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मीठे के विकल्प के तौर पर स्टीविया ले रही हैं, तो इन बातों का जान लेना है जरूरी

चीनी की बजाय जीरो कैलोरी और जीरो शुगर वाले स्टीविया का प्रयोग किया जा सकता है। पर इसके इस्तेमाल का सही तरीका और इसके अधिक प्रयोग के साइड इफ़ेक्ट को जान लेना भी जरूरी है।
स्टीविया जीरो कैलोरी और जीरो शुगर वाला मीठे स्वाद वाला हर्ब है। इसका प्रयोग किसी भी डेजर्ट को तैयार करने में किया जा सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 22 Sep 2023, 12:30 pm IST
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इन दिनों शुगर के हेल्दी विकल्प के रूप में स्टीविया का प्रयोग (Stevia) तेजी से बढ़ा है। लगभग सभी मीठे खाद्य पदार्थों में स्वीटनर के तौर पर यह प्रयोग किया जाता है। यह कोल्ड ड्रिंक, हॉट ड्रिंक, स्मूदी, डेजर्ट, सॉस और अन्य कई स्वीट डिश में इसका प्रयोग किया जाता है। स्टीविया बहुत अधिक मीठे स्वाद वाला हर्ब है, जो वास्तव में जीरो शुगर और जीरो कैलोरी वाला होता है। यह बहुत अधिक कंसंट्रेटेड फॉर्म में होता है। यह चीनी से 30 से 200 गुना अधिक मीठा हो सकता है। यदि इसका सही ढंग से प्रयोग नहीं किया जाए, तो यह डिश को बेस्वाद बना देता है। इसलिए इसका सही ढंग से प्रयोग (how to use Stevia) करना आना चाहिए।

क्या है स्टीविया (what is Stevia)

स्टीविया जीरो कैलोरी और जीरो शुगर वाला मीठे स्वाद वाला हर्ब है। इसका प्रयोग किसी भी डेजर्ट को तैयार करने में किया जा सकता है। यह बहुत अधिक कंसंट्रेटेड फॉर्म में होता है। इसलिए इसका प्रयोग करना मुश्किल हो सकता है। यदि आप इसे गलत तरीके से इस्तेमाल कर लेती हैं, तो आपको स्वादिष्ट मिठाई तो नहीं ही मिलेगी। उसका स्वाद भी बहुत खराब होगा।

क्यों ज्यादातर लोग स्टीविया को कर रहे हैं डाइट में शामिल?

स्टीविया पत्तियों, गोलियों, फ्लूइड और पाउडर के रूप में खाया जाता है। ये 100% शुद्ध उत्पाद हैं, जिनका कोई स्वाद नहीं है। इन्हें पानी के साथ कंसंट्रेट किया गया है। गोलियों में सेल्यूलोज (पौधे का फाइबर) होता है। इनके कुछ उत्पादों में अन्य सामग्रियां भी होती हैं, इसलिए लेबल की जांच अवश्य करें।

पाउडर के लिए ऑर्गेनिक स्टीविया लीफ एक्सट्रैक्ट और फ्लूइड के लिए स्वीट ड्रॉप्स। किसी भी उत्पाद के लेबल में स्वीटनर शब्द का उपयोग किया जाता है। इसमें शुद्ध स्टीविया अर्क के अलावा अन्य चीजें भी होती हैं।

हो सकते हैं साइड इफेक्ट (Stevia Side Effects)

स्टीविया के उपयोग से खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में कैलोरी कम हो सकती है। लेकिन इसके कुछ विपरीत प्रभाव भी हो सकते हैं। इसके कारण उल्टी, सूजन, लो ब्लड प्रेशर और हार्मोन इम्बैलेंस शामिल हैं। स्टीविया डाययूरेटिक होता है। यह यूरीन के माध्यम से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स को शरीर से बाहर निकालता है। किडनी यूरीन को फ़िल्टर करता है। स्टीविया का लंबे समय तक सेवन किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।

स्टीविया के प्रयोग करने में इन बातों को ध्यान में रखना जरूरी (Keep these things about stevia in mind)

1 बहुत अधिक मीठे स्वाद के लिए न करें प्रयोग

उन फूड्स में विशेष रूप से स्टीविया का उपयोग न करें, जिनमें थोक में बहुत अधिक स्वीटनर की जरूरत पड़ती है। कुछ फ़ूड का स्वाद बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में स्वीटनर की जरूरत पड़ती है। कैंडी या कारमेल के लिए चीनी-पानी उबाल कर ही प्रयोग करें। स्टीविया इस तरह के व्यंजनों में काम नहीं करेगा।

पेय पदार्थ, स्मूदी आदि जैसे फूड्स में चीनी के बदले स्टीविया का प्रयोग करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

2 ड्रिंक में किया जा सकता है प्रयोग (Stevia in drink) 

पेय पदार्थ, स्मूदी, सॉस, चीज़ केक, पाई, कुकीज़, नो-बेक आदि जैसे फूड्स में चीनी के बदले स्टीविया का प्रयोग (how to use Stevia) करें। इस प्रकार के व्यंजनों में स्वीटनर केवल स्वाद के बारे में होता है

3 कम मात्रा से करें शुरुआत

स्टीविया कंसंट्रेटेड, मीठे स्वाद वाला हर्ब है। यदि आप बहुत अधिक इसका उपयोग करती हैं, तो अत्यधिक मीठा या यहां तक कि कड़वा स्वाद भी मिल सकता है। एक कप चीनी के बराबर 1/4 चम्मच स्टीविया पाउडर होता है। पूरी हरी पत्ती स्टीविया इतनी कंसंट्रेटेड नहीं होती है। यहां तक कि फ्लूइड स्टीविया की एक बूंद भी ड्रिंक को बहुत अधिक मीठा बना सकती है।1 चम्मच चीनी 5 बूंद फ्लूइड स्टीविया के बराबर हो सकता है। यदि आप फ्लूइड स्वीटनर के लिए स्टीविया का उपयोग कर रही हैं, तो यह ध्यान रखें कि सही कंसंट्रेशन पाने के लिए थोड़ा पानी या जूस मिलाना होगा

यदि आप बहुत अधिक स्टीविया का उपयोग करती हैं, तो अत्यधिक मीठा या यहां तक कि कड़वा स्वाद भी मिल सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

4 बेकिंग में भी रखें मात्रा का ध्यान (Stevia for Baking) 

बेकिंग के दौरान सही मात्रा का ध्यान रखें। स्टीविया अन्य सभी शुगर से बहुत अलग घटक है। अधिक होने पर व्यंजन का वाद कड़वा हो सकता है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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