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पेचिश, टाइफाइड और चिकनपॉक्स जैसे रोगों का जोखिम बढ़ा सकती है फफूंद, एक्सपर्ट बता रहे हैं इससे बचाव के उपाय

फफूंद भले ही सुनने में सामान्य लगे, पर बारिश, नमी और जलभराव के बाद यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। जिनमें एयर बोर्न और वॉटर बोर्न दोनों तरह की डिजीज़ शामिल हैं।
बाढ़ और जलजमाव के कारण सामान लंबे समय तक गीले रह जाते हैं। यदि सामग्रियों को जल्दी और अच्छी तरह से सुखाया नहीं जाता है, तो इस पर फफूंद जमने लगती है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 30 Jul 2023, 09:30 am IST
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दिल्ली और एनसीआर में बाढ़ के पानी के घटने के आसार फ़िलहाल नहीं दिख रहे हैं। इससे बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन होने की संभावना कई गुना बढ़ गयी है। यदि लंबे समय तक जलजमाव बना रहता है, तो घर और आसपास के सामान जल्दी सूख नहीं पाते हैं। इससे मोल्ड मोल्ड एक्सपोजर यानी दीवार और सामान में फफूंद लगने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। इससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह मोल्ड टोक्सिसिटी कहलाती है। आइये जानते हैं मोल्ड टोक्सिसिटी (mold toxicity in flood) क्या है और इससे बचाव के क्या उपाय हो सकते हैं।

क्या है मोल्ड टोक्सिसिटी या फफूंद की समस्या (Mold Toxicity)

उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ़ हेल्थकेयर के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. शुचिन बजाज के अनुसार, बाढ़ और जलजमाव के कारण सामान लंबे समय तक गीले रह जाते हैं। यदि सामग्रियों को जल्दी और अच्छी तरह से सुखाया नहीं जाता है, तो इस पर फफूंद जमने लगती है। यह अवस्था मोल्ड टोक्सिसिटी (Mold Toxicity) कहलाती है। फंगस के संपर्क में आने से श्वसन प्रणाली, त्वचा और आंखों पर कई संक्रामक और गैर-संक्रामक स्वास्थ्य प्रभाव पड़ सकते हैं।

नमी के कारण होती है समस्या

बाढ़ या जलजमाव के कारण मोल्ड यानी फफूंद का बढ़ना आम बात है। नमी के कारण मोल्ड स्पोर या बीजाणु प्रोडयूस करते हैं। ये हवा के माध्यम से आसानी से फैलते हैं और कालोनियां बना लेते हैं। यह घर, घर में रखे सामान और स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

बढ़ जाता है एयरबोर्न डिजीज का जोखिम (Risk of Airborne disease)

डॉ. शुचिन बताते हैं, ‘लंबे समय तक पानी के कारण स्वास्थ्य समस्या का जोखिम बढ जाता है। स्थिर और दूषित पानी के मामले में वे बहुत जल्दी जलजनित (Waterborne disease) से वायुजनित समस्याओं (Airborne disease) में बदल सकते हैं। जलजनित कुछ सामान्य बीमारियां डायरिया, जिआर्डियासिस, पेचिश, टाइफाइड बुखार, ई. कोलाई संक्रमण और साल्मोनेलोसिस हो सकते हैं।

वायुजनित बीमारियां बैक्टीरिया या वायरस से छोटी श्वसन बूंदों (respiratory droplets) के माध्यम से फैलती हैं। ये बूंदें तब बाहर निकलती हैं, जब वायुजनित रोग से पीड़ित कोई व्यक्ति छींकता है, खांसता है या किसी तरह से सांस छोड़ता है। इसके कारण एंथ्रेक्स, चिकनपॉक्स, कोविड, इन्फ्लुएंजा, मेनिनजाइटिस हो सकते हैं। इसलिए तुरंत पानी को हटाना और सफाई करना जरूरी हो जाता है।

मोल्ड की सफाई और टोक्सिसिटी से होने वाली समस्या से बचाव के 7 उपाय

अगर सांस की समस्या है या रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है, तो मोल्ड से निपटना बहुत जरूरी है। मोल्ड के साथ-साथ सफाई में काम आने वाले ब्लीचिंग पाउडर से एलर्जी हो सकती है। इसलिए सतर्कता के साथ बचाव के उपाय अपनाना चाहिए।

