात्मक हानि वाले भी थे।हल्की संज्ञानात्मक हानि, स्मृति, तर्क और निर्णय जैसी संज्ञानात्मक क्षमताओं में हल्की गिरावट को दर्शाती है। इसे अल्जाइमर रोग के लिए एक जोखिम कारक माना जाता है।
यह निष्कर्ष जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज रिपोर्ट्स में भी प्रकाशित हुआ। शोधकर्ताओं के अनुसार, इस शोध में जिन मस्तिष्क नेटवर्कों का अध्ययन किया गया, वे समय के साथ हल्के संज्ञानात्मक हानि और अल्जाइमर रोग के प्रति गिरावट दिखाते हैं। ये नेटवर्क समय के साथ डिस्कनेक्ट हो जाते हैं। परिणामस्वरूप लोग स्पष्ट रूप से सोचने और चीजों को याद रखने की क्षमता खो देते हैं। वाकिंग इन संबंधों को मजबूत करता है।
इसमें मस्तिष्क के रक्त प्रवाह को कम करने और हल्के संज्ञानात्मक हानि वाले वृद्ध वयस्कों में मस्तिष्क के कार्य को बढ़ाने के लिए वाकिंग कराया गया। अध्ययन में भाग लेने वालों लोगों का फंक्शनिंग एमआर आई (FMRI) भी किया गया।इससे शोधकर्ताओं को संज्ञानात्मक कार्य के लिए जिम्मेदार तीन मस्तिष्क नेटवर्क के भीतर और बीच में संचार परिवर्तन की मात्रा निर्धारित करने में मदद मिली।
डिफ़ॉल्ट मोड नेटवर्क सक्रिय हो जाता है जब कोई व्यक्ति किसी विशिष्ट कार्य में नहीं लगा होता है। जैसे दिवास्वप्न देखना या घर में होने वाली खरीदारी की सूची के बारे में सोचना। यह जटिल रूप से हिप्पोकैम्पस से जुड़ा हुआ है, जो मस्तिष्क के (walking benefits Brain) उन क्षेत्रों में से एक है जो अल्जाइमर रोग के शुरुआती प्रभावों का अनुभव करता है। इसके अतिरिक्त, परीक्षण अक्सर अल्जाइमर से संबंधित संकेतकों की उपस्थिति को प्रकट करते हैं जैसे एमिलॉयड प्लेक, जो इस नेटवर्क में तंत्रिका कोशिकाओं के आस-पास असामान्य प्रोटीन जमा होते हैं।
यह नेटवर्क निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है जब व्यक्ति कार्यों में लगे होते हैं। यह स्मृति कार्यों (walking benefits Brain) में भी भूमिका निभाता है। इसके अलावा मेन नेटवर्क बाहरी उत्तेजनाओं और आसपास के वातावरण पर नज़र रखता है। यह निर्धारित करता है कि ब्रेन को किस पर अधिक ध्यान देना चाहिये। टहलना समग्र संज्ञानात्मक प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए विभिन्न मस्तिष्क नेटवर्क के बीच सहज संचार की सुविधा भी देता है।
12-सप्ताह के अभ्यास के बाद शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों की कहानी को याद करने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी। मस्तिष्क की गतिविधि अधिक मजबूत और अधिक सिंक्रनाइज़ थी। वाकिंग वास्तव में मस्तिष्क के समय और जरूरत के हिसाब से अनुकूलित होने की क्षमता को प्रेरित कर सकता है। वाकिंग हल्के संज्ञानात्मक हानि वाले लोगों को रोकने या स्थिर करने के मदद करने के तरीके के रूप में उपयोगी हो सकता है। आगे जाकर अल्जाइमर के डिमेंशिया के उपचार में भी मदद मिल सकती है।
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