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शोर, रोशनी और तनाव भी बन सकते हैं माइग्रेन के दर्द का कारण, राहत के लिए आजमाएं ये 8 क्विक टिप्स

माइग्रेन अटैक कहीं भी और कभी भी हो सकता है, इससे डील करने के लिए हम सभी को हमेशा तैयार होना चाहिए। राहत के लिए आजमाएं ये 8 क्विक टिप्स।
इलैक्ट्रोलाइट बूस्टर की जरूरत किन लोगों को होती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 1 Jan 2024, 08:00 am IST
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माइग्रेन एक मेडिकल कंडीशन है, जिसमें आमतौर पर सिर के एक हिस्से में सेंसेशन और दर्द महसूस होता है। वहीं माइग्रेन का दर्द सभी व्यक्ति में सिर के अलग-अलग हिस्सों में महसूस हो सकता है। इस स्थिति में सिर दर्द के साथ जी मचलना, उल्टी आना, आवाज और लाइट से अधिक सेंसेशन महसूस होने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। माइग्रेन के मरीज को हर समय सिर दर्द नहीं होता रहता, यह अचानक से अटैक करता है, और लगभग एक घंटे से लेकर पूरे दिन बना रह सकता है।

माइग्रेन अटैक कहीं भी और कभी भी हो सकता है, इससे डील करने के लिए हम सभी को हमेशा तैयार होना चाहिए। माइग्रेन सिर दर्द को डील करने से जुड़ी जरूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने मदरहुड हॉस्पिटल, खरादी पुणे की कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ माधुरी बुरांदे लाहा से बात की। डॉक्टर ने माइग्रेन के सिर दर्द को कम करने के कुछ खास टिप्स दिए हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।

जानें माइग्रेन के दर्द को कम करने के त्वरित उपाय (quick tips to control migraine pain)

1. लाइट ऑफ कर दें

रौशनी और आवाज माइग्रेन के दर्द को ट्रिगर कर सकते हैं, इसलिए माइग्रेन पेन होने पर सबसे पहले आवाज और रौशनी से जितनी हो सके उतनी दूरी बना लें। अंधेरे और शांत कमरे में आराम करें और सोने की कोशिश करें।

दर्द के लिए पेन किलर लेने के ज्यादा साइड इफेक्ट देखें गए है। चित्र- अडोबी स्टॉक

2. टेंपरेचर थेरेपी ट्राई करें

माइग्रेन के दर्द को शांत करने के लिए टेंपरेचर थेरेपी की मदद ले सकती हैं। हॉट और कोल्ड कंप्रेस से सिर और गर्दन की सिकाई करें। आइस पैक में नम्बिंग इफ़ेक्ट पाया जाता है, जो दर्द को कम कर सकता है। वहीं हीटिंग पैड टेंस मांसपेशियों को रिलैक्स रहने में मदद करते हैं। इसके साथ ही माइग्रेन में वार्म शॉवर भी बेहद प्रभावी साबित हो सकता है।

3. कैफीनेटेड ड्रिंक लें

माइग्रेन के शुरुआती स्टेज में कैफीन लेने से सिर दर्द पर काबू पाया जा सकता है। कैफीन में दर्द कम करने वाले प्रभाव पाए जाते हैं, जो माइग्रेन अटैक के दौरान आपको राहत प्रदान कर सकते हैं।

4. अच्छी नींद लेने की कोशिश करें

माइग्रेन या तो आपको लंबे समय तक सुला देता है, या तो आपको पूरी रात जागने पर मजबूर कर देता है। वहीं रात की नींद पूरी न होने पर भी माइग्रेन का दर्द ट्रिगर हो सकता है।

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5. डाइट का रखें उचित ध्यान

यदि आप माइग्रेन के मरीज हैं, तो आपके लिए अपनी डाइट के प्रति सचेत रहना बेहद महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से खाने का एक समय स्थापित करें। इसके अलावा मिल्स स्किप करने से बचें, क्योंकि फास्टिंग माइग्रेन के दर्द को बढ़ा सकता है। साथ ही साथ फूड जर्नल बहुत जरूरी है, यह आपके पूरे खान-पान का एक सही ट्रैक रखता है। साथ ही साथ माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले खाद्य पदार्थ जैसे की चीज, चॉकलेट, कैफीन, शराब आदि से परहेज करें।

शरीर के लिए पानी सबसे जरूरी है। चित्र शटरस्टॉक

6. हाइड्रेशन है जरूरी

डिहाइड्रेशन माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। ऐसे में यदि आपको माइग्रेन का दर्द हो रहा है, या अक्सर होता रहता है, तो पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद महत्वपूर्ण है। जब आप शरीर को पर्याप्त पानी प्रदान करती हैं, और खुद को हाइड्रेटेड रखती हैं, तो ऐसे में माइग्रेन का दर्द ट्रिगर नहीं होता। इसके साथ ही यह माइग्रेन के अन्य लक्षण जैसे की उल्टी और जी मचलने की स्थिति में फायदेमंद होता है।

7. स्ट्रेस मैनेज करना सीखें

तनाव की स्थिति में माइग्रेन का दर्द ट्रिगर होता है, और ऐसे में यह आपको बहुत ज्यादा परेशान कर सकता है। यदि आपको माइग्रेन डिटेक्ट हुआ है, तो स्ट्रेस ट्रिगर्स से जितनी हो सके उतनी दूरी बनाए रखें। ऐसी स्थिति में न पड़े, जहां आपको तनाव का सामना करना पड़े। वहीं यदि स्ट्रेस हो रहा हो, तो वार्म बाथ लें, म्यूजिक सुने और ब्रीदिंग टेक्निक्स की मदद से अपने तनाव पर नियंत्रण पाने की कोशिश करें।

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8. अदरक

अदरक माइग्रेन को ट्रीट करने का एक सुरक्षित और प्रभावित तरीका है। अदरक माइग्रेन अटैक होने पर सिर दर्द पर काबू पाने में आपकी मदद कर सकता है। हालांकि, इसका प्रभाव थोड़ा धीमा होता है, परंतु यह प्रभावी रूप से कार्य करता है। इसके साथ ही यह माइग्रेन के अन्य लक्षण जैसे की उल्टी और जी मचलने की स्थिति में भी कारगर होता है।

इस समस्या में स्लीप पैटर्न पर ध्यान देना सबसे ज्यादा जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक

अच्छी और गहरी नींद के लिए इन बातों का हमेशा ध्यान रखें

समय पर सोने की आदत बनाएं

नियमित रूप से सोने और जागने का एक उचित समय निर्धारित करें। वहीं वीकेंड्स पर भी इसे न तोड़े। यदि आप दिन में नैप लेती हैं, तो कम देर सोएं। दिन में 20 से 30 मिनट से अधिक नींद लेना रात की नींद को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में नींद पूरी न होने से माइग्रेन का दर्द ट्रिगर हो सकता है।

डिस्ट्रेक्शन अवॉइड करें

आप जिस कमरे में सोती हैं, उस कमरे से हर प्रकार के डिस्ट्रक्शन को अवॉयड करें। रात को सोने से तुरंत पहले टीवी और मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से दूरी बनाए रखें। इसके अलावा अपने बेडरूम को सोने से पहले क्लीन करना जरूरी है। ।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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