एक्सपर्ट बता रहे हैं 4 कारण कि क्यों आपको पार्टनर चुनते समय एज गैप पर भी ध्यान देना चाहिए
अक्सर शादी के लिए जब लड़के की तलाश की जाती है, तो बैंक बैलेंस और लव कपैटिबिलिटी (love compatibility) का खास ख्याल रखा जाता है। मगर एक ऐसी चीज़ भी है। जो आपकी शादीशुदा जिंदगी को बेहतर और लॉन्ग लास्टिंग (long lasting marriage) बनाती हैं। वो है एज कंपैटिबिलीटी (age compatibility)। चाहे बॉलीवुड सितारों की बात करें या आम जिंदगी जीने वाले लोगों की। आज के दौर है लोग उम्र का ख्याल किए बगैर अपनी मर्जी के मुताबिक शादी के बंधन में बंध रहे हैं। जो आपकी मैरिड लाइफ के लिए चैलेंजिग भी साबित हो सकता है। जानते हैं कि अपनी शादी को लॉन्ग लास्टिंग बनाने के लिए एज गैप (Age gap in relationship) ज्यादा क्यों नहीं होना चाहिए।
जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल मेडिसिन की एक स्टडी के अनुसार सेक्सुअल रिलेशंस से आपकी बॉडी हेल्दी और रोगों से दूर रहती है। ऐसे में हर उम्र के लोगों को सेक्सुअली एक्टिव (sexually active) रहना ज़रूरी है। दरअसल, शरीर में एस्ट्रोजेन (estrogen) की कमी के चलते महिलाओं में सेक्स डिज़ायर की कमी आने लगती है। ये हॉर्मोन न केवल महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का बूस्ट करता है। बल्कि फीमेल सेक्सुअल एक्टिविटीज को भी रेगुलेट करने में सहायक है। शरीर में हार्मोनल असंतुलन सेक्सुअल इंनकपैटिबीलिटी का कारण बन जाता है।
क्यों जरूरी है एज गैप पर ध्यान देना
राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि अगर कपल्स के मध्य एज का ज्यादा गैप रहता है, तो उससे मतभेद बढ़ने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती हैं। इसके अलावा दोनों में अपनी अपनी गलतियों को मानने की टैंडेसी कम होने लगती हैं। जो भी पार्टनर ज्यादा उम्र का होगा, उसकी डॉमिनेटिंग (dominating) होने की संभावना उतनी ही ज्यादा रहती है। एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसे रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच जाते हैं।
1 कम हो सकती है सेक्सुअल कंपैटिबिलिटी
अगर दोनों लोगों की उम्र में ज्यादा गैप होता है, तो उसका प्रभाव आपकी सेक्सुअल लाइफ (sexual life) पर दिखने लगता है। दरअसल, उम्र बढ़ने के साथ शरीर में लिबिडो यानि सेक्सुअल डिज़ायर में कमी आने लगती है। इसके चलते आप अपने पार्टनर को संतुष्ट नही कर पाते हैं। अगर कपल की उम्र में सामान्य अंतर है, तो दोनों की सेक्सुअल लाइफ (sexual life) हेल्दी बनी रहती है। इससे आप सेक्सुअली एक्टिव रहने के अलावा मानसिक तौर पर भी मज़बूत रहते हैं।
2 भावनात्मक लगाव में कमी हो सकती है
अगर दोनों में से एक पार्टनर ज्यादा मैच्योर होगा, तो दूसरा व्यक्ति खुद को रिश्ते में बंधा हुआ महसूस करने लगेगा। ऐसे में आपसी अटैचमेंट कम होने लगती है। इसके अलावा दोनों के मध्य मिसअंडस्टैण्डिंग बढ़ जाती है। जो एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर (extra marital affair) का कारण साबित होती है।
3 अकसर महसूस होता है सोचने-समझने में अंतर
वे कपल्स जिनकी एज में फांसला ज्यादा होता है। उनकी सोच एक दूसरे से नहीं मिल पाती है। जहां ऐ पार्टनर ज्यादा मैच्योर, तो दूसरे में बचपना रहता है। ऐसे में दोनों पार्टनर्स अलग अलग तरीके की सोच रखते हैं। वे एक दूसरे को आसानी से नहीं समझ पाते हैं। इससे दोनों के मध्य मतभेद पैदा होने लगते हैं।
4 इनफर्टिलिटी के कई मामलों में एज गैप है वजह
उम्र में गैप होने से इनफर्टिलिटी (Infertility) की संभावना बढ़ जाती है। ज्यादा उम्र के पुरूषों में जहां इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और शुक्राणुआों की कमी की समस्या बढ़ने लगती है। दूसरी ओर ज्यादा उम्र की महिलाओं में वेजाइना का सूखापन और लो सेक्सुअल डिज़ायर इसका एक कारण साबित हो सकता है।
कभी-कभी यह फायदेमंद भी हो सकता है
1. खुद को प्रोटेक्टिड महसूस करना
वे लोग जिनका पार्टनर उनसे उम्र में बड़ा होता है। वे खुद को इमोशनल, साइकोलॉजिकल और फिजिकल तौर पर प्रोटेक्टिड महसूस करने लगते हैं। दरअसल, अपने पार्टनर की मैच्योरिटी उन्हें कई समस्याओं से बचाने में मदद करती है। वे खुद को सेफ महसूस करते हैं।
2. डिसीज़न मेकिंग आसान हो जाएगा
अगर आपका पार्टनर मैच्योर है, तो वो ही फैसला बहुत ही सोच समझकर लेने वाला होता है। वो आपको आपके फैसलों में मदद करने लगते है और आपको अच्छे और बुरे की जानकारी भी देते है। इससे आप उचित और सहीं फैसले लेकर जीवन में आगे बढ़ने लगती हैं।
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