ऊनी कपड़े भी बन सकते हैं स्किन एलर्जी का कारण, जानिए कैसे करना है बचाव
सर्द हवाओं के प्रभाव से खुद को बचाने के लिए अक्सर लोग कपड़ों की 3 से 4 लेयर्स पहनते हैं। इससे कई बार रैशिज़ और इचिंग की समस्या बढ़ने लगती है। त्वचा की सेंसटिविटी और खुरदुरे फेब्रिक सर्दियों में वूलन क्लोथ एलर्जी की समस्या बढ़ा देते हैं। वूलन क्लोथ एलर्जी असल में ऊनी कपड़ों से होने वाली वह परेशानी है जिसमें आप त्वचा पर रूखापन, लाल चकत्ते और खुजली का अनुभव करते हैं। हेल्थ शॉट्स के इस लेख में जानते हैं ऊनी कपड़ों से होने वाली एलर्जी से डील करने के उपाय (Woollen clothes allergy)।
समझिए क्यों ऊनी कपड़े बनते हैं एलर्जी का कारण
एनआईएच के अनुसार लैनोलिन ऊन से वूलन एनर्जी का खतरा रहता है। भेड़ के बालों से मिलने वाली वूल को लैनोलिन कहा जाता है। एक रिसर्च के अनुसार एलर्जी से ग्रस्त 24,000 से अधिक लोगों के 2001 में एक शोध किया। इसमें पाया गया कि 1.7 फीसदी लोग लैनोलिन से होने वाली एलर्जी से ग्रस्त थे।
इस बारे में डर्माटोलॉजिस्ट डॉ रिंकी कपूर का कहना है कि गर्मी से सर्दी के कपड़ों पर स्विच करने से नेफ्थलीन बॉल्स का प्रयोग किया जाता है। इससे ये बॉल्स कपड़ों की सुरक्षा के लिए हवा में धीमे रसायन छोड़ती हैं और त्वचा के संपर्क में आने पर वही कैमिकल्स स्किन प्रॉबल्म का कारण साबित होते हैं। सर्दियों की स्किन एलर्जी का एक अन्य कारण पॉलन यानि पराग है। कई पौधे पॉलन प्रोडयूस करते हैं, जो आंखों में पानी, खुजली और छींकों का कारण साबित होते हैं। इसके संपर्क में आने से कोलेजन को स्तर त्वचा में कम होने लगता है और त्वचा का रंग पीला दिखता हैं।
ऊनी कपड़ों से होने वाली एलर्जी से निपटने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें
1 डायरेक्ट ऊनी कपड़ों के संपर्क में आने से बचें
ऊनी कपड़ों को त्वचा के सीधे संपर्क में आने से बचाएं। कोई भी स्वैटर पहनने से पहले हॉजरी या कॉटन फेब्रिक की एक लेयर अवश्य पहनें। इससे ऊनी कपड़ों के रेशे त्वचा को सीधे तौर पर नहीं छू पाएंगे और आपकी त्वचा इचिंग की समस्या से मुक्त हो जाएगी।
2 ऑयल मसाज को रुटीन में शामिल करें
इसमें कोई दोराय नहीं कि सर्दी के मौसम में शुष्कता बढ़ने लगती है, जो खुजली का एक कारण साबित होता है। ऐसे में नहाने के बाद बाजूओं, गर्दन और टांगों पर ऑयल से मसाज करें। इससे त्वचा की नमी बरकरार रहती है और स्किन पर ऊनी कपड़ों से होने वाली जलन और खुजली की समस्या हल हो जाती है।
3 ज्यादा गर्म पानी से न नहाएं
सर्दी के मौसम में लोग खूब गर्म पानी से नहाते है, जिससे त्वचा ड्राई दिखने लगती है। ऐसे में हाथों और पैरों समेत ओवरऑल स्किन को ड्राईनेस से बचाने के लिए हल्के गुनगुने पानी को नहाने के लिए प्रयोग करें। इससे त्वचा हाइड्रेट रहती है।
4 बिना खुशबू वाले साबुन का करें प्रयोग
सर्दियों के दिनों में होने वाली एक्स्ट्रा ड्राईनेस से बचने के लिए खुशबू वाले साबुन का इस्तेमाल करने से बचें। इसमें पाए जाने खुशबू बढ़ाने वाले कारक त्वचा के रूखेपन को बढ़ाने लगते हैं। इसके अलावा कपड़ों को धोने के लिए फेब्रिक सॉफटनर का इस्तेमाल करना न भूलें।
5 नहाने के बाद और कपड़े पहने से पहले क्रीम या लोशन अप्लाई करें
वूलन कपड़ों से होने वाली एलर्जी से बचने के लिए कोल्ड क्रीम या लोशन का इस्तेमाल करें। बार बार होने वाली इचिंग और रैशेज की समस्या से बचा जा सकता है। सर्द हवाओं से खुद को बचाने के लिए क्रीम अप्लाई करें।
ऊनी कपड़ों के इस्तेमाल से पहलें इन टिप्स को फॉलो करें
1. कुछ देर धूप में रखें
कपड़ों को अनपैक करने के बाद कुछ देर तक धूप में रखें। कम से कम दिन में 3 से 4 घंटे की धूप मिलने से कपड़ों, कंबल और रजाई में मौजूद बैक्टीरिया का प्रभाव दूर होने लगता है।
2. वॉश करने के बाद पहनें
वूलन कपड़ों को पहनने से पहले अवश्य धोएं। इससे कपड़ों में मौजूद धूल मिट्टी रिमूव हो जाती है। साथ ही कपड़ों में रखी जाने वाली नेफ्थलीन बॉल्स का असर भी कम हो जाता है।
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कस्टमाइज़ करें3. सॉफ्ट फेब्रिक खरीदें
त्वचा को एलर्जी से बचाने के लिए कपड़ों की गर्माहट से ज्यादा फोकस कपड़ों की सॉफ्टनेस पर करें। इससे स्किन लाल चकत्तों और खुजली से बचा रहता है। इससे त्वचा पर होने वाली जलन व घुटन भी दूर हो जाती है।
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