Emotional Management : मानसिक रूप से मजबूत लोग इन 5 तरीकों से रखते हैं खुद को हर सुख-दुख में मजबूत
जिम्मेदारियों का बोझ कई बार हमें इस कदर घेर लेता है, कि हम अपनी हैप्पीनेस को ही अपनी लास्ट चॉइस बना डालते हैं। इसका असर हमारे व्यवहार पर दिखने लगता है। फिर देखते ही देखते हमारे व्यवहार में नकारात्मकता बढ़ने लगती है, जिससे हम अपने इमोशंस को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। दरअसल, हमारे मन के अंदर बहुत सी चीजें न कर पाने का एक मलाल रह जाता है, जिसका असर आपके इमोशंस पर दिखने लगता है। हमें इस बात को समझना होगा कि बाकी कार्यों और पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के अलावा खुद का ख्याल रखना ज़रूरी है। इससे न केवल आपकी पर्सनेलिटी एनहांस होती है बल्कि आपके अंदर सेटिसफेक्शन आने लगती है। जानते हैं वो टिप्स कि कैसे मेंटली स्ट्रांग (Mentally strong) लोग अपने इमोशंस (Emotional management) को मेंटेन कर लेते हैं।
इमोशनली मज़बूत रहना है, तो वर्तमान में जिएं
इस बारे में हेल्थशॉटस से बातचीत करते हुए सर गंगाराम अस्पताल में साइकोलॉजिस्ट सीनियर कंसलटेंट, डॉ आरती आनंद का कहना है कि ऐसे लोग अपनी हर छोटी से छोटी खुशी के लिए भी आभार व्यक्त करने से नहीं चूकते हैं। इन लोगों में ग्रेटीटयूट की भावना मौजूद होती है। ये लोग बोलने की बजाय लिखकर अपने इमोशंस को व्यक्त करना पसंद करते हैं। खुद को इमोशनली मज़बूत रखने के लिए पास्ट की बजाय प्रेजेंट में जीना और भविष्य की योजनाओं का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है। ऐसे लोग स्ट्रेस और एंजाइटी से दूर रहने के लिए अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने लगते है।। जो इन्हें आगे बढ़ने में मदद करती है।
जानते हैं वो कौन से टिप्स हैं, जिनकी मदद से आप इंमोशनली मज़बूत बन सकती हैं
1. वो काम करते हैं, जिसमें खुशी मिलती है
बहुत सी बातों को लेकर हमारा मन परेशान हो जाता है और हम डिप्रेस फील करने लगते हैं। ऐसे में हम किसी काम पर फोक्स नहीं कर पाते हैं और मन कही भी आसानी से नहीं लग पाता है। ऐसी स्थिति में खुद को खुश रखने की जिम्मेदारी हमारी अपनी होती है। इस बात को वे लोग भली भांति समझते हैं, जो इमेशनली तौर पर मज़बूत होते हैं। उनका अपने इमोशंस पर इतना नियंत्रण रहता है कि वे किसी के भी समाने उस बात को जाहिर नहीं होने देते हैं। हैप्पीनेस को बनाए रखने के लिए उन एक्टिविटीज़ को करना पंसद करते है, जिससे मन को संतुष्टी मिलती है।
2. किसी भी चीज़ के पॉजिटिव आस्पेक्ट को देखना पंसद करते हैं
खुद को डिप्रेशन और निगेटिविटी से दूर रखने के लिए वे किसी भी बात और काम के पॉजिटिव आस्पेक्ट को देखते हैं। वे जान जाते हैं कि यही इंस्पीरेशन उनके आगे बढ़ने का रास्ता तैयार करेगी। उनका ध्यान नाराज़गी और उदासी की बजाय अपने टारगेटस पर टिका रहता है। वे प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने में विश्वास रखते हैं। दूसरों की बातों को नज़रअंदाज़ करना और किसी भी चीज़ के नकारात्मक पहलू को पीछे धकेलते हुए आगे बढ़ जाना उनकी आदत होती है।
3.दूसरों को मोटिवेट करना
वे न केवल सेल्फ इंस्पायर्ड रहते हैं बल्कि दूसरों को भी हर वक्त आगे बढ़ने के लिए बूस्ट करना उन्हें पसंद होता है। वे अपना खाली वक्त नए आइडियाज को क्रिएट करने में बिताते हैं। उनकी संगत में रहने वाले अन्य लोग या कलीग्स भी उनसे बेहद इंस्पायर्ड रहते हैं। वे इस प्रकार से अपने अंदर मौजूद निगेटिविटी को पॉजिटिविटी से रिप्लेस कर देते हैं। वे अन्य लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत होते हैं। दूसरों को उनकी कासबिलियत के हिसाब से आगे बढ़ने के लिए इंस्पायर करना उनके स्वभाव का एक हिस्सा होता है।
4. खुद का पूरा ख्याल रखते हैं
वे लोग जो खुद को लेकर सतर्क रहते हैं। ऐसे लोग बेहतर तरीके से अपने इमोशंस पर नियंत्रण कर पाते हैं। शरीर में होने वाले मामूली दर्द से लेकर खान पान तक हर चीज़ का ख्याल रखते हैं। दिन की शुरूआत योग और एक्सरसाइज़ से करते है और खुद को हेल्दी रखने के लिए भी हर संभव प्रयास करते हैं। उनका विश्वास अपने आप को हेल्दी और फिट बनाए रखने में होता है। वे दूसरों की कही सुनी बातों को जीवन में आसानी से इंप्लिमेंट नहीं करते हैं। हेल्थ के अलावा अपने लुक्स और पहनावे की ओर भी उनका पूरा ध्यान टिका रहता है। ऐसे लोग स्टाइल आइकन के रूप में दूसरों के सामने खुद रिप्रेजेंट करते हैं।
5. शांत रहना ज्यादा पसंद करते हैं
मीटिंग्स, डिस्कशंस और आउटिंग्स के बाद ये लोग शांत रहना पंसद करते हैं। हर वक्त बात करना इन्हें पसंद नहीं आता है। दरअसल, मेडिटेशन को अपने लाइफ स्टाइल को हिस्सा जो लोग बना लेते हैं, वे अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना सीख जाते है। वे हर बात को दूसरों से डिस्कस करना और उनकी सलाह से आगे बढ़ने में विश्वास नहीं रखते हैं। ऐसे लोग मनमौजी किस्म के होते हैं, जो अपने आप को दूसरों से कंपेयर नहीं करते हैं। साथ हर चीज़ को सोचने समझने के लिए एकांत में रहना और शांत रहना पसंद करते हैं।