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मेनिफेस्टेशन हमेशा अच्छी नहीं होती, एक मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट बता रही हैं इसके कुछ संभावित साइड इफेक्ट

जीवन में सब कुछ अच्छा ही अच्छा सोचना और बुरी चीजों को नजरंदाज करना आपको अधूरी सच्चाई की ओर ले जा सकता है। जबकि जीवन अच्छे और बुरे दोनों तरह के अनुभवों में पगा होता है।
मेनिफेस्टींग पर ध्यान केंद्रित करने से वास्तव में हमें मदद की तुलना में अधिक नुकसान हो सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 2 Feb 2024, 16:01 pm IST
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सकारात्मक मेनिफेस्टेशन तकनीकें युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। जो कुछ भी होता है हम उसे नियंत्रित कर सकते हैं और दुनिया में अच्छे विचार और ऊर्जा लगाकर अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। संक्षेप में, मेनिफेस्टेशन यह विश्वास है कि हम अपने सोचने के तरीके से अपने जीवन को बदल और आकार दे सकते हैं।

सकारात्मक परिणामों के बारे में सोचकर आप अपने जीवन पर नियंत्रण रखने की क्षमता कठिन समय के दौरान आपको आकर्षक लग सकती है। इसमें सारी बाते आपकी सोच प निर्भर करती है कि आप कैसा सोचते है। मेनिफेस्टेशन में आपको कठिन समय में साकारात्मक सोच रखते हुए आगे बढ़ने का संपल्प लेना होता है। लेकिन क्या इससे आपकी मेंटल हेल्थ पर कोई असर पड़ता है या आपके जीवन बदलता है चलिए जानते है।

क्या मेनिफेस्टेशन मानसिक स्वास्थ्य खराब है

क्या मेनिफेस्टेशन हमारे लिए अच्छी है, या मेनिफेस्टेशन हमारे लिए बुरी है? विशेषज्ञों का मानना है कि मेनिफेस्टींग पर ध्यान केंद्रित करने से वास्तव में हमें मदद की तुलना में अधिक नुकसान हो सकता है। यह मानते हुए कि जिन चीज़ों पर हमारा नियंत्रण है उन पर हमारा नियंत्रण है, हम अपने आप को और दुनिया को देखने के तरीको को बदल सकते है। खुुद को बदलने की कोशिश करने का प्रयास करना और असफल होना लोगों को बुरा महसूस करा सकता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से सच है जो अधिक नकारात्मक भावनाएं और विचार रखते हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो एंग्जाइटी, डिप्रेशन या ओसीडी जैसी समस्याओं का सामना करते है।

दर्दनाक या कठिन भावनाओं और विचारों को दबाने से नकारात्मक सोच और ज्यादा बढ़ जाती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए हमने रिलेशनशिप एक्सपर्ट रुचि रूह से संपर्क किया।

कैसे मेनिफेस्टेशन आपके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है (how manifestation affect your mind)

1 टॉक्सिक पॉजिटिविटी को जन्म दे सकती है

हर समय सकारात्मक रहने और सिर्फ सकारात्मक विचारों पर ध्यान लगाने से आपकी भावानाएं आपको समझने में मुश्किल हो सकती है, जिसमें आमतौर पर नकारात्मक भावनाओं और विचारों के साथ-साथ सकारात्मक सोच भी शामिल होती है। दर्दनाक या कठिन भावनाओं और विचारों को दबाने से नकारात्मक सोच और ज्यादा बढ़ जाती है, जो आपके मेंटल हेल्थ के लिए अच्छी नहीं है।

2 खुद को दोष देने का कारण बन सकती है

सकारात्मक मेनिफेस्टेशन हमें सिखाती है कि हमारे जीवन में जो कुछ भी होता है उस पर हमारा पूरा नियंत्रण है। इसलिए, यदि कुछ बुरा होता है, तो यह हमारी गलती होगी। यह सच नहीं है, हम अपने साथ होने वाली हर चीज़ को नियंत्रित नहीं कर सकते। और उन चीजों के लिए खुद को दोषी ठहराना जो उस तरह से काम नहीं करती जैसा हम चाहते थे, हमें और भी बुरा महसूस कराती है।

3 ओसीडी के लक्षणों को बढ़ा सकता है

मैनिफेस्टेशन और ओसीडी (obsessive compulsive disorder) एक खराब संयोजन हैं। ओसीडी से ग्रसित व्यक्ति यह मानने की अधिक संभावना रखते हैं कि नकारात्मक भावनाएं और नकारात्मक विचार रखने से कुछ नकारात्मक होगा। परिणामस्वरूप, वे इन बुरी चीज़ों से बचने के तरीकों के रूप में वे वैसे व्यवहार करते है जो वो शायद है नहीं।

मैनिफेस्टेशन और ओसीडी (obsessive compulsive disorder) एक खराब संयोजन हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

4 विफलता की और ले जाने का रास्ता न बन जाए मेनिफेस्टेशन

लॉ ऑफ एट्रेक्शन का नियम सिखाता है कि हम अपनी इच्छाओं और सपनों तक पहुंचने के लिए ठोस और प्रैक्टिकल कदम उठाए बिना भी उसे हासिल कर सकते हैं। यह सोच हमें फेलियर और निराशा की तरफ ले जाती है, और आत्मसम्मान की कमी का कारण बन सकती है।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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