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व्रत में कहीं आप मिलावटी पनीर तो नहीं खा रहीं? नुकसान से बचने के लिए जानें जांच का तरीका

बाज़ार में बिकने वाले पनीर के टैक्सचर से लेकर उसकी खुशबू तक हर चीज़ से उसकी मिलावट का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। जानते हैं कि पनीर की अडलटरेशन कि कैसे जांच की जाती है और इससे शरीर को क्या नुकसान होते हैं।
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जानते हैं कि पनीर की अडलटरेशन कि कैसे जांच की जाती है और इससे शरीर को क्या नुकसान होते हैं। चित्र : एडॉबीस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 18 Oct 2023, 14:30 pm IST
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शरीर में प्रोटीन और कैल्शियम (Protein and calcium) की कमी को पूरा करने के लिए लोग पनीर का सेवन करते हैं। बाज़ार में धड़ल्ले से बिकने वाला पनीर असली है या नकली, इसकी पहचान कर पाना बेहद मुश्किल है। इन दिनों नवरात्रि व्रत में भी लाेग पनीर का खूब सेवन कर रहे हैं। पर वह असली है या नकली, यह जान लेना जरूरी है। बाज़ार में बिकने वाले पनीर के टैक्सचर (paneer texture) से लेकर उसकी खुशबू तक हर चीज़ से उसकी मिलावट का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। जानते हैं कि पनीर की अडल्ट्रेशन (Paneer adulteration test) की कैसे जांच की जाती है और इससे शरीर को क्या नुकसान होते हैं।

पोषक तत्वों का भंडार है पनीर

पौष्टिक तत्वो से भरपूर पनीर में विटामिन, मिनरल, कैल्शियम, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंटस पाए जाते हैं। इसके सेवन से मसल्स को मज़बूती मिलने लगती है। इससे मेटाबॉलिज्म को मज़बूती मिलती है। साथ ही पाचन संबधी समस्याओं का खतरा कम होने लगता है। ब्रेन स्टरोक (brain stroke) के जोखिम को कम करने के अलावा ब्लड प्रेशर का भी नियंत्रण में रखता है। कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर पनीर को खाने से वेटलॉस की समस्या भी हल हो जाती है।  

पाचन स्वस्थ बनाने के साथ हड्डियों और दातों को स्वस्थ रखने में मददगार है पनीर ।

पनीर पर पीली लेयर क्यों जम जाती है

इस बारे में मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि है कि मिलावट भोजन के महत्व को कम कर देती है। वहीं पनीर में होने वाली मिलावट को जांचने के लिए आयोडीन टेस्ट की मदद ली जा सकती है। अगर आयोडीन के सॉल्यूशन की 2 से 3 बूंद को पनीर पर डालकर छोड़ दें और उसका रंग गहरा नीला और काला पड़ने लगे। तो ये पनीर की खराब गुणवत्ता का परिचय देता है।

इसके अलावा अगर पनीर को आप 2 से 3 दिन के लिए छोउ़ दें और उसपर पीली लेयर जमा होने लगे। तो ये भी पनीर की खराब क्वालिटी को दर्शाता है। दरअसल, एक पीली लेयर जमने से पनीर की सतह पर माइक्रोओरगेनिज्म की ग्रोथ बढ़ने लगती है।

आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है मिलावटी पनीर (Health hazards of Adulterated paneer)

1. फूड पाइज़निग का खतरा (Risk of food poisoning)

डॉ अदिति शर्मा के मुताबिक बाज़ार में मिलने वाले लूज पनीर को खरीदने से बचना चाहिए। इसमें पाए जाने वाले कैमिकल्स शरीर में फूड पॉइज़निंग का कारण साबित होने लगते हैं। इससे पेट संबधी समस्याओं का खतरा बढ़ने लगता है। पनीर की खरीददारी से पहले हाइजीन का पूरा ख्याल रखें और ध्यान रखें कि किसी विश्वसनीय दुकान से ही पनीर लें।

2. गेस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (Gastrointestinal disorder)

खराब पनीर का सेवन करने से गेस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर का खतरा बढ़ने लगता है। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को पेट दर्द, ब्लोटिंग, कब्ज और त्वचा में जलन व सूजन की समस्या से होकर गुज़रना पड़ता है। फूड पॉइजनिंग, लैक्टोज़ इन टालरेंस और डायरिया के कारण इस समसया के बढ़ने का खतरा बना रहता है।

3. बैक्टीरिया का पनपना (Bacterial infection)

अडलटरेटिड पनीर (adulterated paneer) को खाने से फूड बार्न डिसीज़ से ग्रस्त होने की संभावना बढ़ने लगती है। दरअसल, बासा या खराब खाना खाने से शरीर में बड़ने वाले हार्मफुल बैक्टीरिया (bacteria), वायरस (virus) और फंगस (fungus) से इस रोग का खतरा बढ़ने लगता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनियाभर में हर 10 में से 1 व्यक्ति हर साल फूर्ड बॉर्न इलनेस का शिकार हो जाता है। इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति के शरीर में टॉक्सिंस एकत्रित होने लगते हैं। जो डायरिया का कारण साबित होते हैं।

फ़ूड पॉइजनिंग के कारण पेट में ऐंठन, दस्त, जी मिचलाना, उल्टी करना, भूख में कमी, हल्का बुखार, कमज़ोरी, सिर दर्द आदि हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

4. बार-बार वॉमिटिंग हो सकती है

अगर आप पनीर खाने के बाद हार्मफुल बैक्टीरिया की चपेट में आ जाते हैं, तो वॉमिटिंग की समस्या बढ़ने लगती है। इससे व्यक्ति के अंदर कमज़ोरी और निर्जलीकरण की समस्या बढ़ने लगती है। जो पाचन संबधी समस्याओं के जोखिम को बढ़ा देता है।

पनीर की शुद्धता जांचने के तरीके (How to check if paneer is adulterated)

ग्लोबल फूड कंज्यूमर्स फोरम के अनुसार अगर पनीर को हाथ में लेते ही वो टुकड़ों में बिखरने लगे, तो इसका अर्थ है कि पनीर में मिलावट है। खरीदने से पहले पनीर का एक छोटा टुकड़ा लेकर आप इसे चेक कर सकते हैं।

पनीर को उबले हुए पानी में डालकर रखें और फिर उसे बाहर निकालकर ठण्डा होने दें। अब सोयाबीन पाउडर को पनीर पर छिड़कें और 10 मिनट के लिए छोड़ दें। अगर पनीर का रंग बदलकर लाल होने लगता है। तो इसका अर्थ है कि पनीर अडल्ट्रेटेड है।

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एफडीए के अनुसार पनीर को क्रीमी और ग्लॉसी बनाने के लिए पाम ऑयल का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा स्वाद से भी पनीर की गुणवत्ता का अनुमान लगाया जा सकता है। अगर पनीर खाने में मुलायम और चबाने में आसान है, तो पनीर बिल्कुल प्योर है। जबकि अगर वह रबड़ के समान लगें, तो इसका अर्थ है कि इसमें मिलावट की गई है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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