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ब्लैडर इंफेक्शन की स्थिति हो सकती है दर्दनाक, जानिए इससे कैसे निपटना है

इस स्थिति में पेट के निचले हिस्से में दर्द और चुभन, फ्रिक्वेंट यूरिनेशन, यूरिन पास करते वक़्त दर्द आदि परेशानी का कारण बनते हैं। समय पर इसका उपचार बेहद महत्वपूर्ण है।
ब्लैडर इंफेक्शन भी हो सकता है इसके लिए जिम्मेदार। चित्र : शटरस्टॉक।
अंजलि कुमारी Updated: 1 Aug 2023, 19:25 pm IST
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ब्लैडर इन्फेक्शन की स्थिति में कई असामान्य लक्षण नजर आते हैं जिनका नियमित दिनचर्या पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। पेट के निचले हिस्से में दर्द और चुभन, फ्रिक्वेंट यूरिनेशन, यूरिन पास करते वक़्त दर्द आदि परेशानी का कारण बनते हैं। वहीं यदि इसे समय रहते ट्रीट न किया जाए तो ये समस्या किडनी को भी प्रभावित कर सकती है। ब्लैडर इन्फेक्शन यूटीआई का एक सामान्य प्रकार है, सभी को इस समस्या के प्रति बेहद सचेत रहने की सलाह दी जाती है।

न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ टोटल की फाउंडर अंजली मुखर्जी ने ब्लैडर इन्फेक्शन पर नियंत्रण पाने के लिए कुछ प्रभावी घरेलु उपचार शेयर किये हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर ब्लैडर संक्रमण से किस तरह निपटना है (How to deal with bladder infection)।

पहले जान लें ब्लैडर इन्फेक्शन में नजर आने वाले सामन्य लक्षण

सामान्य से अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता
पेशाब करते समय दर्द या बेचैनी महसूस होना
अचानक पेशाब करने की इच्छा होना
मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करने में असमर्थ होने का एहसास
पेट के निचले हिस्से में दर्द
यूरिन में खून या तेज बदबू आना
आम तौर पर अस्वस्थता, दर्द और थकान महसूस होना
शरीर के तापमान का बढ़ा रहना
बाजू और पीठ में दर्द का अनुभव
कंपकंपी और ठंड लगना
व्याकुलता या बेचैनी

बार बार पेशाब लगना और यूरिन इन्फेक्शन हो सकता है. चित्र : शटरस्‍टॉक

अब जानें एक्सपर्ट के बताये कुछ प्रभावी घरेलू उपचार

1. लहसुन

एक्सपर्ट के अनुसार लहसुन में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी पाई जाती है, ऐसे में एक्सपर्ट ब्लैडर इन्फेक्शन के दौरान 1 दिन में 4 से 5 लहसुन की कलियां खाने की सलाह दे रही हैं। इसके सेवन से यूरिन इन्फेक्शन से निजात पाने में मदद मिल सकती है।

आप लहसुन की कलियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में चौप करके गर्म पानी के साथ भी ले सकती हैं। साथ ही नींबू के रस और लहसुन की कलियों से बने अचार का सेवन करें। ब्लैडर इंफेक्शन ठीक हो जाने के बाद लहसुन खाना कम कर दें क्योंकि अधिक मात्रा में लहसुन का सेवन भी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

2. बेकिंग सोडा

आधे चम्मच बेकिंग सोडा को एक कप पानी के साथ मिला लें, ब्लैडर इंफेक्शन के दौरान नियमित रूप से 3 से 4 दिनों के लिए सुबह ब्रेकफास्ट से पहले इसे पियें। इससे यूरिन में हो रहे बर्निंग सेंसेशन से राहत मिलेगी। साथ ही इसे इन्फेक्शन को ट्रीट करने में भी असरदार माना जाता है।

बेकिंग सोडा कमाल कर सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

3. चेरी

एक्सपर्ट ब्लैडर इन्फेक्शन में हर 3 से 4 घंटे में एक से आधा कप ताजे चेरी का सेवन करने की सलाह दे रही हैं। यह ब्लैडर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरियल ग्रोथ को रोकता है साथ ही इन्फ्लेमेशन को भी कम करने में सहायक होता है। इस प्रकार यह यूरीन में होने वाले बर्निंग सेंसेशन को भी कम करने में मदद करता है।

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4. वॉटर

पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिंस डाइल्यूट हो जाती है और यूरिन के माध्यम से बाहर निकल आती हैं। ठीक इसी प्रकार ब्लैडर इंफेक्शन की स्थिति में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से ब्लैडर में मौजूद बैक्टीरिया फ्लश हो जाते हैं। यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीती हैं, तो यह लंबे समय तक ब्लैडर में बने रहते हैं जिससे कि स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है।

इंफेक्शन के दौरान आपको नियमित दिन के मुकाबले अधिक पानी पीने की आवश्यकता होती है। साथ ही सुबह उठकर सबसे पहले दो गिलास पानी पिए, उसके बाद पूरे दिन में जब भी यूरिन पास करें तो वापस दे दो गिलास पानी जरूर पियें।

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कब्ज में फायदेमंद है दालचीनी. चित्र शटरस्टॉक।

5. हर्बल टी

लेमन रिंड और दालचीनी को एक साथ पानी में अच्छी तरह उबाल लें, फिर इसे छानकर पीएं। नींबू में मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी इंफेक्शन को ट्रीट करने में आपकी मदद करेंगे। साथ ही साथ दालचीनी सूजन को कम कर जलन से राहत प्रदान करेगी।

6. प्रोटीन को अवॉइड करें

एक्सपर्ट के अनुसार ब्लैडर इंफेक्शन की स्थिति में 2 से 3 दिनों के लिए प्रोटीन को डाइट से बाहर कर दें। फल और सब्जियों का सेवन करें, इन्हें बनाने में तरह-तरह के मसालों का इस्तेमाल न करें, इन्हें कच्चा या फिर बॉयल करके खाएं। ऐसा करने से पाचन क्रिया पर किस तरह का भार नहीं पड़ता और आपके शरीर को इंफेक्शन से लड़ने के लिए अधिक ऊर्जा मिलती है, साथ ही यह बॉडी टॉक्सिन्स को भी रिमूव करता है।

इंफेक्शन के दौरान मसालेदार खाद्य पदार्थों से भी पूरी तरह परहेज करें क्योंकि यह आपके सिम्टम्स को ट्रिगर कर सकती हैं।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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