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पीरियड्स के दर्द और ऐंठन से राहत दिला सकता है एक आयुर्वेदिक नुस्खा, जानिए क्या है यह और कैसे करना है तैयार

यहां है आयुर्वेद का एक खास नुस्खा जो खांसी, सर्दी, मासिक धर्म में दर्द, भूख न लगना और गैस्ट्रिक जैसी समस्याओं में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करते हैं।
पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द और फ्लो हो सकता है। चित्र: शटरस्टॉक।
अंजलि कुमारी Updated: 18 Oct 2023, 10:19 am IST
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आयुर्वेद तमाम स्वास्थ्य समस्यायों का एक बेहतरीन इलाज है। आयुर्वेदिक नुस्खें बिना किसी साइड इफेक्ट्स के स्वास्थ्य के लिए बेहद प्रभावी रूप से कार्य कर सकते हैं। आज हम बात करेंगे आयुर्वेद के एक खास नुस्खे के बारे में जो खांसी, सर्दी, मासिक धर्म में दर्द (ayurvedic remedy for period cramps), भूख न लगना और गैस्ट्रिक जैसी समस्याओं में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करते हैं। इस नुस्खें का नियमित इस्तेमाल आपकी इम्युनिटी को भी बढ़ावा देता है जिससे की आपका शरीर स्वास्थ्य समस्यायों से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार रहता है।

आयुर्वेदा एक्सपर्ट डॉ चैताली राठौड़ ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये तीन प्राकृतिक पदार्थों से मिलकर बना आयुर्वेदिक नुस्खा शेयर किया है। तो चलिए जानते हैं यह क्या है और इसे किस तरह तैयार करना है साथ ही जानेंगे यह आपके लिए किस तरह फायदेमंद हो सकता है।

यहां हैं एक्सपर्ट का सुझाया प्रभावी आयुर्विदिक नुस्खा

इसे बनाने के लिए आपको चाहिए

गुड़ – 2 बड़े चम्मच
ड्राई जिंजर (सोंठ) – 1/2 छोटी चम्मच
अजवाइन – 1/2 छोटा चम्मच

एसिडिटी से बचने के लिए अजवाइन लें। चित्र शटर स्टॉक

इस तरह तैयार करें

गुड़ को इस्तेमाल करने से पहले इसमें हल्का पानी डालें और इसे गर्म कर लें।

अब गुड़, ड्राई जिंजर और अजवाइन को एक साथ मिला लें, इसे 10-15 मिनट के लिए आराम दें।

फिर एक बार में इस मिश्रण का 1/4 चम्मच लें।

आप इसे स्टोर करने के लिए इससे छोटी-छोटी गोलियां भी बना सकती हैं।

लेने का समय – दिन में 2-3 बार ले सकती हैं। सुबह खाली पेट या खाना खाने से पहले।

अब जानें कैसे काम करता है ये मिश्रण

एक्सपर्ट के अनुसार गुड़ और अजवाइन वात (vata) संतुलन पर काम करती हैं, वहीं पीरियड्स में होने वाले दर्द, गैस्ट्रिक परेशानी से भी राहत प्रदान कर सकती हैं। सोंठ अन्य लाभों के साथ जीआई ट्रैक समस्याओं और श्वसन समस्याओं के लिए सबसे अच्छी जड़ी-बूटियों में से एक है।

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1. अजवाइन

अजवाइन, जिसे कैरम सीड्स के नाम से भी जाना जाता है। यह एक जड़ी-बूटी है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। इसके बीज छोटे होते हैं और इनका स्वाद कड़वा, तीखा होता है। अजवाइन का उपयोग भारतीय घरों में व्यंजनों को बनाने में किया जाता है। इतना ही नहीं इसका इस्तेमाल खाना पकाने के साथ-साथ आयुर्वेद में पारंपरिक दवाओं को बनाने में भी होता है।

अजवाइन आपको कई लाभप्रदान करता है जैसे दर्द कम करना, पाचन में सुधार और सर्दी के लक्षणों से राहत शामिल है। इसके अतिरिक्त, अजवाइन विटामिन और मिनरल जैसे मैग्नीशियम, पोटेशियम और कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है। इसमें फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं जिनमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं।

जानें अदरक के फायदे। चित्र : शटरकॉक

2. ड्राई जिंजर (सोंठ)

सूखा अदरक पाउडर अपच की समस्या के कारण होने वाले पेट में दर्द और परेशानी को कम करने के लिए एक प्रभावी नुस्खे के तौर पर काम करता है। अदरक के शक्तिशाली एंटी इंफ्लेमेटरी इफेक्ट्स का श्रेय अदरक की जड़ में मौजूद जिंजरोल्स और शोगल्स को दिया जाता है जो सामान्य सर्दी को ठीक करने में सहायक होते हैं। इसके साथ ही यह फ्लू से तुरंत राहत के लिए सबसे अच्छा उपाय है।

सोंठ पाउडर एक प्राकृतिक एनाल्जेसिक है जो मासिक धर्म के दौरान पेट दर्द और परेशानी से राहत प्रदान करता है। पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए इसके शुरू होने के पहले तीन दिनों तक रोजाना लगभग एक ग्राम सोंठ का पाउडर लें या बताये गए आयुर्वेदिक नुस्खे को आजमाएं।

3. गुड़

गुड़ एक बेहतरीन इम्युनिटी बूस्टिंग फ़ूड है। यह विटामिन, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य कई पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत है। यह फेफड़े, श्वसन पथ, पेट, आंत और फ़ूड पाइप को साफ करके शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है। यह खून को भी साफ करता है। गुड़ में प्राकृतिक गुण होते हैं जो खांसी और सर्दी का इलाज करते हैं। यह गले को आराम देता है और जलन कम करता है। इतना ही नहीं यह माइग्रेन और सिरदर्द की समस्या का भी एक बेहतरीन उपाय है।

सेहत के लिए लाभाकारी माने जाने वाले गुड़ खुद में कई स्वास्थ्य लाभ समेटे हुए है। चित्र-शटरस्टॉक.

गुड़ पाचन एंजाइम को उत्तेजित करता है साथ ही यह पाचन संबंधी विकारों के खतरे को भी कम करता है। वहीं बोवेल मूवमेंट को नियमित रखते हुए मल त्याग को नियंत्रित करता है। वहीं गुड़ का सेवन कब्ज, ब्लोटिंग, अपच आदि जैसी समस्याओं को कम करता है। गुड़ पीरियड्स में होने वाले ऐंठन और पेट दर्द से राहत प्रदान करता है। यह हार्मोन के स्तर में होने वाले उतार-चढ़ाव से लेकर प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) में भी मदद करता है।

नोट : यदि आप पुरानी समस्याओं और गंभीर उल्लिखित लक्षणों से पीड़ित हैं, तो आपको डॉक्टर की सलाह और उपचार की आवश्यकता है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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