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Vaginal Care after delivery : डिलीवरी के बाद वेजाइना को होती है विशेष देखभाल की जरूरत, इन बातों का जरूर रखें ध्यान

डिलीवरी के बाद वेजाइना में कई सारे बदलाव आते हैं, साथ ही वेजाइना अधिक संवेदनशील हो जाती है। वेजाइनल स्टिचेज, वेजाइनल डिस्चार्ज, आदि जैसी तमाम स्थितियों की वजह से इसे विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
जानें डिलीवरी के बाद वेजाइनल बदलाव के बारे में. चित्र:एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 5 Jan 2024, 16:58 pm IST
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चाइल्ड बर्थ के लिए वेजाइनल डिलीवरी सबसे पुराना, आसान और हेल्दी तरीका है। आमतौर पर डॉक्टर भी वेजाइनल डिलीवरी की सलाह देते हैं। हालांकि, डिलीवरी चाहे वेजाइनल हो या फिर सिजेरियन दोनों ही स्थिति में वेजाइना की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है। इस दौरान वेजाइना में कई सारे बदलाव आते हैं, साथ ही वेजाइना अधिक संवेदनशील हो जाती है। वेजाइनल स्टिचेज, वेजाइनल डिस्चार्ज, आदि जैसी तमाम स्थितियों की वजह से इसे विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।

डिलीवरी के बाद वेजाइनल बदलाव और इसकी देखभाल से जुड़ी जरूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्थ शॉट्स ने डॉ. रितु शेठी, एसोशियेट डायरेक्टर (ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलोजी), मैक्स हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम और औरा स्पेशलिटी क्लिनिक की डायरेक्टर से बात की। डॉक्टर ने इस विषय से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताई हैं, तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से (vaginal care after delivery)।

जानें डिलीवरी के बाद वेजाइनल बदलाव के बारे में

1. वेजाइनल एंलार्जमेंट

वेजाइनल बर्थ के बाद आमतौर पर महिलाओं को वेजाइनल एंलार्जमेंट का सामना करना पड़ता है। वहीं यदि आपकी सिजेरियन डिलीवरी हुई है, तब भी यह स्थिति उत्पन्न होती है। आपको अपनी वेजाइना अधिक मुलायम और लूज लग सकती है। साथ ही साथ डिलीवरी के कुछ हफ्ते बाद तक इनमें सूजन रहता है।

गर्भावस्था और प्रसव के बाद आपकी योनि में आ सकते हैं ये बदलाव। चित्र-शटरस्टॉक.

2. स्टिचेज के कारण दर्द महसूस होना

वेजाइनल डिलीवरी के दौरान लगभग 60 से 70% महिलाओं को स्टिचेज क्या आवश्यकता पड़ती है। वहीं इन्हें हल होने में लगभग 10 दिन का समय लगता है, जिस दौरान बैठते हुए, खड़े होते हुए या फिर यूरिन पास करते वक्त दर्द महसूस हो सकता है। हालांकि, यदि दर्द असहनीय है, तो आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

3. पोस्टपार्टम ब्लीडिंग

महिलाओं को डिलीवरी के बाद अत्यधिक ब्लीडिंग होती है, साथ ही साथ लंबे समय तक डिस्चार्ज होता रहता है। डिलीवरी के लगभग 4 से 6 हफ्ते तक वेजाइनल डिसचार्ज में ब्लड, म्यूकस और यूट्रस टिशु देखने को मिलते हैं।

4. वेजाइनल ड्राइनेस

डिलीवरी के बाद शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बेहद कम हो जाता है, जिसकी वजह से वेजाइनल ड्राइनेस हो सकता है। इसके साथ ही ब्रेस्टफीडिंग महिलाओं में भी एस्ट्रोजन की कमी हो सकती है।

5. इंटरकोर्स के दौरान दर्द होना

यदि आप डिलीवरी के कुछ समय बाद बिना डॉक्टर की सलाह के सेक्शुअली एक्टिव हो रही हैं, तो हो सकता है आपको इंटरकोर्स के दौरान अत्यधिक दर्द का सामना करना पड़े। आपकी वेजाइना पहले जैसी स्थिति में नहीं होती जिसकी वजह से इंटरकोर्स के दौरान दर्द का अनुभव हो सकता है। इसलिए सेक्शुअली एक्टिव होने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना न भूलें।

हर 3 में से 1 महिला को यूरीन लीकेज की समस्या होती है।चित्र : शटरस्टॉक

6. यूरिन लीकेज

डिलीवरी के बाद महिलाओं में एक सबसे कॉमन समस्या देखने को मिलती है, वे है यूरिन लीकेज। अक्सर महिलाओं को खांसने और छींकने के बाद यूरीन लीकेज हो जाता है। महिलाओं में यूरिन होल्ड करने की क्षमता कम हो जाती है, जिसकी वजह से उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है। प्रेगनेंसी पेल्विक फ्लोर मसल्स को स्ट्रेच कर देता है, जिसकी वजह से यूट्रस और ब्लैडर को सपोर्ट नहीं मिल पाता, और यूरीन लीकेज की समस्या होती है।

अब जानें डिलीवरी के बाद वेजाइना की देखभाल के कुछ खास टिप्स (vaginal care after delivery)

