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Post wedding blues : जानिए क्या है यह मानसिक स्थिति, जिसका सामना शादी के बाद ज्यादातर लड़कियां करती हैं

शादी के बाद की जिम्मेदारियों और परिवार से दूरी के कारण ज्यादातर गर्ल्स अकेलापन महसूस करने लगती हैं। इस मिलेजुले तनाव को पोस्ट वेडिंग ब्लूज़ का नाम दिया जाता है। जानते हैं कि इससे बाहर आने के लिए किन टिप्स को फॉलो करें।
जानते हैं पोस्ट वेडिंग ब्लूज़ (Post wedding blues) से कैसे बाहर आना है। चित्र-अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 15 Jan 2024, 11:00 am IST
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आज की पीढ़ी की कॉन्फीडेंट गर्ल्स दूल्हे के सलेक्शन से लेकर वॉर्डरोब के कलेक्शन तक हर चीज़ का चुनाव अपनी मर्जी से करती हैं। मगर शादी के दिन जैसे जैसे करीब आते हैं, तो एक अजीब सी टेंशन मन को घेर लेती है और शादी के बाद परिवार से दूरी और छोटी-छोटी बातों को लेकर होने वाली चिंताएं कब तनाव का रूप ले लेती हैं पता ही नहीं चलता है। शादी के बाद की जिम्मेदारियों के बोझ के कारण अधिकतर गर्ल्स खुद को अकेला महसूस करने लगती हैं। इस मिलेजुले तनाव के लिए जो शब्द इस्तेमाल किया जाता है, उसे कहते हैं पोस्ट वेडिंग ब्लूज़ (Post wedding blues)। जानते हैं इनसे कैसे बाहर आना है।

पोस्ट वेडिंग ब्लूज़ किसे कहते हैं (What is Post wedding blues)

इस बारे में मनोचिकित्सक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि इसमें कोई दोराय नहीं कि शादी के बाद लोग खुशी का अनुभव करते हैं, जिससे शरीर में सेरोटोनिन और डोपामाइन प्रोडयूस होते हैं। मगर जब मस्तिष्क इन हार्मोनस की अधिकता का अनुभव करता है, तो उसके बाद इनका उत्पादन बंद हो देता है। अब फील गुड हाॅर्मोन में कमी आने से हर ओर उदासी और तनाव महसूस होने लगता है। इसके अलावा शादी की तैयारियों के कारण होने वाली थकान भी चिंता का कारण बनने लगती है।

बायोमेड सेंट्रल के अनुसार नींद पूरी न होना और वर्कलोड बढ़ना तनाव के मुख्य कारण साबित होते है। ऐसे में सेल्फ केयर के लिए समय नहीं मिल पाता है, जो तनाव को बढ़ाने का काम करता है। इसके अलावा शादी की प्लानिंग के दौरान व्यवस्तता बढ़ना और खुद के लिए समय न मिल पाना तनाव का कारण साबित होता है।

सुखी और तनावमुक्त दांपत्य जीवन के लिए इन टिप्स को फॉलो करें। चित्र : शटरस्टॉक

इन टिप्स की मदद से पोस्ट वेडिंग ब्लूज़ को करें नियंत्रित

1. सेल्फ केयर है ज़रूरी

एनआईएच के अनुसार सेल्फ केयर पर फोकस करने से तनावपूर्ण स्थिति से बचा जा सकता है। शादी के बाद अपनी पिछली जिंदगी को याद करके मायूस होने की जगह आज में जीएं और नए जीवन का खुशी से स्वागत करें। अपने पार्टनर को महत्व दें और उसकी सहमति से नए लाइफ गोल्स को सेट करें

2. मैरिड लाइफ को एजॉय करें

शादी के बाद का वक्त एक ऐसा गोल्डन पीरियड कहलाता है, जिसमें दो लोग एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। ऐसे में अपनी अंडरस्टैण्डिंग को बढ़ाएं और ज्यादा से ज्यादा वक्त एक साथ स्पैण्ड करें। पोस्ट वेडिंग एक्साइटमेंट को बढ़ाने के लिए मूवी, डिनर और यात्राओं पर जाएं, जिससे जीवन में रोमांच बढ़ने लगता है।

पोस्ट वेडिंग एक्साइटमेंट को बढ़ाने के लिए मूवी, डिनर और यात्राओं पर जाएं, जिससे जीवन में रोमांच बढ़ने लगता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

3. सेक्सुअल लाइफ को वक्त दें

काम का ओवरलोड न्यूली वेड कपल्स के जीवन में बाधा बनने लगता है। ऐसे में कुछ वक्त एक दूसरे के लिए निकालें और सेक्स शेडयूल तैयार करें, जिससे पार्टनर को वक्त दे पाएं। इससे शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते हैं, जिससे तनाव की समस्या से डील करने में मदद मिलती है।

4. मेडिटेशन करें

मन में बार बार उठने वाले विचारों को नियंत्रित करने के लिए कुछ वक्त मेडिटेशन के लिए निकालें। इससे अपने विचारों को मन में बैठाने और देर तक उनके बारे में सोचने की जगह उन्हें बाहर निकलने दें। इससे मन में शांति का अनुभव होने लगता है और मेंटल हेल्थ बूस्ट होती है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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