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क्या रेगुलर सेक्स मेनोपॉज को डिले कर सकता है? जानिए इस बारे में क्या कहते हैं शोध

सेक्स सिर्फ फिजिकल और सेक्सुअल एक्टिविटी ही नहीं है, बल्कि यह आपके ब्रेन और मूड को भी प्रभावित करता है। जिसका असर आपके शरीर में स्रावित होने वाले हॉर्मोन्स पर भी पड़ता है।
जिम्मेदारियों के बढ़ने और इनकंपैटेबल वर्क शेड्यूल के कारण अधिकतर कपल्स में कनेक्टीविटी कम होने लगती है। चित्र शटर स्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 22 Jan 2024, 22:00 pm IST
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जिस तरह एक स्वस्थ रिश्ते में सेक्सुअल इंटीमेसी जरूरी है, ठीक उसी प्रकार सेक्स आपकी सेहत के लिए भी जरूरी होता है। सेक्स उन खास स्वास्थ्य स्थितियों के जोखिम को कम या खत्म कर सकता है, जो अकेलेपन के कारण होती हैं। ऐसी ही एक स्थिति है मेनोपॉज। हालांकि हर स्त्री इस दौर से गुजरती है। पर जिन महिलाओं की सेक्स लाइफ हेल्दी और रेगुलर होती है, उनमें मेनोपॉज के लक्षण कम गंभीर होते हैं। ऐसा हम नहीं कई शोधाें में दावा किया गया है। आइए जानते हैं क्या है हेल्दी सेक्स लाइफ कैसे करती है मेनोपॉज के लक्षणों को प्रभावित।

पहले जानें क्या है मेनोपॉज (what is menopause)

मेनोपॉज बढ़ती उम्र की निशानी है। यह बिल्कुल नॉर्मल है और एक न एक दिन सभी महिलाओं को मेनोपॉज पीरियड से गुजरना होता है। यह वे समय है जब महिलाएं अपनी पीरियड्स के आखिरी महीने में होती हैं और उनका पीरियड्स लास्ट होने वाला होता है। मेनोपॉज पीरियड लगभग 12 महीने का होता है, इसमें महिलाओं का पीरियड्स फ्लक्चुएट करता है और आखिर में महिलाओं में पीरियड्स आना बंद हो जाता है।

इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई अन्य बदलाव होते हैं। जैसे की मूड स्विंग्स, फेस एक्ने, हॉट फ्लैशेज, इरेगुलर पीरियड्स, आदि। नॉर्थ अमेरिका मेनोपॉज सोसायटी के अनुसार यूनाइटेड स्टेट में महिलाओं के मेनोपॉज का एवरेज एज 51 है। वहीं इंडिया में महिलाओं में मेनोपॉज की एवरेज उम्र 46 से 51 साल है।

मेनोपॉज के दौरान हार्मोंस में भी उतार चढ़ाव आता है, चित्र : एडॉबीस्टॉक

जानें क्या है सेक्स और मेनोपॉज का रिलेशन (sex effect on menopause)

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन द्वारा की गई स्टडी के अनुसार अपने 40s और 50s में सेक्स करने से मेनोपॉज को डिले किया जा सकता हैं। जिस प्रकार स्मोकिंग, लाइफस्टाइल डिसऑर्डर और कुछ प्रकार की बीमारियां अर्ली मेनोपॉज का कारण बन सकती हैं, ठीक उसी प्रकार कुछ फैक्टर मेनोपॉज को डिले कर देते हैं, इन्ही फैक्टर्स में से एक है सेक्स। हालांकि, ऐसा नहीं है की केवल सेक्सुअल एक्टिविटीज अकेले मेनोपॉज को डिले कर सकती हैं। इसके लिए आपको स्मोकिंग क्विट करना साथ ही बीएमआई और हार्मोनल बैलेंस को बनाए रखने के लिए जरूरी एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करने की आवश्यकता पड़ती है।

रिसर्च के माने तो अनमैरिड महिलाओं की तुलना में मैरिड महिलाएं मेनोपॉजल स्टेज पर देर से पहुंचती हैं। इसमें सेक्सुअल एक्टिविटीज और सेक्सुअल इंवॉल्वमेंट का बहुत बड़ा हाथ है। सेक्शुअली एक्टिव महिलाओं में प्रेग्नेंट होने के चांसेज होते हैं, परंतु जो महिलाएं सेक्शुअली एक्टिव नहीं होती हैं, उनमें ओव्यूलेशन का कोई पॉइंट नहीं होता और बॉडी को सिंगनल न मिलेंगे के कारण अर्ली मेनोपॉज हो सकता है।

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स्टडी की मानें तो ऐसी महिलाएं जो हफ्ते में कम से कम एक बार सेक्स करती हैं, उनमें महीने में एक से दो बार सेक्स करने वाली महिलाओं की तुलना में अर्ली मेनोपॉज हो सकता है।

अर्ली मीनोपॉज का कारण बन सकता है. चित्र : एडॉबीस्टॉक

अब जानें कुछ ऐसे फैक्टर्स जो अर्ली मेनोपॉज का कारण बन सकते हैं

अर्ली मेनोपॉज के कारण आपके बस में नहीं होते, परंतु कुछ ऐसे फैक्टर हैं जो इसे बढ़ावा दे सकते हैं। इन फैक्टर्स पर काम कर आप मेनोपॉज पीरियड को डिले कर सकती हैं। सिगरेट स्मोक करना एक नॉर्मल लाइफस्टाइल हैबिट बन चुका है, जो अर्ली मेनोपॉज का एक सबसे बड़ा कारण हो सकता है। स्मोकिंग छोड़कर आप अपने अर्ली मेनोपॉज के चांसेस को बहुत हद तक कम कर सकती हैं।

इसके अलावा कुछ हेल्थ कंडीशंस जैसे कि ऑस्टियोपोरोसिस, हार्ट डिजीज, मेंटल हेल्थ कंडीशन जैसे डिप्रेशन और डिमेंशिया आदि अर्ली मेनोपॉज का कारण बन सकते हैं। इन हेल्थ कंडीशंस में सुधार करना जरूरी है। हेल्दी खाएं और वेट मैनेजमेंट पर ध्यान दें क्योंकि ऑस्टियोपोरोसिस और हार्ड डिजीज में यह दो फैक्टर बेहद मायने रखते हैं।

इसके अलावा स्ट्रेस फ्री एनवायरनमेंट क्रिएट करें, ताकि आप कम से कम तनाव का अनुभव करें। मेंटल हेल्थ में सुधार करने के लिए आप तरह-तरह की एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट कर सकती हैं। मेडिटेशन, योग, और दोस्तों के साथ वक्त बिताने से बेहतर महसूस करने में मदद मिलेगी। स्ट्रेस शरीर में हार्मोंस को प्रभावित करते हैं, यह रिप्रोडक्टिव हार्मोन पर भी नकारात्मक असर डालते हैं, इस प्रकार तनाव में अर्ली मेनोपॉज का खतरा बढ़ जाता है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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