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Appetite : भूख कम होने लगी है, तो एक्सपर्ट के बताये इन 10 उपायों पर अमल करें

तनाव में रहने, सर्जरी होने या किसी अन्य दवा के प्रयोग के कारण भूख में कमी हो सकती है। यदि आपके साथ भी समस्या है, तो एक्सपर्ट के बताये इन 10 उपायों को आजमा सकती हैं।
भूख की कमी कई तरह के स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा सकती है। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 18 Oct 2023, 10:06 am IST
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कभी-कभार खाना सामने होने पर भी भूख नहीं लगती या खाना खाने की इच्छा नहीं होती है। भोजन के स्वाद, कलर या गंध आकर्षित नहीं करते हैं। दूसरों को खाते हुए देखकर भी भोजन करने की इच्छा न होना एपेटाइट में कमी है। सर्जरी के बाद शुरुआत में भूख नहीं लग सकती है। आहार सेवन और एपेटाइट में कमी महसूस हो सकती है। इसके अलावा, मूड में बदलाव, भूख कम लगना, चबाने-निगलने में कठिनाई और स्वाद में बदलाव के कारण भी यह हो सकता है।

अपर्याप्त पोषक तत्वों के सेवन और मोबिलिटी में कमी से वजन और मांसपेशियों की हानि हो सकती है। इसके कारण कमजोरी, थकान महसूस हो सकती है। रोजमर्रा के काम करने का मन नहीं कर सकता है। इसलिए भूख की कमी की समस्या को समझना और उसे दूर करना (causes of poor appetite) जरूरी है।

क्या हो सकते हैं भूख न लगने के कारण (Causes of poor appetite)

भूख न लगने के कई कारण हो सकते हैं। भूख न लगने यानी एपेटाईट खाने के विकार एनोरेक्सिया नर्वोसा से अलग है। भूख न लगने के कारण की पहचान करने और उसका इलाज करने से बेहतर महसूस करने में मदद मिलती है।

अक्सर, एंग्जाइटी और डिप्रेशन के कारण भी भूख मरने लगती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

थकान या लो एनर्जी, उलटी, मांसपेशियों में कमजोरी, कब्ज या दस्त, त्वचा- बाल या नाखूनों में परिवर्तन के कारण भूख नहीं लग सकती है। भूख में कमी अगर एक सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहे, तो यह चिंता का विषय है। किसी डॉक्टर से मिलकर बात करना सबसे अधिक जरूरी है।

यहां हैं भूख बढ़ाने के उपाय (10 tips to increase Appetite)

  1. यदि आपको नियमित रूप से भूख का संकेत नहीं मिल रहा है या खाने के लिए याद रखने में कठिनाई हो रही है, तो सबसे पहले खाने की याद दिलाने के लिए अलार्म सेट करें। पोषक तत्वों और एनर्जी से भरपूर खाद्य पदार्थों को खाने का प्रयास करें। नट्स और नट बटर, ड्राई फ्रूट्स, पनीर, प्रोटीन बार, एवोकाडो के सेवन से भूख बढ़ सकती है।
  2. प्रत्येक भोजन और नाश्ते के साथ प्रोटीन अवश्य लें। हाई प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों में अंडे, दूध, दही, पनीर, मीट-चिकन, फिश, मटर-बीन्स, नट्स खाएं।
  3. मीट या सब्जियों में ग्रेवी, क्रीम सॉस या पनीर सॉस मिलाएं। पकी हुई सब्जियों, अनाज या प्रोटीन में तेल या मक्खन मिलाएं। हार्ट की बीमारी, डायबिटीज नहीं रहने पर फैट वाले दूध का उपयोग करें।
    भोजन में मेयोनेज़, खट्टा क्रीम और सलाद ड्रेसिंग जैसे नियमित या पूर्ण वसा वाले मसालों का उपयोग करें।
  4. यदि चोट या सर्जरी के कारण भूख नहीं लग रही है, तो सुबह सूखा खाना खाएं, जैसे टोस्ट या क्रैकर।
  5. जब तक डॉक्टर या फार्मासिस्ट से निर्देश न मिले, तब तक खाली पेट दवा लेने से बचें।
    यदि आप खाद्य पदार्थों की गंध के प्रति संवेदनशील हैं तो गर्म खाद्य पदार्थों या अधिक गंध वाले खाद्य पदार्थों से बचें
  6. हर 2-3 घंटे में छोटे-छोटे भोजन और स्नैक्स खाएं।
  7. खाने के बाद कम से कम 30 मिनट तक बैठें। धीरे धीरे खाएं।
  8. पूरे दिन पानी, फलों का रस, या स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसे ठंडे साफ़ पेय पीते रहें।
  9. कब्ज से बचने के लिए अपने आंत्र कार्यक्रम पर ध्यान रखें, जिससे मतली खराब हो सकती है।
  10. कब्ज से बचने के लिए भरपूर फाइबर खाएं। प्याज, पत्तागोभी, ब्रोकोली या सूखे बीन्स जैसे गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थों से बचें
पूरे दिन पानी, फलों का रस, या स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसे ठंडे साफ़ पेय पीते रहें। चित्र : अडोबी स्टॉक

अंत में

यदि स्ट्रेस के कारण भूख नहीं लग रही है, तो खाना खाते समय हल्का संगीत बजाएं। शांत वातावरण में भोजन करें। हर 2-3 घंटे में थोड़ा-थोड़ा भोजन और नाश्ता करें। फलों और सब्जियों जैसे कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों से पहले स्टार्च जैसे ऊर्जा से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं। भोजन से एक घंटा पहले या बाद में तरल पदार्थ पियें। भूख बढ़ाने के लिए भोजन में स्पाइसेज़ का प्रयोग बढायें।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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