प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपने शरीर में कई बदलाव देखने को मिलते हैं। वहीं इस दौरान होने वाले कुछ बदलाव बेहद परेशानी भरे होते हैं। इन्ही परेशानियों में से एक है यूरिन पर नियंत्रण खोना। प्रेगनेंसी में अक्सर महिलाएं यूरिन कंट्रोल नहीं कर पाती, जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी होती है। आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या हम इसके लिए कुछ कर सकते हैं?
ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर दिव्या ने प्रेगनेंसी में यूरिन कंट्रोल करने के लिए कुछ प्रभावित टिप्स सुझाए हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर प्रेगनेंसी में इस स्थिति से कैसे करना है डील (urinary incontinence in pregnancy)।
प्रेगनेंसी में यूरिन कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। वहीं हंसते, खांसते और छींकते वक्त अक्सर यूरिन लीक कर जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान और डिलीवरी के कुछ हफ्ते बाद तक यूरिनरी इनकांटीनेंस होना पूरी तरह से सामान्य है। जब आप प्रेग्नेंट होती हैं, तो आपका यूट्रस बच्चे के लिए खुदको तैयार कर रहा होता है, और ग्रो करता है। इस स्थिति में आपकी ब्लैडर पर अधिक प्रेशर बनता है। वहीं ब्लैडर यूट्रस के बिल्कुल आगे होता है, जिसमें यूरेटर्स होते हैं।
यूरेटर्स ट्यूब होते हैं, जो यूरिन को कैरी करते हैं। इस स्थिति में यूट्रस द्वारा ब्लैडर पर दबाव बढ़ाने की वजह से प्रेगनेंसी में यूरिन लीकेज की संभावना बढ़ जाती है। वहीं डिलीवरी के बाद जब आपका यूट्रस और ब्लैडर दोनों अपने-अपने सामान्य पोजीशन में जा रहे होते हैं तो इस प्रतिक्रिया को लगभग 6 हफ्ते का वक्त लगता है। जिसकी वजह से प्रेगनेंसी के बाद भी यूरिन लीकेज हो सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान ब्लैडर कंट्रोल को मैनेज करने के लिए आप कई चीजे आजमा सकती हैं, जैसे की केगल एक्सरसाइज। यह पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत बनाता है और आपके ब्लैडर को सपोर्ट करता है, जिससे कि ब्लैडर कंट्रोल में मदद मिलती है।
प्रेगनेंसी के दौरान कैफीन युक्त ड्रिंक और कैफीन के अन्य स्रोतों से खुद को दूर रखें। साधारण और सामान्य पानी पीने का प्रयास करें। कैफ़ीन इंटक के कारण बार-बार यूरिन पास करने की इच्छा होती है, वहीं प्रेगनेंसी में इस दौरान यूरिन लीकेज होना बिल्कुल आम है। इसके अलावा स्पाइसी और एसिडिक खाद्य पदार्थों से भी परहेज करना जरूरी है। यह सभी चीजें ब्लैडर कंट्रोल में आपकी मदद करेंगी।
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प्रेगनेंसी में छोटी-छोटी बातें अधिक इरिटेट करती हैं। वहीं जब आपको रात के समय बार-बार बाथरूम के चक्कर काटने पड़ते हैं, तो यह भी आपके लिए परेशानी भरा हो सकता है। इस स्थिति को अवॉइड करने के लिए डिनर के बाद सीमित मात्रा में पानी पिएं। वहीं यदि रात को सोते हुए प्यास लग रही है, तो पानी पी सकती हैं, परंतु बिना प्यास के पानी पीने से बचें।
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समस्या नहीं होती, क्योंकि अक्सर प्रेग्नेंट महिलाएं कब्ज से परेशान रहती हैं। जब व्यक्ति कब्ज से ग्रसित होता है, तो इसका भार भी ब्लैडर पर पड़ता है और यूरीन लीकेज की संभावना बढ़ जाती है।
सभी महिलाओं के लिए यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है, कि किस स्थिति में उन्हें यूरिनरी लीकेज की समस्या हो रही है। कुछ महिलाओं को खांसने पर तो कुछ को बैठने पर वहीं कुछ महिलाएं एक्सरसाइज के दौरान भी लीकेज का अनुभव करती हैं। ऐसे में नोटिस करें की आपके साथ यह स्थिति कब उत्पन्न हो रही है और फिर उस स्थिति में अपने ब्लैडर को यूरिन होल्ड करने के लिए ट्रेन करना शुरू करें। समय के साथ आपको इसमें सुधार देखने को मिलेगा।
नोट : बहुत सी महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान यूरिनरी लीकेज से बचने के लिए पैड, कॉटन के कपड़े जैसी चीजों का इस्तेमाल करती हैं। आपको ऐसा करने से हमेशा बचना चाहिए, क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान वेजाइना पहले से ही बेहद संवेदनशील होती है, वहीं लंबे समय तक यूरिन के संपर्क में रहने से हानिकारक बैक्टीरिया का ग्रोथ तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे में आपको यूटीआई सहित ब्लैडर इनफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इन चीजों से बचाना बेहद महत्वपूर्ण है।
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