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Asthma in monsoon : मानसून में बढ़ जाती है अस्थमा की समस्या, एक्सपर्ट से जानें इसे मैनेज करने के तरीके

बारिश के मौसम में सबसे अधिक समस्या अस्थमा के मरीजों को होती है। इस समस्या के कारण उनकी फिजिकल एक्टिविटी भी बाधित हो जाती है। एक्सपर्ट से जानते हैं बारिश के मौसम में इस समस्या को मैनेज करने के क्या उपाय हो सकते हैं।
सीने में जकड़न, सांस फूलना, बार-बार घरघराहट जैसी आवाज आना अस्थमा का लक्षण हो सकता है। चित्र: अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 20 Oct 2023, 09:03 am IST
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मानसून बारिश का मजा लेने का मौसम है। इस दौरान गर्म और ताज़ा भोजन हम लेते हैं। भारत में जब भी बारिश होती है, तो हमारा मन चाय या कॉफी के साथ अलग –अलग तरह के गर्म स्नैक्स लेने का करने लगता है। मानसून अपने साथ कई मौसमी बीमारियां भी अपने साथ लाता है। सर्दी, फ्लू, टाइफाइड, हैजा और हेपेटाइटिस ए के अलावा उमस और बारिश से अस्थमा के रोगियों की परेशानी बढ़ जाती है। उन्हें अस्थमा के दौरे (Asthma Attack in Monsoon) का अनुभव हो सकता है। अस्थमा का दौरा हल्का या गंभीर भी हो सकता है। इससे गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। आइए जानें कि मानसून अस्थमा को कैसे प्रभावित (asthma in monsoon)करता है?

क्या है अस्थमा की स्थिति (asthma in monsoon) 

गुरुग्राम के पारस हॉस्पिटल में हेड एंड सीनियर कन्सल्टेंट (पल्मोनरी एंड रेस्पिरेटरी मेडिसिन) डॉ. अरुणेश कुमार बताते हैं, अस्थमा या ब्रोन्कियल अस्थमा एक पुरानी श्वसन बीमारी (Chronic Breathing Disease) है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। सामान्य रूप से सांस लेने की प्रक्रिया में सांस मार्ग के आसपास की मांसपेशियां आराम की स्थिति में होती हैं। इससे आसानी से हवा सांस मार्ग में आती जाती रहती है। दमा होने पर ये कुछ प्रभाव देखे जा सकते हैं।

ब्रोंकोस्पाज़म (Bronchospasm) 

डॉ. अरुणेश कहते हैं , ‘अस्थमा के दौरे में एयरवेज को घेरने वाली चिकनी मांसपेशियों की परत का निर्माण होता है, जिससे इसमें संकुचन होता है। इससे हवा के आने-जाने में कठिनाई होती है।’

सूजन (Inflammation) 

अस्थमा के दौरान फेफड़ों में ब्रोन्कियल ट्यूबों की अंदरूनी परत में सूजन हो जाती है। यह सूजन हवा के प्रवाह को कम कर देती है।

बलगम का अधिक बनना (Cough) 

अस्थमा के दौरे के दौरान बलगम (Cough)एयरपाथ को अवरुद्ध कर देता है। यह हवा के प्रवाह को रोक देता है।

अस्थमा के दौरे तनाव, बहुत अधिक थकान, एलर्जी और मौसम में बदलाव होने के दौरान बढ़ जाते हैं।

कैसे प्रभावित करता है मानसून (How Does Monsoon Affect Asthma)

डॉ. अरुणेश के अनुसार, अस्थमा किसी भी उम्र में किसी को भी प्रभावित कर सकता है। मानसून अस्थमा को ट्रिगर कर सकता है।

ठंडा मौसम (Cold Weather Causes Asthma): लगातार बारिश से मौसम ठंडा हो जाता है। ठंडक एयरपाथ में हिस्टामाइन के स्राव का कारण बनती है। इसके कारण अस्थमा के कारण होने वाली घरघराहट ट्रिगर हो जाती है।
पोलेन ग्रेन का स्तर बढ़ना: बरसात के मौसम में वातावरण में परागकण बढ़ जाते हैं। ये दमा के दौरे को ट्रिगर करते हैं।

नमी (Humidity Causes Asthma):लगातार बारिश और सूर्य की किरणों की कमी के कारण वातावरण में नमी बढ़ जाती है। धूप की कमी के कारण विटामिन डी की कमी हो जाती है। नमी फंगस और एल्गी के विकास को बढ़ावा देता है। इससे अस्थमा और अन्य सांस संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं।

एलर्जी और वायरल संक्रमण (Allergy and Viral Infection Cause Asthma): बारिश के मौसम में विभिन्न  प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं। नम वातावरण में घर में धूलकण भी बढ़ जाते हैं। इनसे एलर्जी हो सकती है और अस्थमा के दौरे का खतरा बढ़ सकता है। उत्तेजना, क्रोध, भय, अवसाद जैसे भावनात्मक कारक और खराब प्रतिरक्षा प्रणाली भी अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं।’

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मानसून में कैसे करें इसका प्रबंधन (Asthma Management in Monsoon)

अस्थमा क्रोनिक डिजीज है, जो ख़त्म नहीं होती है। मौसमी बदलाव इसके दौरे को बढ़ा सकते हैं है। कुछ घरेलू उपाय इसे बढ़ने से रोक सकते हैं।

1 गर्म भोजन और पेय पदार्थ (Fresh and Hot Food for Asthma)

अस्थमा से बचाव के लिए गर्म पेय और ताज़ा और गर्म भोजन लें। ब्राउन राइस, प्रोटीन युक्त भोजन, हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, गाजर, पत्तागोभी, फूलगोभी, प्याज, शकरकंद, इडली, डोसा, किमची, अंकुरित अनाज और अंडे मानसून के दौरान अस्थमा से राहत दिलाने में सहायक हो सकते हैं।

ब्राउन राइस अस्थमा से बचाव  में मदद कर सकते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

2 भाप लें (Steam)

जीरा, तुलसी, या आवश्यक तेलों के साथ उबले हुए पानी के वाष्प को अंदर लेने से ब्रोन्कोडायलेशन होता है और सांस लेने में आसानी होती है

3 अपने आसपास सफाई का खास ध्यान रखें (Cleanliness) 

घर की धूल कण और नम दीवारें अस्थमा फैलने का कारण बनती हैं। जितनी जल्दी हो सके, इससे निपटने का उपाय करें। साप्ताहिक रूप से बिस्तर की चादरें और तकिए के कवर बदलना चाहिए। सप्ताह में कम से कम दो बार कालीन को वैक्यूम क्लीन करना चाहिए

घर को साफ़-सुथरा रखने पर अस्थमा से बचाव हो सकता है।  चित्र शटरस्टॉक।

4 एलर्जी से बचें (Allergy in Monsoon) 

बारिश के मौसम में प्रदूषण युक्त क्षेत्रों, धूम्रपान क्षेत्र, धूल भरे क्षेत्रों और पोलेन ग्रेन युक्त पौधों से दूर रहें। मानसून के दौरान इन सावधानियों के अलावा, अपनी अस्थमा की दवाएं (Asthma Medicine) नियमित रूप से लेती रहें।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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