1 गीले सामान को घर से बाहर करें (move wet items out of the house)

जितनी जल्दी हो सके घर और दीवारों को साफ करायें और सुखाएं। दरवाजे और खिड़कियां खोलें। पंखे और डीह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करें। उन सभी सामान को हटा दें, जो 48 घंटे से अधिक समय से गीली हैं। ऐसे सामान हटायें, जिन्हें पूरी तरह से साफ और सुखाया नहीं जा सकता है। ये सामान मोल्ड बर्स्ट का कारण बन सकती हैं। मोल्ड को बढ़ने से रोकने के लिए गीली वस्तुओं और सतहों को डिटर्जेंट और पानी से साफ करें।

2 वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग प्रणाली की सफाई (cleaning of ventilation and air conditioning for mold toxicity)

जिसे डिटर्जेंट के घोल से हटाया नहीं जा सकता, ब्लीच और पानी के मिश्रण का उपयोग किया जा सकता है। यदि बाढ़ के पानी ने हीटिंग या एयर कंडीशनिंग को प्रभावित किया है, तो इसे चालू न करें। हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग प्रणाली की सभी सतहें और इसके सभी घटक जो बाढ़ के दौरान जलमग्न हो गए थे, गंदगी, मलबे, बैक्टीरिया और मोल्ड सहित सूक्ष्मजीवों के लिए संभावित भंडार हैं। नमी उन क्षेत्रों में भी जमा हो सकती है, जो जलमग्न नहीं थे। इसमें भी बैक्टीरिया की वृद्धि भी हो सकती है। इसीलिए सभी सामान का पूरी तरह से निरीक्षण कर गंदगी और मलबे को साफ करें। हमेशा प्रोफेशनल से डी इन्फेक्टेंट कराएं।

सभी सामान का पूरी तरह से निरीक्षण कर गंदगी और मलबे को साफ करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

3 सुरक्षात्मक गियर पहनें (Protective Gear for mold toxicity)

यदि सफाई का प्रयास खुद कर रही हैं, तो सही गियर पहनना जरूरी है। मोल्ड हटाते समय आंखें, नाक और हाथ ढक लेना चाहिए। लंबी बाजू वाली शर्ट, लंबी पैंट और जूते भी पहनने चाहिए।

4 रेस्पिरेटर पहनें (respirator for mold toxicity)

मास्क या रूमाल मोल्ड से आपकी रक्षा नहीं कर पायेगा। मोल्ड (mold toxicity in flood) उसमें से पास हो सकता है। इसकी बजाय हार्डवेयर स्टोर और ऑनलाइन उपलब्ध एन-95 रेस्पिरेटर का उपयोग करें। एन-95 रेस्पिरेटर की बनावट इस तरह होती है कि आपकी मोल्ड से रक्षा हो पाती है। रेस्पिरेटर या मास्क को ठीक से फिट होना चाहिए

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5 गोगल्स पहनें (Goggles for mold toxicity)

मोल्ड या मोल्ड स्पोर से बचाव के लिए ऐसे गोगल्स पहनें जिनमें वेंटिलेशन छेद न हों। सफाई करते समय इसे जरूर पहनें

6 ग्लव्स का प्रयोग (Gloves for mold toxicity)

हाथों से मोल्ड या मोल्ड लगी वस्तुओं (mold toxicity in flood) को छूने से बचें। पूरे हाथ को ढंकने वाले लंबे ग्लव्स पहनें। कीटाणुनाशक, क्लोरीन ब्लीच जैसे बायोसाइड का उपयोग करते समय लंबे ग्लव्स का प्रयोग जरूरी हो जाता है। मोल्ड की अच्छी तरह सफाई होने के बाद क्षेत्र साफ और सूखा हो जाए, तो उस पर पेंट करा सकती हैं

मोल्ड की सफाई करते समय नाक पर मास्क और हाथ में ग्लव्स जरूर लगायें। चित्र शटरस्टॉक।

7 डीह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करें (Dehumidifier for mold toxicity)

यदि बेसमेंट आमतौर पर नम रहता है, तो नमी की मात्रा को कम रखने के लिए डीह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करें। बड़े टैंक वाला मॉडल लें, जो अधिक पानी जमा कर सके। इससे इसे बार-बार खाली नहीं करना पड़ेगा।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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