डेंगू होने पर घट जाते हैं प्लेटलेट्स, यहां हैं प्लेटलेट काउंट बढ़ाने वाले 8 घरेलू उपाय
जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है वैसे हमारे आसपास मच्छरों की तादाद भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में कोरोना के बीच डेंगू का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। डेंगू होने के बाद सबसे ज्यादा खतरनाक होता है प्लेटलेट्स काउंट का गिरना। डॉक्टर इसी पर नजर रखने की सलाह देते हैं। दुर्भाग्य से कोई भी दवा इन्हें बढ़ाने में कारगर नहीं है। पर आयुर्वेद में इसका उपचार है। आइए जानते हैं कैसे आप डेंगू होने पर अपना प्लेटलेट्स काउंट (How to increase platelets counts) घर पर रहकर भी बढ़ा सकते हैं।
पहले समझिए क्या है डेंगू
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, डेंगू एक वायरल बुखार है, जो मच्छरों के काटने से लोगों में फैलता है। ये बीमारी दुनिया भर में फैल चुकी है। डेंगू का वायरस मुख्य रूप से मादा एडीज इजिप्टी प्रजाति (Female Aedes aegypti species) के मच्छरों के काटने पर फैलता है। इसके आलावा कुछ लोगों में एडीज अल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) के जरिए भी यह वायरस फैल सकता है।
फ्लेविवाइरिडी फैमिली (Flaviviridae family) के एक वायरस के कारण लोगों में डेंगू बुखार होता है। आपस में काफी मिलते-जुलते ये वायरस चार तरह के हैं। इस वायरस का सेरोटाइप DENV-1, DENV-2, DENV-3 और DENV-4 डेंगू बुखार के लिए जिम्मेदार होता है। इनमें से किसी एक सेरोटाइप से संक्रमित होने और उससे उबरने के बाद मरीज के शरीर में उस सेरोटाइप के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो जाती है। जो आजीवन उसके दोबारा संक्रमण से बचाने का काम करती है।
मगर इसके दूसरे सेरोटाइप से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। एक के संक्रमण के बाद
दूसरे तरह के सेरोटाइप से संक्रमित होने पर (secondary infection) गंभीर किस्म के डेंगू का खतरा बढ़ जाता है। जो कुछ लोगों की जान तक ले लेता है।
नोएडा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुमोल रत्ना (एमडी,मेडिसिन) बताते हैं कि डेंगू बुखार की चपेट में आने के बाद मरीज के शरीर में प्लेटलेट काउंट तेजी से घटने लगता है। उसका टीएलसी काउंट भी घट जाता है। इस वजह से मरीज की इम्युनिटी काफी कमजोर हो जाती है। साथ ही डेंगू के मरीजों को डिहाइड्रेशन भी होने लगता है। इन सब कारणों की वजह से मरीज में सेकेंडरी इन्फेक्शन यानी अन्य बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे पहचानेंगे कि डेंगू हुआ है
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के अनुसार ज्यादातर डेंगू के मामलों में मरीज के शरीर में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं या मरीज के शरीर में इसके हल्के-फुल्के लक्षण नजर आते हैं।
- कुछ बच्चों या वयस्को में ये फ्लू की तरह गंभीर भी हो सकता है, जिसकी वजह से जान तक गवानी पड़ सकती है।
- डेंगू मच्छर के काटने के बाद 4 से 10 दिन बाद आमतौर पर आखिर के 2 से 7 दिनों तक लक्षण नजर आते हैं।
- डेंगू की आशंका तब होनी चाहिए जब मरीज को तेज बुखार (104 डिग्री फारेनहाइट) के साथ इनमें कम से कम दो लक्षण और नजर आएं।
- सिर में भयानक दर्द
- आंखो व उसके भीतरी भागो में दर्द
- मांसपेशियों और जोड़ो में दर्द
- मतली या उल्टी आना
- शरीर की ग्रंथियों में सूजन
- स्किन पर दाने या चकत्ते नजर आना
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने डेंगू को दो तरह का बताया है – एक डेंगू (जिसके लक्षण नजर आ भी सकते हैं और नहीं भी) और दूसरा गंभीर डेंगू।
डेंगू के लक्षण नजर आने और न आने दोनों ही हालात में डॉक्टर को तय करने में सहूलियत मिल जाती है कि मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाए या नहीं। अगर मरीज भर्ती हो जाता है, तो उसकी देखरेख करने में आसानी हो जाती है। ऐसा करके डेंगू के खतरें को काफी हद तक रोकने में मदद मिलती है।
गंभीर किस्म का डेंगू
आमतौर पर डेंगू बुखार की चपेट में आने के 3 से 7 दिन बाद ही एक मरीज इस क्रिटिकल फेज में प्रवेश करता है। इस क्रिटिकल फेज के शुरुआती 24 से 48 घंटे के बीच, अचानक कुछ मरीजों की हालात तेजी से बिगड़ने लगती है। ऐसे समय में, उनमें सिवेयर डेंगू के लक्षण नजर आने शुरु हो जाते हैं।
जब मरीज के शरीर का तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट से कम होने लगे तो आपको एलर्ट हो जाना चाहिए, क्योंकि इस तरह के लक्षण सिवेयर डेंगू के हो सकते हैं। सिवेयर डेंगू की चपेट में आने के बाद मरीज के शरीर में काफी खतरनाक जटिलताएं नजर आती है। जिनमें शरीर में प्लाज्मा लीक होने, लिक्विड इकट्ठा होने, मरीज को सांस लेने में तकलीफ, जगह-जगह से खून निकलने या कुछ अंगों के काम करने की क्षमता में कमी भी हो सकती है।
इन स्थितियों में तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क
- भयानक पेट दर्द
- लगातार वोमिटिंग
- जल्दी-जल्दी सांस लेना
- मसूड़ें या नाक से खून आना
- थकान
- घबराहट, बैचेनी