1. आइस अप्लाई करें

चाइल्डबर्थ के बाद वेजाइना और वल्वा में स्वेलिंग होना बेहद सामान्य है। ऐसे में स्वेलिंग के आसपास के हिस्से में बर्फ से सिखाई करने से राहत प्राप्त होगी। हालांकि, आइस बैग का इस्तेमाल कर रही हैं, तो वह पूरी तरह से साफ होना चाहिए या फिर किसी कॉटन के साफ कपड़े में बर्फ डालकर सिखाई कर सकती हैं।

ज्यादा परेशान कर सकती है यूरिन लीकेज की समस्या। चित्र : शटरस्टॉक

2. गुनगुने पानी से सिकाई करें

यदि आपकी वेजाइनल डिलीवरी है और आपको स्टिचेज लगे हैं, तो रितु सेठी के अनुसार ताकों की सिकाई बेहद जरूरी है। ऐसा करने से टांकों को समय रहते हील होने में मदद मिलेगी, साथ ही साथ यह कीटाणु फैलाने वाले जर्म्स और बैक्टीरिया के ग्रोथ को कम कर देगा। वहीं इससे इन्फेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है। सिकाई के बाद डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब्ड एंटीऑक्सीडेंट क्रीम को अप्लाई करें।

3. वेजाइनल इरिटेंट से दूरी बनाए रखें

चाइल्डबर्थ के बाद आपको किसी भी ऐसी चीज के संपर्क में नहीं आना है, या किसी ऐसी चिज का इस्तेमाल नहीं करना है, जो वेजाइना को किसी भी रूप में इरिटेट कर सकें। वेजाइना पर साबुन, इंटिमेट वॉश, पाउडर और किसी भी तरह के सेंटर्ड प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें। साथ ही साथ ऑर्गेनिक पैड चुने और ढीले ढाले कॉटन के कपड़े पहने। इन सभी चीजों का ध्यान रख आप अपनी वेजाइना को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचा सकती हैं।

4. बैठने की मुद्रा सहित शारीरिक गतिविधियों में भाग लेते वक्त विशेष ध्यान दें

चाइल्डबर्थ खासकर वेजाइनल डिलीवरी के बाद शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने और बैठने खड़े होने की मुद्रा पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण है। वेजाइनल डिलीवरी के दौरान बिर्थ कैनाल के अंदर एक छोटा सा कट लगाया जाता है, ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पेशाब की थैली और एनस पर किसी प्रकार का असर न पड़े और डिलीवरी को आसान बनाया जा सके। आमतौर पर यह टांके घुल जाते हैं, और डिलीवरी के 10 दिन से लेकर 2 हफ्ते के बीच डिसोल्व हो जाते हैं वहीं कुछ महिलाओं को टांका कटवाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना पड़ता है।

ऐसी स्थिति में यदि आप उठने बैठने चलने फिरने की गतिविधियों का ध्यान नहीं रखती हैं, और किसी प्रकार से टांकों को नुकसान पहुंचता है, तो संक्रमण सहित घाव बनने का खतरा बढ़ जाता है। जिसकी वजह से अधिक परेशानी उठानी पड़ सकती है। इसलिए अपनी गतिविधियों पर स्वयं ध्यान दें, साथ ही साथ बैठने के लिए आरामदायक गद्दे का प्रयोग करें।

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5. पेल्विक एक्सरसाइज में भाग लें

प्रेगनेंसी के दौरान पेल्विक मसल्स कमजोर हो जाते हैं, जिसकी वजह से पेल्विक ब्लैडर को सपोर्ट नहीं कर पाती और यूरिन लीकेज की स्थिति उत्पन्न होती है। ऐसे में पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से पेल्विक एक्सरसाइज करें। इसमें आपकी वेजाइनल मसल्स भी इंवॉल्व होती हैं और उन्हें भी फायदा मिलता है।

इंटिमेट हायजीन का ख्याल रखने से गैस्ट्रोएंटेराइटिस, सर्दी-जुकाम, फ्लू और कोविड-19 संक्रमण से बचाव में मदद मिलती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

6. पेशाब करने के बाद क्लीनअप है जरूरी

डिलीवरी के बाद वेजाइना अधिक संवेदनशील हो जाती है और संक्रमण फैलाने वाले कीटाणु इन्हें आसानी से प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में पेशाब करने के बाद वेजाइना को अच्छी तरह से साफ करना बहुत जरूरी है। आपको हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करते हुए वेजाइना को साफ कर लेना है और कॉटन के मुलायम तौलिए से टैप करते हुए वेजाइना को ट्राई करें। इन्हें गिला न छोड़े अन्यथा नमी की वजह से बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ सकता है।

7. फ्लूइड इंटेक बढ़ाएं और डाइट पर विशेष ध्यान दें

डॉ रितु सेठी चाइल्डबर्थ के बाद सभी महिलाओं को हेल्दी फ्लूड इंटेक की सलाह देती हैं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के साथ ही प्रोबायोटिक युक्त ड्रिंक और अन्य हेल्दी फ्लूइड को अपनी डाइट में शामिल करें। इससे यूटीआई सहित तमाम वेजाइनल संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।

साथ ही साथ कुछ खास सुपरफूड्स का सेवन वेजाइना को हिल होने में मदद करेंगे। वहीं स्पाइसी और तैलीय खाद्य पदार्थों से बचें, क्योंकि यह वेजाइना में जलन पैदा कर सकते हैं। साथ ही साथ फाइबर युक्त फल एवं सब्जियों का सेवन करें और जितना हो सके उतना सादा खाना खाने का प्रयास करें।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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