क्या आप भी है एंग्जाइटी से परेशान? एक्सपर्ट बता रही है इससे ओवरकम होने के 6 आसान उपाय
घबराहट, सांस लेने में कठिनाई, कम नींद आने की समस्या, थकान महसूस होना और मुंह सूखना यह सभी एंग्जायटी के लक्षण हो सकते हैं। हमे यह पता नही होता, लेकिन हम में से बहुत से लोग एंग्जायटी के शिकार हैं। कुछ लोगों को यह समस्या अधिक परेशान करती है, तो कुछ लोगों को कम। ज्यादातर यह युवाओं में देखने को मिलती है। हालांकि, कभी-कभी एंग्जायटी (चिंता) का अनुभव करना एक सामान्य बात है। परंतु जब यह ज्यादा बढ़ जाए तो इससे वर्क और लाइफ दोनों ही प्रभावित होने लगते हैं। इसलिए जरूरी है कि इसे समय रहते कंट्रोल कर लिया जाए। यहां हम एंग्जायटी से बचने के लिए कुछ एक्सपर्ट सुझाव लेकर आपके पास आए हैं।
हालांकि कभी-कभी किसी को भी एंग्जायटी हो सकती है। पर यदि कोई 6 महीने से अधिक समय तक एंग्जायटी से ग्रसित है, तो उसे एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) का नाम दिया जाता है। वहीं आगे चलकर यह पैनिक अटैक और डिप्रेशन का रूप ले सकती है।
एंग्जायटी डिसऑर्डर को हम कई नामों से जानते हैं, जैसे चिंता, व्याकुलता, मानसिक व्यग्रता, उत्कंठा, घबराहट, उत्सुकता आदि। एंग्जायटी से ग्रसित लोगों को सामान्य जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्या आप एंग्जायटी से होने वाली समस्याओं के बारे में जानती हैं? यदि नही, तो एक्सपर्ट से जानिए इससे होने वाली परेशानियां और साथ ही इससे उबरने के कुछ आसान तरीके।
असल में एंग्जायटी का असर तुरंत आपकी सेहत पर नहीं दिखता, परंतु भविष्य में आपकी सेहत को इसके कई नुकसान भुगतने पड़ सकते हैं। यह आपको शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से कमजोर कर सकती है। आगे जानते हैं इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में।
क्या हैं भारत में एंग्जायटी के आंकड़े
भारत में 15.20 प्रतिशत लोग एंग्जायटी डिसऑर्डर की समस्या से ग्रसित हैं। वहीं 15.17 प्रतिशत लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। नींद की कमी आपको एंग्जायटी की समस्या से ग्रसित कर सकती है। हमारे देश में लगभग 50 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो पर्याप्त नींद नहीं ले पाते। वहीं 18 प्रतिशत युवा एंग्जायटी डिसऑर्डर के शिकार हैं। आपको बता दें कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को एंग्जाइटी होने की संभावना अधिक होती है।
यहां जानते हैं एंग्जायटी के कुछ प्रकार
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सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर (social anxiety disorder)
वह व्यक्ति जो समाज के लोगो द्वारा नकारात्मक दृष्टि से देखें जाने की चिंता से परेशान रहते हैं, उन्हें सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर से पीड़ित माना जाता है।
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पैनिक डिसऑर्डर (panic disorder)
पैनिक डिसऑर्डर में व्यक्ति को किसी भी वक़्त तीव्र चिंता और भय का अनुभव हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में सांस फूलना, चक्कर आना और अत्यधिक पसीना आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
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सेपरेशन एंग्जायटी डिसऑर्डर (separation anxiety disorder)
किसी व्यक्ति से दूर होने का डर तीव्र चिंता उत्पन्न करता है। ऐसी परिस्थिति में सेपरेशन एंग्जायटी डिसऑर्डर हो सकता है।
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इलनेस एंग्जायटी डिसऑर्डर (illness anxiety disorder)
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर अधिक चिंतित रहने से इलनेस एंग्जायटी डिसऑर्डर जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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फोबिया (phobia)
किसी वस्तु, स्थिति और गतिविधियों से पैदा होने वाले व्यक्तिगत डर के कारण आपको फोबिया जैसी समस्या हो सकती है।
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कस्टमाइज़ करेंयह हैं एंग्जायटी के कुछ आम लक्षण
- एंग्जायटी से पीड़ित व्यक्ति तनावपूर्ण रहने के साथ लोगों से दूर अकेले रहना पसंद करते हैं।
- सांस फूलने और हार्ट बीट बढ़ने जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
- कम नींद आना और रात भर जागना एंग्जायटी के लक्षण हो सकते हैं।
- नकारात्मक ख्यालों से घिरे रहना। साथ ही सिर में दर्द और किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित न रख पाना।
- घबराहट के कारण लूज मोशन और उल्टी आने जैसी समस्या हो सकती है। वहीं अधिक एंग्जाइटी के कारण मुंह सूखने के बाद चक्कर आना भी एक लक्षण है।
- मांसपेशियों में तनाव, छाती में खिंचाव और अधिक थकान महसूस होना।
मुश्किल नहीं है एंग्जायटी से उबरना
ईटराइट द न्यूट्रिशन क्लिनिक, अंधेरी वेस्ट, मुंबई में नूट्रिशनिस्ट मालविका अठावले का कहना है कि एंग्जायटी की समस्या ज्यादातर युवाओं में देखने को मिलती है। यदि इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए, तो बाद में यह शारीरिक और मानसिक परेशानियों का कारण बन सकती है। नूट्रिशनिस्ट का कहना है कि अपनी दिनचर्या में कुछ महत्वपूर्ण चीजों को शामिल करने से हम इस समस्या को खुद से दूर रख सकते हैं।
1 रात को समय अनुसार सोने की कोशिश करें, और कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।
2 सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में जायफल पाउडर को मिलाकर पी सकती हैं। एंग्जायटी की समस्या में आपकी मदद करेगा।
3 यदि आप एंग्जायटी की समस्या से परेशान हैं, तो रात के खाने में सलाद लेना जरूरी है।
4 मालविका अठावले कहती हैं कि एंग्जायटी से दूर रहने के लिए कम से कम दिन का 30 मिनट खुद के साथ बिताने का प्रयास करें। साथ ही अपनी हॉबी जैसे की पेंटिंग, डांसिंग, पोएट्री, किताबें पढ़ना इत्यादि को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल कर सकती हैं।
5 सुबह या शाम किसी भी वक्त टहलने की आदत बनाएं। इसके अलावा सप्ताह में कम से कम 4 दिन जिम जाने से आप एंग्जायटी से दूर रह सकती हैं।
6 नूट्रिशनिस्ट मालविका अठावले के अनुसार चिंता की स्थिति में खुद को शांत रखने के लिए ठंडा पानी पिएं और साथ ही दिन में कम से कम 2 बार ग्रीन टी या हर्बल टी ले सकती हैं।
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