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Obesity Causes : मोटापे को ट्रिगर करती हैं मस्तिष्क में एक खास किस्म की संरचना, वैज्ञानिकों ने ढूंढा कारण

हालिया शोध बताते हैं कि मोटे लोगों के मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस बड़े होते हैं। इसके कारण वे अधिक खाते हैं। जिसकी वजह से कोई भी वेट लॉस प्रोग्राम उनके लिए काम नहीं कर पाता। मस्तिष्क की इस संरचना के माध्यम से भूख को नियंत्रित किया जा सकता है।
ब्रेन के हाइपोथैलेमस और मोटापे पर नए शोध से वैज्ञानिकों को इस अंग को सिकोड़ने और भूख संकेतों को नियंत्रित करने का उपचार विकसित करने में मदद मिल सकती है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 9 Aug 2023, 15:10 pm IST
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भूख अधिक लगती है, यानी आपमें हंगर पैंग्स (Hunger Pangs cause obesity) अधिक है, तो आप मोटी हो सकती हैं। भूख हमारे दिमाग को तनाव में ला देती है। इसके परिणामस्वरूप हम खानपान की गलत आदतें अपना लेते हैं। यदि उस अनुपात में शारीरिक गतिविधि कम हो, तो वजन बढ़ना और मोटापा तय है। यदि दिमाग भूख लगने की इच्छा पर नियन्त्रण कर ले, तो मोटापे को खत्म किया जा सकता है। वैज्ञानिकों के हालिया शोध कुछ इसी कार्य पर आधारित हैं। ब्रेन के हाइपोथैलेमस और मोटापे पर नए शोध से वैज्ञानिकों को इस अंग को सिकोड़ने और भूख संकेतों को नियंत्रित करने का उपचार (brain and obesity) विकसित करने में मदद मिल सकती है।

मोटापे के बारे में क्या है यह शोध (Research on obese people brain)

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में मोटे लोगों के दिमाग पर एक नया अध्ययन किया गया है। इससे पता चला है कि मोटे और अधिक वजन वाले लोगों के दिमाग में कम वजन वाले लोगों की तुलना में अलग-अलग भूख नियंत्रण केंद्र होते हैं। शोध के निष्कर्ष वजन और भोजन की खपत के लिए मस्तिष्क संरचना के जिम्मेदार होने की ओर इशारा करते हैं। अध्ययन से पता चलता है कि मस्तिष्क में बादाम के आकार का छोटा क्षेत्र हाइपोथैलेमस होता है। यह भूख के लिए यानी हम कितना खाते हैं, जिम्मेदार है। हाइपोथैलेमस के भीतर जटिल क्रिया होती है। इसमें विभिन्न कोशिका एक साथ काम करके हमें बताती है कि हम भूखे हैं या पेट भर गया है।

कैसे चलता है भूख लगने का पता (brain and obesity) 

हाइपोथैलेमस की संरचना भूख प्रदर्शित करने के लिए जिम्मेदार होती है। इसका वेंट्रोमेडियल न्यूक्लियाई तृप्ति केंद्र है। यह जब उत्तेजित होता है, तो यह खाना खाने के बाद परिपूर्णता की अनुभूति देता है। दूसरी ओर, लेटरल हाइपोथैलेमिक एरिया फीडिंग केंद्र है। यह जब उत्तेजित होता है, तो भूख की अनुभूति का कारण बनता है। हाइपोथैलेमस को उत्तेजित करने में हॉर्मोन भी जरूरी भूमिका निभाते हैं।

हंगर हार्मोन की है महत्वपूर्ण भूमिका (Hunger Hormone) 

घ्रेलिन एक हार्मोन है, जो मुख्य रूप से स्टमक में प्रोड्यूस होता है। इसकी थोड़ी-सी मात्रा छोटी आंत, पैन्क्रियाज और ब्रेन द्वारा भी जारी की जाती है। यह हॉर्मोन ‘हंगर हार्मोन’ कहा जाता है। यह भूख को उत्तेजित करता है। इससे व्यक्ति भोजन का सेवन बढ़ा सकता है और फैट डिपोजिशन को बढ़ावा मिल सकता है। घ्रेलिन का उत्पादन भले ही पेट में होता हो, लेकिन एनर्जी की जरूरत को यह देखता है। इसके आधार पर यह हाइपोथैलेमस को भोजन करने के लिए प्रेरित करता है।

हंगर हार्मोनभूख को उत्तेजित करता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

जांची गई मोटे लोगों की मस्तिष्क संरचना (hypothalamus of obese people)

इस शोध में 1351 युवाओं के ब्रेन स्कैन (Brain Scan) का विश्लेषण किया गया। इसमें कम वजन वाले, हेल्दी वजन वाले और अधिक वजन वाले या मोटापे के साथ जी रहे व्यक्तियों के हाइपोथैलेमस की तुलना की गयी। अधिक वजन वाले और मोटापे से ग्रस्त समूहों में स्वस्थ या कम वजन वाले लोगों की तुलना में हाइपोथैलेमस का आकार अधिक अधिक बड़ा देखा गया। हाइपोथैलेमस के आकार और बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के बीच संबंध देखा गया

हंगर पैंग्स पर नियन्त्रण कर कम किया जा सकता है मोटापा (control on hunger pangs for obesity)

आगे इस शोध को सूक्ष्म संरचना को भूख और खाने में बदलावों से जोड़ा जा सकता है। इससे मोटापे की अधिक व्यापक समझ पैदा हो सकती है। इससे मोटे लोगों की भूख को नियंत्रित किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, भूख को आनुवंशिकी, हार्मोन इम्बैलेंस और वातावरण जैसे कारक भी प्रभावित करते हैं

भूख को आनुवंशिकी, हार्मोन इम्बैलेंस और वातावरण जैसे कारक भी प्रभावित करते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

भूख को नियंत्रित करने में हाइपोथैलेमस की भूमिका के अधिकांश प्रमाण पशुओं के अध्ययन से मिलते हैं। जीवित व्यक्ति के मस्तिष्क पर इस तरह के शोध संभव नहीं हो पाए हैं। मोटापे के कारण टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर और खराब मेंटल हेल्थ जैसी स्वास्थ्य समस्याएं विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए मोटापे पर कंट्रोल करना जरूरी है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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