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पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज बन सकती है इनफर्टिलिटी का कारण, हम बता रहे इससे बचाव के कुछ प्रभावी उपाय

कभी एसटीआई तो कभी यूटीआई साथ ब्लैडर इन्फेक्शन और फर्टिलिटी समंधी समस्याएं महिलाओं की परेशानी का कारण बनती हैं। इन समस्यायों के बारे में तो आप सभी को जानकारी होगी परन्तु क्या आप पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज के बारे में जानती हैं?
जानें पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज के बारे में सब कुछ। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 4 Sep 2023, 21:00 pm IST
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महिलाओं में इंटिमेट एरिया में संक्रमण का खतरा अधिक होता है, इसलिए उन्हें इंटिमेट हाइजीन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। कभी एसटीआई तो कभी यूटीआई साथ ब्लैडर इन्फेक्शन और फर्टिलिटी समंधी समस्याएं महिलाओं की परेशानी का कारण बनती हैं। इन समस्यायों के बारे में तो आप सभी को जानकारी होगी परन्तु क्या आप पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज (pelvic inflammatory disease) के बारे में जानती हैं? यदि नहीं, तो आपको इस रिप्रोडक्टिव इन्फेक्शन से जुडी जानकारी होनी चाहिए।

हेल्थ शॉट्स ने पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज से जुडी अधिक जानकारी के लिए सीके बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर आस्था दयाल से बात की। डॉक्टर ने पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज (pelvic inflammatory disease) के कारण, लक्षण और बचाव के कुछ उपाय बताये हैं, तो चलिए जानते हैं इस बारे में थोड़ा विस्तार से।

पहले जानें क्या है पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज (What is pelvic inflammatory disease)

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) महिला प्रजनन अंगों का एक संक्रमण है। ये स्थिति फैलोपियन ट्यूब, ओवरीज, सर्विक्स और यूटरस को प्रभावित करती हैं। वहीं इसकी वजह से तमाम गंभीर समस्यायों का सामना करना पड़ सकता है।

पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज के बचाव के उपाय। चित्र : एडॉबीस्टॉक

अब जानें पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज के कारण (what causes pelvic inflammatory disease)

एक्सपर्ट के अनुसार कई अलग-अलग प्रकार के बैक्टीरिया पीआईडी का कारण बन सकते हैं। इसके लिए भी वही बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं जो आमतौर पर एसटीआई जैसे की गोनोरिया और क्लैमाइडिया का कारण बनते हैं। बैक्टीरिया योनि में प्रवेश करते हैं और संक्रमण का कारण बनते हैं। जैसे-जैसे समय बीतता है, यह संक्रमण पेल्विक अंगों में जा सकता है।

यदि संक्रमण आपके रक्त में फैल जाए तो पीआईडी बेहद खतरनाक, यहां तक कि जीवन के लिए खतरा बन सकता है। यदि आपको संदेह है कि आपको संक्रमण हो सकता है, तो जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से मिलें।

किसे होता है सबसे अधिक खतरा

यह समस्या किसी भी महिला को हो सकती है, आमतौर पर कुछ महिलाओं को पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज का अधिक खतरा होता है। तो चलिए जानते हैं, किन स्थतियों में महिलाओं को इसका अधिक खतरा होता है।

1 से अधिक व्यक्ति के साथ सेक्सुअल रिलेशनशिप बनाना
नया सेक्सुअल पार्टनर होने पर
एसटीआई की हिस्ट्री होने पर
अतीत में पीआईडी से ग्रसित रही हों
बिना कंडोम के सेक्स करने पर
कम उम्र से ही सेक्सुअल गतिविधियों में भाग लेना

कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें। चित्र : एडॉबीस्टॉक

यहां जानें पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज के लक्षण (symptoms of pelvic inflammatory disease)

पेट के निचले हिस्से में दर्द (सबसे आम लक्षण)
ऊपरी पेट में दर्द
बुखार
सेक्स के दौरान असहनीय दर्द का अनुभव
यूरिन पास करने में दर्द होना
ब्लीडिंग होना
वेजाइनल डिस्चार्ज का बढ़ना या गंध आना
थकान का अनुभव

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पेल्विक सूजन की बीमारी हल्के या मध्यम दर्द का कारण बन सकती है। हालांकि, यह कुछ महिलाओं को अधिक परेशान कर देता है, जिनमें पेट में तेज दर्द, उल्टी करना, बेहोशी, तेज़ बुखार (101°F से अधिक) जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।

जानें पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज से कैसे बचा जा सकता है

1. डाउचिंग से बचें

कभी-कभी, पीआईडी एसटीआई के कारण नहीं होता, यह आपके रिप्रोडक्टिव ऑर्गन तक पहुंचने वाले सामान्य वेजाइनल बैक्टीरिया से आ सकता है। डाउचिंग से बचें इससे आपकी परेशानी कम हो सकती है।

2. प्रोटेक्टेड सेक्स है जरुरी

डॉक्टर के अनुसार अधिकांश समय, पीआईडी असुरक्षित यौन संबंध के कारण होता है। ऐसे में इस स्थिति को अवॉयड करने के लिए बिना प्रोटेक्शन के सेक्स न करें। पीआईडी का कारण बनने वाले यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) से खुद को बचाना बेहद जरुरी है।

दोनों पार्टनर को कंडोम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए | चित्र : शटरस्टॉक

3. अधिक सेक्सुअल पार्टनर बनाने से बचें

यदि आपके मल्टीपल सेक्स पार्टनर हैं तो आपमें इस समस्या का खतरा अधिक होता है, इसलिए जितना हो सके उतने कम लोगों के साथ सेक्सुअल रिलेशन बनाएं। साथ ही किसी भी व्यक्ति के साथ सेक्सुअली जुड़ने से पहले यह जांचें की वे किसी प्रकार से संक्रमित तो नहीं हैं।

4. लक्षण दिखाई देने पर तुरंत करें इलाज

आस्था दयाल कहती हैं “यदि आपको पीआईडी या अन्य एसटीआई के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत उपचार लें। लक्षणों में असामान्य वेजाइनल डिस्चार्ज, पैल्विक दर्द या मेंस्ट्रुअल साइकिल के बीच ब्लीडिंग शामिल है।”

5. नियमित जांच करवाएं

नियमित स्त्री रोग संबंधी जांच और स्क्रीनिंग कराएं। डॉक्टर प्रजनन अंगों में फैलने से पहले गर्भाशय ग्रीवा के संक्रमण की पहचान और उपचार कर सकते हैं।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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