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Frequent urination in women : बार-बार महसूस होती है पेशाब की जरूरत? तो जानिए इस स्थिति से कैसे डील करना है

अगर आप हर थोड़ी देर में यूरिन पास करती हैं, तो इसका कारण केवल पेय पदार्थों का सेवन ही नहीं हो सकता है। जानते हैं बार बार यूरिन किन समस्याओं की ओर इशारा करता है। (reasons of frequent urination)।
पेशाब का रंग और गंध बार-बार यूरीन पास करने की इच्छा को रसोई में मौजूद सामग्री से ठीक किया जा सकता है। चित्र: शटरस्टॉक
ज्योति सोही Published: 12 Nov 2023, 20:00 pm IST
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दिन हो या फिर रात बार-बार यूरिन पास करने की समस्या के चलते कुछ लोग पानी पीना कम कर देते हैं, तो कुछ घर से बाहर निकलने से कतराते हैं। धीरे धीरे ये समस्या चिंता का विषय बनने लगती है। हमें इस बात को समझना होगा कि पेय पदार्थों का सेवन ही केवल यूरिन का कारण नहीं हो सकता है। ऐसे में मन में बार बार यही सवाल उठता है कि हर थोड़ी देर में पेशाब आने का क्या कारण हो सकता है। जानते हैं किन कारणों से यूरिन की समस्या बढ़ने लगती है (reasons of frequent urination)।

इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शिवानी कपूर का कहना है कि बार बार होने वाली यूरिनेशन से आपके स्वास्थ्य के बारे में कई तरह की चीजो की जानकारी मिलती है। अगर यूरिन की मात्रा बढ़ी है और उसमें से किसी प्रकार की महक आने लगी है, तो उसकी जानकारी तुरंत डॉक्टर को दें। इसके अलावा दिनभर में 3 से लेकर 7 बार यूरिन पास करना पूरी तरह से सामान्य है। वहीं अगर आप दिनभर में 1 से 2 बार यूरिन पास कर रही हैं, तो ये पूरी तरह से गलत हैं।

जानते हैं बार-बार यूरिन आने की समस्या का कारण (reasons of frequent urination)

1. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary tract infection) एक ऐसा संक्रमण है, जो किडनी, ब्लैडर और यूटर्स समेत पूरे यूरिनरी सिस्टम को प्रभावित करता है। यूटीआई से ग्रस्त होने पर हार्मफुल बैक्टीरिया योनि ये यूरेथ्रा की ओर बढ़ता है। इसके चलते पेल्विक पेन, यूरिन के दौरान जलन, हल्का दर्द और यूरिन में ब्लड भी आने लगता है। एक्सपर्ट के अनुसार ई.कोलाई बैक्टीरिया इंफेक्शन का कारण साबित होता है। जो सेक्सुअल रिलेशन, कम वॉटर इनटेक और पब्लिक टॉयलेट का प्रयोग करने से बढ़ने लगता है। इससे महिलाओं को बार बार यूरिन आने की समसया का सामना करना पड़ता है।

इन उपायों से यूरीन पास करने की बार-बार इच्छा को ठीक किया जा सकता है। चित्र:शटरस्टॉक

2. डायबिटीज

हर थोड़ी देर में अगर आप यूरिन पास करती हैं, तो इसका कारण डायबिटीज़ भी हो सकता है। इसे टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के शुरूआती संकेत के तौर पर देखा जा सकता है। दरअसल, ब्लड में शुगर की मात्रा के बढ़ने से उसका असर ब्लैडर और किडनी दोनों पर नज़र आता है। इससे शरीर से कई हाइड्रेटिंग तरल पदार्थ यूरिनेशन के साथ बाहर निकाल जाते है। इससे रोगी अक्सर बार बार पेशाब आने की समस्या से जूझता है और निर्जलित महसूस करता हैं।

