World Brain Day : बच्चों में सबसे आम मस्तिष्क विकार है सेरेब्रल पाल्सी, गर्भावस्था में ही अपनाएं बचाव के उपाय
मानव शरीर में सबसे महत्वपूर्ण अंग है मस्तिष्क। मस्तिष्क या ब्रेन हमारी हर फिजिकल एक्टिविटी और मूवमेंट को संचालित करता है। नयूरोलोजिक्ल डिजीज दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। स्ट्रोक और अल्जाइमर से लेकर मल्टीपल स्केलेरोसिस, सेरेब्रल पाल्सी, एपिलेप्सी, ब्रेन स्ट्रोक के अलावा और भी कई मस्तिष्क संबंधी बीमारियां और विकार हैं। विशेषज्ञ को सबसे कॉमन बीमारी मानते हैं। ब्रेन की बीमारियों के प्रति आगाह करने के लिए ही हर वर्ष 22 जुलाई को विश्व मस्तिष्क दिवस या वर्ल्ड ब्रेन डे (World Brain Day) मनाया जाता है।
वर्ल्ड ब्रेन डे या विश्व मस्तिष्क दिवस (World Brain Day-22 July)
वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ न्यूरोलॉजी (World Federation of Neurology) हर वर्ष 22 जुलाई को मस्तिष्क स्वास्थ्य और मस्तिष्क बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व मस्तिष्क दिवस मनाता है। इस वर्ष (World Brain Day 2023 Theme) विश्व मस्तिष्क दिवस की थीम-मस्तिष्क स्वास्थ्य और विकलांगता: किसी को भी पीछे न छोड़ें (Brain Health and Disability: Leave No One Behind) है।
क्या है सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy)
प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डायरेक्टर ऑफ़ नयूरोसर्जरी डिपार्टमेंट डॉ. विशाल जैन कहते हैं, सेरेब्रल का अर्थ है मस्तिष्क से संबंधित होना। पाल्सी कमजोरी या मांसपेशियों के उपयोग में आने वाली समस्या को कहते हैं। मस्तिष्क के असामान्य विकास या विकासित हो रहे मस्तिष्क की क्षति के कारण यह बीमारी होती है। इसके कारण किसी व्यक्ति की उसकी मांसपेशियों को नियंत्रित करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। यह चलने के तरीके, मांसपेशियों की टोन और गति के समन्वय में समस्याएं पैदा कर सकता है।
क्या हैं भारत में सेरेब्रल पाल्सी के आंकड़े
सेरेब्रल पाल्सी मोटर और विकासात्मक कौशल (Developmental Skill) को प्रभावित करने वाले तंत्रिका संबंधी विकारों (Neurological disorders) का एक समूह है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के अनुसार, सेरेब्रल पाल्सी बचपन में मस्तिष्क में होने वाला सबसे आम रोग है। भारत में यह आंकडा प्रति हजार बच्चे में 3 है।
सटीक कारण बताना मुश्किल ((Cerebral Palsy Causes)
डॉ. विशाल जैन कहते हैं, ‘सेरेब्रल पाल्सी भ्रूण या शिशु के मस्तिष्क को क्षति पहुंचने के कारण होती है। मस्तिष्क क्षति (brain damage) का सटीक कारण बताना मुश्किल हो सकता है। कई कारक बच्चे में यह स्थिति विकसित होने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण जैसे मेनिनजाइटिस
मस्तिष्क में रक्तस्राव (hemorrhaging)
जन्म के दौरान या जन्म के पहले कुछ वर्षों के भीतर सिर में लगी चोटें
जन्म से पहले या बाद में मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी
नशीली दवाओं का प्रभाव
कच्चे या अधपके मांस या मछली
इन सभी के अलावा हेल्थकेयर प्रोवाइडर की लापरवाही के कारण लगी चोट भी बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी हो सकती है।’
विकास को प्रभावित कर देते हैं इसके लक्षण ((Cerebral Palsy Symptoms)
शिशुओं में सेरेब्रल पाल्सी कई शारीरिक और तंत्रिका संबंधी लक्षण पैदा कर सकती है। यह बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकते हैं।
मांसपेशियों का छोटा होना, लार टपकते रहना, फ़्लॉपी मांसपेशी टोन, अंगों में झटका लगना, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, समन्वय और संतुलन का अभाव, निगलने या चूसने में समस्या, शरीर के हिलने-डुलने में दिक्कत होना, कठोर मांसपेशियां आदि शारीरिक लक्षण हो सकते हैं। मस्तिष्क में फ्लूइड इम्बैलेंस, व्यवहार संबंधी समस्याएं, मोटर स्किल डेवलपमेंट में देरी जैसे मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम इसके लक्षण हो सकते हैं।
निदान के लिए नियमित जांच जरूरी (Cerebral Palsy Diagnosis)
सेरेब्रल पाल्सी का निदान आमतौर पर 18 महीने से 5 वर्ष की उम्र के बीच कभी- भी किया जा सकता है। किसी बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी विकसित होने से पूरी तरह रोकने का कोई तरीका नहीं है। ऐसे कई उपाय हैं, जो माता-पिता और डॉक्टर सेरेब्रल पाल्सी वाले बच्चे को जन्म देने के जोखिम को कम कर सकते हैं। इससे बचने के लिए गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना जरूरी है। लगातार जांच से समस्याओं का पता लगाने में मदद मिल सकती है।
प्रेगनेंसी के दौरान इन उपायों को अपनाकर बचाव किया जा सकता है (Cerebral Palsy Prevention)
डॉ. विशाल के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान शराब, सिगरेट, नशीली दवाओं और बिना डॉक्टर के परामर्श की दवाओं से परहेज करें।
• भ्रूण के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले संक्रमण या वायरस जैसे कि जर्मन मिजल्स, साइटोमेगालोवायरस और जीका वायरस के संपर्क में आने से बचें।
हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि को नियंत्रित करना।
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कस्टमाइज़ करेंनियमित रूप से वैक्सीनेशन कराना
मां और बच्चे के बीच किसी भी संभावित Rh इनकॉम्पेटिबिलिटी (Rh incompatibility) की पहचान करना, जिससे हेमोलिटिक एनीमिया या पीलिया हो सकता है।
क्या संभव है सेरेब्रल पाल्सी का उपचार (Cerebral Palsy Treatment)
सेरेब्रल पाल्सी का उपचार बच्चे की स्थिति को ठीक करने पर केंद्रित नहीं है। एक बार जब किसी बच्चे में सेरेब्रल पाल्सी विकसित हो जाती है, तो इसे ठीक नहीं किया जा सकता है। इसके बजाय लक्षणों को कम करने और स्वतंत्र जीवन को प्रोत्साहित करने के लिए बच्चे की स्किल को डेवलप करने पर इसका उपचार केंद्रित होता है।
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