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Freedom : काम के तनाव से आजादी पाने में ये 5 टिप्स करेंगे आपकी मदद

ऑफिस और घर के कार्यों के दवाब के कारण हम तनाव के गुलाम हो जाते हैं। तनाव से आजादी पाने में ये 5 टिप्स किसी भी महिला की मदद कर सकते हैं।
जिन लोगों में दूसरे व्यक्ति को आत्मविश्वास दिखता है उन लोगों का व्यक्तिव लोगों को बहुत पसंद आता है। चित्र: अडोबी स्टॉक
Updated On: 18 Oct 2023, 10:16 am IST

हम जीवन में बाकी सभी चीजों पर काम को प्राथमिकता देते हैं। सफल होने के लिए हम लगातार स्ट्रेस की बेड़ियों में जकड़ते जाते हैं। देश आजाद (Independence Day-15 August) होने के बावजूद हमें घर बाहर के काम के स्ट्रेस से आजादी नहीं मिलती है। हम यह जानते हैं कि वर्क लाइफ बैलेंस से स्ट्रेस से मुक्ति मिल सकती है। यह हमारे शरीर और काम दोनों के लिए जरूरी है। कुछ उपाय अपनाकर वर्क स्ट्रेस के दवाब से आजादी मिल सकती (freedom from work stress) है। सबसे पहले जानते हैं वर्क लाइफ बैलेंस क्या है और यह जरूरी क्यों है?

वर्क लाइफ बैलेंस क्या है (Work Life Balance)

दुनिया भर में मशहूर टीवी प्रस्तोता और लेखिका ओपरा विनफ्रे कहती हैं, ‘ वर्क लाइफ बैलेंस संतुलन की वह स्थिति है, जहां एक व्यक्ति अपने करियर की मांगों और अपने व्यक्तिगत जीवन की मांगों को समान रूप से प्राथमिकता देता है। यह संतुलन तब ख़राब होने लगता है, जब हम किसी एक को अधिक प्राथमिकता देने लगते हैं। वर्क स्पेस पर जिम्मेदारियां बढ़ने, अधिक देर तक काम करने, घर में जिम्मेदारियां बढ़ने यहां तक कि बच्चे होने पर भी यह संतुलन गड़बड़ा जाता है। इसमें संतुलन लाने से ही तनाव से मुक्ति मिल सकती है।

वर्क लाइफ बैलेंस बनाकर तनाव से आजादी पाने के यहां हैं 5 तरीके (5 Tips to get freedom from stress)

1 जरूरी काम को दें प्राथमिकता (Give priority to important work)

जब आप वर्क लाइफ बैलेंस सुनती हैं, तो आपको लगता है कि ऑफिस में प्रोडक्टिव होने के साथ-साथ दोस्तों और परिवार के साथ भी क्वालिटी टाइम बिताना। यह हमेशा संभव नहीं है। सही शेड्यूल बनाने से यह हो सकता है, लेकिन प्रैक्टिकल बनना जरूरी है। जिस दिन आपको जो कार्य अधिक महत्वपूर्ण लगता है, उस पर अधिक समय दें। जिस दिन घर पर आपकी बहुत अधिक जरूरत है, तो वहां जरूर समय दें। घर पर समय देने के समय इस चिंता में नहीं घुलें कि आपके बिना ऑफिस का काम बिगड़ जायेगा।

2. अपनी पसंद का काम (work of your choice)

करियर में रुकावट नहीं आनी चाहिए। यदि आप जो काम कर रही हैं, उससे संतुष्ट नहीं हो पा रही हैं, तो इसका मतलब है कि आप तनाव की गुलाम हो गईं। आपको अपने काम के हर पहलू से प्यार करने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन यह इतना आकर्षक जरूर होना चाहिए कि हर सुबह बिस्तर से उठने पर अपने काम के बारे में सकारात्मक सोच पायें। अगर नौकरी आपको थका रही है और अपनी पसंदीदा चीजें करने में कठिनाई दे रही है, तो कुछ गलत है। टॉक्सिक वातावरण में काम करना बेहद कठिन है। यदि आपको अपने काम से डर का भाव जगता है, तो अभी से अपनी पसंद का काम ढूंढना शुरू कर दें।

टॉक्सिक वातावरण में काम करना बेहद कठिन है। चित्र:शटरस्टॉक

3 स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें (make health a priority)

मेंटल हेल्थ, इमोशनल हेल्थ और फिजिकल फिटनेस यानी ओवरआल हेल्थ पर ध्यान देना चाहिए। यदि आप अवसाद से जूझ रही हैं और काम करती जा रही हैं, तो यह सही नहीं है। भयंकर पीठ दर्द के बावजूद काम करती जा रही हैं, तो जल्दी ही स्वास्थ्य कारणों से आपको जॉब छोडनी पड़ेगी। यदि आप किसी पुरानी बीमारी से जूझ रही हैं, तो अपना अच्छी तरह इलाज कराएं। थेरेपी को अपने शेड्यूल में शामिल करें। भले ही आपको जल्दी काम छोड़ना पड़े या शाम का कुछ जरूरी ऑफिस वर्क छोड़ना पड़े। स्वयं अधिक काम करना आपको बेहतर होने से रोकता है। इसके कारण संभवतः भविष्य में अधिक दिनों की छुट्टी लेनी पड़ सकती है। इसलिए सबसे पहले अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें

4. अनप्लग करने से न डरें (don’t be afraid to unplug)

समय-समय पर बाहरी दुनिया से नाता तोड़ने से हमें साप्ताहिक तनाव से उबरने में मदद मिलती है। हमें अन्य विचारों को उभरने का मौका मिलता है। अनप्लगिंग का मतलब काम के ईमेल की जांच करने की बजाय कुछ पल के लिए ट्रांजिट मेडिटेशन का अभ्यास करना भी हो सकता है। काम के सिलसिले में यात्रा कर रही हैं, तो कुछ अच्छी सी किताब पढ़ लें। इससे व्यर्थ के तनाव से मुक्ति मिल (freedom from work stress) जाएगी।

समय-समय पर बाहरी दुनिया से नाता तोड़ने से हमें साप्ताहिक तनाव से उबरने में मदद मिलती है। चित्र: अडोबी स्टॉक

5. छुट्टी जरूर लें (take a break)

कभी-कभी वास्तव में अनप्लगिंग का मतलब छुट्टी लेना भी होता है। इस दौरान ऑफिस वर्क को पूरी तरह बंद (freedom from work stress) कर लें। छुट्टी के दौरान की गयी यात्रा शारीरिक और मानसिक रूप से तरोताजा कर देती है। इस दौरान ऑफिस मेल, ऑफिस व्हाट्सएप ग्रुप चेक करना, रिप्लाई करना बंद कर दें। इससे दुबारा काम पर लौटने पर दुगुने उत्साह और एनर्जी के साथ काम कर पाएंगी।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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