- लिवर के साइज का बढ़ जाना
- वोमिटिंग या शौच के दौरान खून आना
डेंगू के कारण मरीज के शरीर में तेजी से प्लेटलेट की संख्या घटती है। ऐसे में मरीजो को चाहिए कि वह उन घरेलु उपायों को शामिल करें, जिससे प्लेटलेट की घटती संख्या एक बार दोबारा फिर से बढ़ने लगे।
शरीर में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं ये घरेलू उपचार (platelets kaise badhaye in hindi)
1 पपीते के पत्ते का काढ़ा बनाकर पिएं (papaya leaves to increase platelet count)
पपीते के पत्ते में एक बेदह खास औपधि गुण मौजूद है। दरअसल इसमें एसिटोजेनिन नाम का एक यूनिक फाइटोकेमिकल पाया जाता है, जो डेंगू से जूझ रहे मरीजों के घटते प्लेटलेट की संख्या को तेजी से बढ़ाने में कारगर है।
इसके आलावा इन पत्तियों में फ्लेवोनॉयड्स और कैरोटीन जैसे कई नेचुरल कंपाउंड मौजूद होते हैं, जो सूजन को कम करने और बतौर एंटीऑक्सीडेंट काम करते हैं। आप घर पर पपीते के पत्तियों का रस आसानी से तैयार कर सकती हैं। बस इसके लिए आपको 4 से 5 पत्तों को तोड़ना होगा फिर उसे पानी में उबालकर काढ़ा बनाना होगा। और एक बार काढ़ा तैयार कर लेने के बाद आप उसे 1 कप सुबह और एक कप शाम के समय ले सकती हैं।
2 रोजाना मुट्ठी भर मुनक्का भिगोकर खाएं (Munakka to increase platelet count)
डेंगू के मरीजों को रातभर पानी में मुट्ठी भर मुनक्का भिगोकर सुबह खाना चाहिए। ऐसा करने से इस दौरान शरीर में घट रही प्लेटलेट की संख्या वापस बढ़ने लगती है। दरअसल मुनक्का में आयरन की प्रचुर मात्रा मौजूद होती है और यह एनीमिया के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
3 संतरा, आंवला, नींबू जैसे तमाम विटामिन सी से भरपूर आहार लें (Citrus fruits to increase platelet count)
इस बीमारी में मरीजों को विटामिन सी (Vitamin C) की अधिकता वाले फूड्स को अपने खाने में शामिल करना चाहिए। विटामिन सी आपके शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है। विटामिन सी के लिए आप संतरा, आंवला, नींबू, शिमला मिर्च खा सकती हैं, क्योंकि इन फलों और सब्जियों में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा मौजूद है। डेंगू के दौरान और सामान्य दिनों में भी इसे अपने आहार में शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
4 अनार खाएं (pomegranate to increase platelet count)
अनार में कई जरूरी मिनरल्स जैसे आयरन और इम्यूनिटी बूस्ट करने वाले न्यूट्रिएंट जैसे एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। डेंगू के मरीजों को नियमित अनार का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से निश्चित तौर पर उनके शरीर में प्लेटलेट की संख्या में इजाफा होगा।
5 कीवी भी हो सकती है मददगार (Kiwi to increase platelet count)
इस विदेशी फल में पोटैशियम और विटामिन सी की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। ये दोनों न्यूट्रीएंट आपके शरीर में प्लेटलेट की संख्या को तेजी से बढ़ाने में मदद करते हैं। यही कारण है कि ज्यादातर डॉक्टर डेंगू के मरीजों को कीवी खाने की सलाह देते हैं। यह फल डेंगू के मरीजो को एनर्जेटिक बनाए रखने में भी मदद करता है।
6 सलाद में शामिल करें चुकंदर (Beetroot to increase platelet count)
चुकंदर में मौजूद न्यूट्रीएंट प्लेटलेट्स को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। इसलिए डेंगू के मरीज को रोजाना सलाद में चुकंदर खाने की सलाह दी जाती है। आप इसे सूप या जूस में भी शामिल कर सकती हैं। इस बुखार से उबरने के बाद भी वह अपने आहार में इसे शामिल कर सकते हैं, क्योंकि इससे ढेर सारे स्वास्थ लाभ मिलते हैं।
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7 पालक का सूप या सब्जी (Spinach to increase platelet count)
पालक में विटामिन K भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ये विटामिन प्लेटलेट को बूस्ट करने का काम करता है। इसलिए डेंगू के मरीजों को ज्यादातर पालक खाने की सलाह दी जाती है। विटामिन K के आलावा पालक में फोलेट भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, जो शरीर में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने और कोशिकाओं के वृद्धि में मदद करता है। बस ध्यान रहे कि आप इसे कच्चा न खाएं और न ही इसका जूस पिएं। पालक को हमेशा पकाकर खाना ही फायदेमंद होता है।
8 मेथी का पानी (Fenugreek water to increase platelet count)
डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट की संख्या तेजी से घट रही है, तो उन्हें मेथी के बीजों का पानी भी दिया जा सकता है। इसके लिए उन्हें रात में एक चम्मच मेथी को एक गिलास पानी में भिगोकर रखना होगा। और अगली सुबह छानकर, फिर उसे हल्का सा गरम करके लेने से लाभ मिलेगा।
अगर रात में मेथी के बीज भिगोना भूल गए हैं, तो दिन में भी इन्हें 3 से 4 घंटे भिगोकर लेने से लाभ मिल सकता है। अगर आपको लो ब्लड शुगर की समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही मेथी के बीज का सेवन करें।
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