3. इंटरस्टिशियल सिस्टिटिस

इंटरस्टिशियल सिस्टिटिस भी बार बार यूरिन पास करने का मुख्य कारण साबित होता है। इसमें यूरिन के दौरान दर्द और बेचैनी का अनुभव होने लगता है। वहीं, इंटरस्टीशियल सिस्टिटिस एसोसिएशन के अनुसार ये समस्या संयुक्त राज्य अमेरिका में 12 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करती है। बच्चों और पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं में आईसी विकसित होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इंटरस्टीशियल सिस्टिटिस को पेनफुल ब्लैडर सिंड्रोम यानि पीबीएस, ब्लैडर पेन सिंड्रोम यानि बीपीएस और क्रानिक पेल्विक पेन (Chronic pelvic pain) यानि सीपीपीद्ध के रूप में भी जाना जाता है।

4. प्रेगनेंसी के दौरान

प्रेगनेंसी के शुरूआती सप्ताह में ब्लैडर पर पड़ने वाले प्रैशर से बार बार पेशाब आने की समस्या बढ़ने लगती है। जो प्रेगनेंसी में आखिर तक बनी रहती है। ये एक ऐसी सामान्य समस्या है, जिससे हर महिला को होकर गुज़रना पड़ता है। दरअसल, यूटर्स के संकुचित होने से ब्लैडर पर दबाव बढ़ता है। इसके अलावा हार्मोनल बदलाव भी बार बार यूरिनेशन का कारण बनने लगता है।

अगर आप हर थोड़ी देर में यूरिन पास करती हैं, तो इसका कारण केवल पेय पदार्थों का सेवन ही नहीं हो सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

अब जानिए बार-बार पेशाब आने की इस स्थिति से कैसे डील करना है (How to deal with frequent urination)

1. एक्सरसाइज़ और कुछ देर की वॉक है ज़रूरी

ब्लैडर को नियंत्रित करने के लिए कुछ देर की माइल्ड एक्सरसाइज़ और वॉक आपके शरीर को फायदा पहुंचाती है। इसके अलावा दिन की शुरूआत वॉक करने से आपके पेल्विक मसल्स को मज़बूती मिलती है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ने लगती है।

2. अल्कोहल और कैफीन का मात्रा को करें सीमित

अत्यधिक कैफीन और अल्कोहन में मौजूद एंजाइम ब्लैडर पर प्रभाव डालते हैं। ब्लैडर पर प्रैशर आने से बार.बार पेशाब आने की समस्या से जूझना पड़ता है। इसके अलावा रात के समय भी कॉफी और चाय के सेवन से परहेज करें।

3. सोने से पहले पानी या लिक्विड डाइट करें अवॉइड

रात में सोने से पहले, सूप, जूस, दूध, कॉफी या पानी समेत किसी प्रकार का तरल पदार्थ लेने से बचें। इससे ब्लैण्डर पर प्रेशर बढ़ने लगता है। जो बार बार यूरिनेशन का कारण साबित होता है। सोने से करीबन 2 घण्टे पहले तक किसी भी प्रकार का तरल पदार्थ न लें।

कॉफी या चाय में मौजूद कैफीन से बचें। चित्र : शटरस्टॉक

4. पैड का प्रयोग करें

यूरिन लीकेज से बचने के लिए पैड का प्रयोग भी फायेदमंद साबित हो सकता है। इसके लिए कहीं बाहर जाने से पहले पैड लगाना न भूलें। इसके अलावा रात में भी पैड लगाकर आप इस समस्या से बच सकते हैं ।

5. मेडिटेशन है फायदेमंद

रोज़ाना कुछ देर की मेडिटेशन बार बार यूरिन पास करने की समस्या को हल कर सकती है। शिकागो लोयोला युर्निवर्सिटी के एक रिसर्च के अनुसार वे महिलाएं जिन्होंने लगातार 2 सप्ताह तक दिन में दो बार मेडिटेशन को नियमित तौर पर किया। उनका ओवरएक्टिव ब्लैडर नॉर्मल हो गया। जिससे फ्रीक्वेंट यूरिनेशन से राहत मिली।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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